योगासनों में शवासन को सबसे आसान माना जाता है। इस आसन को शवासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसको करने पर शरीर की मुद्रा किसी मरे हुए शरीर के समान दिखाई पड़ती है। शवासन शारीरिक और मानसिक, दोनों ही सेहत के लिए बहुत अच्छा है। योगाभ्यास करते वक्त शवासन का अभ्यास सबसे अंत में किया जाता है ताकि ये शरीर को आराम की स्थिति में रखकर मस्तिष्क को शांति पहुंचा सके। आइए जानते हैं शवासन करने का तरीका एवं इससे होने वाले लाभ।
शवासन करने का तरीका-
शवासन करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और हाथों को आराम से शरीर से एक फुट की दुरी पर रखें। पैरों के बीच में भी थोड़ी दूरी रखें। अपनी उंगलियों तथा हथेली को आसमान की दिशा में रखें। बाकी शरीर को आराम की मुद्रा में रखें। आंखों को बंद करें और धीरे-धीरे सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें। इस मुद्रा में दो मिनट तक एक जैसे बने रहें।
शवासन करने के लाभ-
-शवासन तनाव को घटाने में अहम भूमिका निभाता है।
-यह शारीरिक और मानसिक, दोनों ही प्रकार की थकावट को दूर करने में लाभकारी है।
-उच्च रक्तचाप के मरीजों को नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करना चाहिए।
-ह्रदय रोगियों के लिए भी शवासन बहुत फायदेमंद है।
-बेचैनी की समस्या को दूर करने में भी शवासन अहम भूमिका निभाता है।
सावधानियां-
शवासन को करने के लिए कोई सावधानियां नहीं हैं। सभी इस आसन का अभ्यास आसानी से कर सकते हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए भी यह आसन बहुत अच्छा है और अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को भी इसका अभ्यास करते रहने चाहिए।