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अक्सर हमने अपने बड़ों को कहते सुना है कि उन्हें अपनी आंखों में कुछ दूधिया सा होने के नाते साफ दिखाई नहीं देता । लेकिन वो अपनी आंखों का परीक्षण कराने से कतराते हैं । जिससे उन्हें मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराना आवश्यक हो जाता है । शुरूआती दौर में इसकी स्थिति की जानकारी हो जाने पर आंखों को दृष्टिहीनता से बचाया जा सकता है । साथ ही
मोतियाबिंद का इलाज किसी अच्छे अस्पताल में ही कराया जाना चाहिए । यह लेख मोतियाबिंद या उसके ऑपरेशन से प्रभावित लोगों के लिए निश्चय ही सहायक होगा ।
मोतियाबिंद क्या है?
मोतियाबिंद आंख की वह स्थिति है जहां पर आंखों में दूधिया प्रभाव के कारण आप की दृष्टि धुंधली हो जाती है । मोतियाबिंद से ग्रसित लोगों की आंखो पर धुंधला बिम्ब बनता है । जिसकी वजह से उन्हें रात में देखने में मुश्किल होती है साथ ही तेज रोशनी में भी दिक्कत होती है । हाल के अध्ययनों के मुताबिक दृष्टिहीनता व दृष्टि क्षीणता का प्रमुख कारण मोतियाबिंद है ।
वृद्ध लोगों में मोतियाबिंद होने का क्या कारण है?
हमारे परिवार या रिश्तेदारों में एक सदस्य ऐसा होता ही है जिसे मोतियाबिंद हो जिसके कारण उन्हें देखने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है । मोतियाबिंद का विकास आंखों में धीरे धीरे होता है इसलिए प्रारम्भ में इसके प्रभावों का पता नहीं लग पाता । इसलिए बहुत से लोग शुरू में मोतियाबिंद का परीक्षण नहीं कराते क्योंकि शुरू में ये उनकी दृष्टि को प्रभावित नहीं करता है। यहां पर मोतियाबिंद होने के कुछ सामान्य कारणों का वर्णन किया गया है-
- उम्र बढ़ना मोतियाबिंद होने का एक सामान्य कारण है । जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है, आपकी आंखों के लेंस की लचक, मोटाई और पारदर्शिता कम होती जाती है । 60 वर्ष से अधिक की उम्र वाले लोगों को मोतियाबिंद होने की संभावना ज्यादा रहती है।
- लेंस अथवा रेटिना में लगी चोट भी मोतियाबिंद का कारण बन सकती है।
- कुछ लोगों को अन्य आनुवांशिक बीमारियों के कारण भी मोतियाबिंद होता है।
- आंख की कोई पुरानी बीमारी या सर्जरी या मधुमेह इन सब का सही इलाज न होने पर भी मोतियाबिंद हो सकता है।
- वयस्कों में स्टेरॉयड का लम्बे समय तक सेवन भी मोतियाबिंद का कारण बन सकता है।
मोतियाबिंद से रक्षा कैसे करें ?
मोतियाबिंद से रक्षा या उसके विकास को धीमा करने के लिए किसी निश्चित तरीके की अभी तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन इन उपायों से आप अपनी आंखों को स्वस्थ रख सकते हैं और सर्जरी से छुटकारा पा सकते हैं।
- नियमित आंखों की जांच कराएं । नियमित जांच से मोतियाबिंद के बारे में शुरू में ही पता लगाया जा सकता है, जिससे शीघ्र ही आवश्यक उपचार दिए जा सकते हैं ।
- अपने मधुमेह को नियंत्रित रखें । सिर्फ मधुमेह ही नहीं और अन्य शारीरिक बीमारियों को नियंत्रण में रखने की कोशिश करनी चाहिए ।
- धूम्रपान छोड़ें । धूम्रपान छोड़ने के ढेरों काउन्टर पिल्स और तरीके उपलब्ध हैं । अपने डॉक्टर की सलाह से आज ही धूम्रपान छोड़ें ।
- सनग्लासेज पहनें । जो लोग आउटडोर काम करते हैं उन्हें अल्ट्रावायलेट किरणों के सम्पर्क में अधिक रहना पड़ता है । जिससे उन्हें मोतियाबिंद होने का खतरा बढ़ जाता है । सनग्लासेज सूर्य से आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों को रोक लेते हैं, जिससे उनके आंखों की रक्षा होती है ।
एल्कोहल का सीमित मात्रा में सेवन । एल्कोहल का अत्यधिक सेवन आपकी दृष्टि को प्रभावित करता है जिससे मोतियाबिंद होने का खतरा बढ़ जाता है। स्वस्थ व संतुलित आहार। अपने आहार में फलों व सब्जियों को शामिल करने से शरीर को महत्वपूर्ण पोषक तत्व व विटामिन प्राप्त होते हैं । फलों व सब्जियों से भरपूर आहार मोतियाबिंद के खतरे को कम कर आंखों को स्वस्थ रखता है ।
मोतियाबिंद से ग्रसित होने का पता चलने के बाद, इसका सही इलाज कराना भी नितांत आवश्यक होता है । ढेरों ऐसे नेत्र चिकित्सालय हैं जो कि हजारों मरीजों की आंखों की समस्याओं का इलाज करते हैं । ऐसे ही अस्पतालों में से एक दिल्ली में मोतियाबिंद के लिए ख्यातिप्राप्त अस्पताल है Eye7 Chaudhary Eye Centre । उनके अत्याधुनिक सर्जरी के तरीके आपके
मोतियाबिंद के सही उपचार में अत्यंत लाभदायक होते हैं ।
अक्सर हमने अपने बड़ों को कहते सुना है कि उन्हें अपनी आंखों में कुछ दूधिया सा होने के नाते साफ दिखाई नहीं देता । लेकिन वो अपनी आंखों का परीक्षण कराने से कतराते हैं । जिससे उन्हें मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराना आवश्यक हो जाता है । शुरूआती दौर में इसकी स्थिति की जानकारी हो जाने पर आंखों को दृष्टिहीनता से बचाया जा सकता है । साथ ही
मोतियाबिंद का इलाज किसी अच्छे अस्पताल में ही कराया जाना चाहिए । यह लेख मोतियाबिंद या उसके ऑपरेशन से प्रभावित लोगों के लिए निश्चय ही सहायक होगा ।
मोतियाबिंद क्या है?
मोतियाबिंद आंख की वह स्थिति है जहां पर आंखों में दूधिया प्रभाव के कारण आप की दृष्टि धुंधली हो जाती है । मोतियाबिंद से ग्रसित लोगों की आंखो पर धुंधला बिम्ब बनता है । जिसकी वजह से उन्हें रात में देखने में मुश्किल होती है साथ ही तेज रोशनी में भी दिक्कत होती है । हाल के अध्ययनों के मुताबिक दृष्टिहीनता व दृष्टि क्षीणता का प्रमुख कारण मोतियाबिंद है ।
वृद्ध लोगों में मोतियाबिंद होने का क्या कारण है?
हमारे परिवार या रिश्तेदारों में एक सदस्य ऐसा होता ही है जिसे मोतियाबिंद हो जिसके कारण उन्हें देखने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है । मोतियाबिंद का विकास आंखों में धीरे धीरे होता है इसलिए प्रारम्भ में इसके प्रभावों का पता नहीं लग पाता । इसलिए बहुत से लोग शुरू में मोतियाबिंद का परीक्षण नहीं कराते क्योंकि शुरू में ये उनकी दृष्टि को प्रभावित नहीं करता है। यहां पर मोतियाबिंद होने के कुछ सामान्य कारणों का वर्णन किया गया है-
- उम्र बढ़ना मोतियाबिंद होने का एक सामान्य कारण है । जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है, आपकी आंखों के लेंस की लचक, मोटाई और पारदर्शिता कम होती जाती है । 60 वर्ष से अधिक की उम्र वाले लोगों को मोतियाबिंद होने की संभावना ज्यादा रहती है।
- लेंस अथवा रेटिना में लगी चोट भी मोतियाबिंद का कारण बन सकती है।
- कुछ लोगों को अन्य आनुवांशिक बीमारियों के कारण भी मोतियाबिंद होता है।
- आंख की कोई पुरानी बीमारी या सर्जरी या मधुमेह इन सब का सही इलाज न होने पर भी मोतियाबिंद हो सकता है।
- वयस्कों में स्टेरॉयड का लम्बे समय तक सेवन भी मोतियाबिंद का कारण बन सकता है।
मोतियाबिंद से रक्षा कैसे करें ?
मोतियाबिंद से रक्षा या उसके विकास को धीमा करने के लिए किसी निश्चित तरीके की अभी तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन इन उपायों से आप अपनी आंखों को स्वस्थ रख सकते हैं और सर्जरी से छुटकारा पा सकते हैं।
- नियमित आंखों की जांच कराएं । नियमित जांच से मोतियाबिंद के बारे में शुरू में ही पता लगाया जा सकता है, जिससे शीघ्र ही आवश्यक उपचार दिए जा सकते हैं ।
- अपने मधुमेह को नियंत्रित रखें । सिर्फ मधुमेह ही नहीं और अन्य शारीरिक बीमारियों को नियंत्रण में रखने की कोशिश करनी चाहिए ।
- धूम्रपान छोड़ें । धूम्रपान छोड़ने के ढेरों काउन्टर पिल्स और तरीके उपलब्ध हैं । अपने डॉक्टर की सलाह से आज ही धूम्रपान छोड़ें ।
- सनग्लासेज पहनें । जो लोग आउटडोर काम करते हैं उन्हें अल्ट्रावायलेट किरणों के सम्पर्क में अधिक रहना पड़ता है । जिससे उन्हें मोतियाबिंद होने का खतरा बढ़ जाता है । सनग्लासेज सूर्य से आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों को रोक लेते हैं, जिससे उनके आंखों की रक्षा होती है ।
एल्कोहल का सीमित मात्रा में सेवन । एल्कोहल का अत्यधिक सेवन आपकी दृष्टि को प्रभावित करता है जिससे मोतियाबिंद होने का खतरा बढ़ जाता है। स्वस्थ व संतुलित आहार। अपने आहार में फलों व सब्जियों को शामिल करने से शरीर को महत्वपूर्ण पोषक तत्व व विटामिन प्राप्त होते हैं । फलों व सब्जियों से भरपूर आहार मोतियाबिंद के खतरे को कम कर आंखों को स्वस्थ रखता है ।
मोतियाबिंद से ग्रसित होने का पता चलने के बाद, इसका सही इलाज कराना भी नितांत आवश्यक होता है । ढेरों ऐसे नेत्र चिकित्सालय हैं जो कि हजारों मरीजों की आंखों की समस्याओं का इलाज करते हैं । ऐसे ही अस्पतालों में से एक दिल्ली में मोतियाबिंद के लिए ख्यातिप्राप्त अस्पताल है Eye7 Chaudhary Eye Centre । उनके अत्याधुनिक सर्जरी के तरीके आपके
मोतियाबिंद के सही उपचार में अत्यंत लाभदायक होते हैं ।