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CAPF Recruitment process of Assistant Commandant stuck between UPSC and Union Home Ministry
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CAPF Recruitment: UPSC और गृह मंत्रालय के बीच फंसे भावी 'ग्राउंड कमांडर', भर्ती में लेटलतीफी से टूट रहा हौसला
CAPF Recruitment: साल 2021 की भर्ती प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो सकी। गत वर्ष नवंबर माह में साक्षात्कार शुरू हुए थे। पांच दिन में करीब सत्तर उम्मीदवारों का साक्षात्कार पूरा हो गया था, लेकिन उसके बाद इंटरव्यू प्रक्रिया को रोक दिया गया। इसके साथ ही 2022 की भर्ती के तहत पीईटी शुरू होनी थी, उस पर भी ब्रेक लग गया...
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में सहायक कमांडेंट यानी 'ग्राउंड कमांडर' की भर्ती प्रक्रिया, यूपीएससी और केंद्रीय गृह मंत्रालय के बीच फंसकर रह गई है। भर्ती में हो रही लेटलतीफी से भावी ग्राउंड कमांडरों का हौसला टूटता जा रहा है। यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद युवाओं को वर्दी मिलने में लगभग चार वर्ष लग जाते हैं। इस वजह से ट्रेनिंग, पोस्टिंग व पदोन्नति सहित करियर से जुड़ी कई बातों पर विपरित असर पड़ता है। साल 2020 में परीक्षा पास कर चुके करीब डेढ़ सौ युवा, अभी तक सीआईएसएफ व सीआरपीएफ में नियुक्ति मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद 2021 की भर्ती प्रक्रिया में शामिल 454 आवेदकों का साक्षात्कार अटका है। इनमें से सहायक कमांडेंट के पद पर 170 युवाओं का चयन होना है। इसके बाद 2022 की भर्ती प्रकिया का अंदाजा लगाया जा सकता है। अप्रैल 2023 में सहायक कमांडेंट के पदों की नई भर्ती भी निकलनी है। भर्ती प्रक्रिया समय पर पूरी न होने के कारण, एक आवेदक दूसरे व तीसरे वर्ष की परीक्षा में बैठ जाता है। इस वजह से ओवरलेप होता है, सीट खराब जाती हैं व फ्रेश आवेदकों के अवसर कम होते चले जाते हैं।
2019 के बाद से ट्रैक पर नहीं है भर्ती प्रक्रिया
यूपीएससी की परीक्षा पास कर चुके ऐसे युवाओं का कहना है कि 2019 के बाद से भर्ती प्रक्रिया में बहुत ज्यादा देरी हो रही है। 2019 से पहले हर साल अप्रैल में फॉर्म निकलते थे। कुछ माह में लिखित परीक्षा और उसके बाद दिसंबर में फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट 'पीईटी' हो जाता था। दो-चार माह बाद साक्षात्कार होता था। लगभग एक साल में भर्ती प्रक्रिया पूर्ण हो जाती थी। अब वही भर्ती प्रक्रिया दो तीन साल बाद पूरी हो रही है। 2019 में जो युवा, यूपीएससी की परीक्षा में बैठे थे, उन्हें 2022 में ज्वाइनिंग मिली है।
इसके बाद 2020 में भर्ती निकली। दिसंबर में लिखित परीक्षा हुई। उसके एक साल बाद यानी दिसंबर 2021 में साक्षात्कार होता है। जनवरी 2022 में रिजल्ट आता है। इनकी ज्वाइनिंग भी कुछ माह पहले ही हुई है। हालांकि इस भर्ती में भी कोर्ट मैटर के चलते सीआईएसएफ व सीआरपीएफ के लिए चयनित युवाओं की ज्वाइनिंग अभी बची हुई है।
2021 की भर्ती प्रक्रिया अभी तक अधर में लटकी है
साल 2021 की भर्ती प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो सकी। गत वर्ष नवंबर माह में साक्षात्कार शुरू हुए थे। पांच दिन में करीब सत्तर उम्मीदवारों का साक्षात्कार पूरा हो गया था, लेकिन उसके बाद इंटरव्यू प्रक्रिया को रोक दिया गया। इसके साथ ही 2022 की भर्ती के तहत पीईटी शुरू होनी थी, उस पर भी ब्रेक लग गया। यहां पर भी कोई कोर्ट केस रहा था, लेकिन अब उसका निपटारा हो चुका है। उम्मीदवारों का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया पूरी होने में जो देरी लग रही है, उससे कई दिक्कतें पैदा होती हैं। एक ही व्यक्ति, 2019, 2020 व 2021 की परीक्षा में बैठ रहा है। अगर आयु बचती है तो वह 2022 की परीक्षा में भी आवेदन कर देता है। ऐसे में एक ही उम्मीदवार कई बार परीक्षा पास कर लेता है। ओवरलेप होता है और इससे सीट भी खराब होती है।
जो युवा, कई बार इस परीक्षा को पास कर चुके हैं, अगर वे दोबारा से परीक्षा में बैठते हैं, तो उससे मेरिट बढ़ती चली जाती है। कटऑफ, सामान्य अंकों से बहुत ऊपर पहुंच जाती है। इन परिस्थितियों में जो उम्मीदवार पहली बार परीक्षा में बैठते हैं, उनके लिए अवसर कम होने लगते हैं। दूसरी ओर जब भर्ती प्रक्रिया तीन साल वर्ष में पूरी होगी, तो आगे कई बातों पर असर देखने को मिलता है। भावी कमांडरों को पदोन्नति के अलावा वित्तीय नुकसान भी उठाना पड़ता है। इसके अलावा कई जांच एजेंसियों व सुरक्षा बलों में प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए आयु निश्चित होती है। इस पर भी देरी से ज्वाइनिंग का असर पड़ता है।
भावनाओं को भी ठेस पहुंचाती है यह देरी ...
उम्मीदवारों के मुताबिक, चूंकि ग्राउंड कमांडर से सीएपीएफ में शुरुआत होना, अपने आप में गौरव की बात है। इस पद के लिए युवा, देश सेवा का जुनून लेकर आते हैं। वे भावनाओं के साथ सीएपीएफ से जुड़ जाते हैं। यही वजह है कि वे किसी दूसरे क्षेत्र में जाने के लिए नहीं सोचते। उन्हें सीएपीएफ में ही जाना है, इसलिए वे दूसरे और तीसरे वर्ष भी यूपीएससी की परीक्षा में बैठ जाते हैं। अगर यही भर्ती प्रक्रिया तय समय में पूरी हो, तो मुश्किल से डेढ़ वर्ष के भीतर ही भावी ग्राउंड कमांडरों को ट्रेनिंग पर जाने का अवसर मिल जाता है। परीक्षा पास कर चुके उम्मीदवार, रोजाना ही यूपीएससी या गृह मंत्रालय में फोन करते रहते हैं। उन्हें कहीं से भी कोई संतुष्टि वाला जवाब नहीं मिलता। एक दूसरे पर टालमटोल देखा जाता है।
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इस साल मार्च-अप्रैल में सिविल सर्विस के पहले चरण के साक्षात्कार हैं। ऐसे में जुलाई-अगस्त तक भी सहायक कमांडेंट के लिए साक्षात्कार हो जाएं, ये उम्मीद कम ही नजर आती है। उम्मीदवारों का कहना है कि 2021 की भर्ती प्रक्रिया तो सिविल सर्विस के साक्षात्कार शेड्यूल के साथ ही पूरा करा दें। उम्मीदवारों ने यूपीएससी और केंद्रीय गृह मंत्रालय से अपील की है कि उनके जज्बे को कमजोर न पड़ने दें और समय रहते उन्हें ज्वाइनिंग दी जाए।
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