लखनऊ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार कार्यालय में घुसकर तोड़फोड़, मारपीट व गाली-गलौज करने के 42 साल पुराने मामले में फरार चल रहे पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा समेत तीन आरोपियों को एमपी-एमएलए कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और उनकी जमानत लेने वालों को नोटिस जारी किया है।
छह फरवरी, 1979 के इस प्रकरण में लापरवाही बरतने और आरोपियों को कोर्ट में पेश न करने पर इंस्पेक्टर हसनगंज के विरुद्ध प्रकीर्ण वाद दर्ज करते हुए दो नवंबर तक अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।
पुलिस ने 18 नवंबर, 1979 को मेहरोत्रा, बृजेंद्र अग्निहोत्री व अनिल कुमार सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था। वहीं हजरतगंज थान क्षेत्र में बलवा से जुड़े एक अन्य मामले में भी मेहरोत्रा, समर बहादुर सिंह व अशोक सिंह के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
साथ ही लापरवाही पर हजरतगंज इंस्पेक्टर को नोटिस जारी किया है। यह मामला 1984 का बताया गया है।
विस्तार
लखनऊ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार कार्यालय में घुसकर तोड़फोड़, मारपीट व गाली-गलौज करने के 42 साल पुराने मामले में फरार चल रहे पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा समेत तीन आरोपियों को एमपी-एमएलए कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और उनकी जमानत लेने वालों को नोटिस जारी किया है।
छह फरवरी, 1979 के इस प्रकरण में लापरवाही बरतने और आरोपियों को कोर्ट में पेश न करने पर इंस्पेक्टर हसनगंज के विरुद्ध प्रकीर्ण वाद दर्ज करते हुए दो नवंबर तक अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया है।
पुलिस ने 18 नवंबर, 1979 को मेहरोत्रा, बृजेंद्र अग्निहोत्री व अनिल कुमार सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था। वहीं हजरतगंज थान क्षेत्र में बलवा से जुड़े एक अन्य मामले में भी मेहरोत्रा, समर बहादुर सिंह व अशोक सिंह के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
साथ ही लापरवाही पर हजरतगंज इंस्पेक्टर को नोटिस जारी किया है। यह मामला 1984 का बताया गया है।