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महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार कोरोना वायरस के मरीजों और संदिग्ध मामलों के लिए मौजूदा दिशा-निर्देशों के तहत आवश्यक 14 दिन के पृथक-वास (क्वारंटीन) अवधि को कम करने के लिए आईसीएमआर के नए निर्देशों का इंतजार कर रही है। उन्होंने एक अध्ययन का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि सरकार मरीजों को अस्पताल से छुट्टी देने से पहले दो बार जांच करने के बजाय केवल एक बार जांच करने के बाद घर भेज सकती है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक टोपे ने एक मराठी समाचार चैनल से कहा, 'मुझे उस नए अध्ययन की जानकारी है, जिसमें सरकारी केंद्रों में लोगों के लिए सात दिन की पृथक-वास अवधि का सुझाव दिया गया है।' उन्होंने कहा कि मरीज को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी देने से पहले 24 घंटे के अंतराल में दो बार जांच की जाती है। उन्होंने कहा कि नए अध्ययन के अनुसार सरकार केवल एक बार जांच करने के बाद भी मरीज को छुट्टी दे सकती है।
टोपे ने कहा, 'इससे सरकार के पास और जांच किट उपलब्ध होगी और समय की बचत होगी। हम इस संबंध में नयी दिल्ली स्थित भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से आधिकारिक संवाद का इंतजार कर रहे हैं।' इस बीच, टोपे ने जानकारी दी कि राज्य सरकार प्रतिदिन करीब आठ हजार नमूनों की जांच कर रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप कोरोना वायरस संक्रमण के अधिक मामले सामने आ रहे हैं।
बता दें कि मंगलवार शाम से महाराष्ट्र में अभी तक कोरोना वायरस के 34 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां कुल मौतों का आंकड़ा 617 पहुंच गया है जो देश में किसी भी राज्य से ज्यादा है। कोरोना मामलों की संख्या भी यहां देश में सबसे ज्यादा है, यहां कोरोना संक्रमण के अभी तक 15,525 मामले सामने आ चुके हैं। पूरे देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 49,391 हो गई है और मृतकों की संख्या 1694 हो गई है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार कोरोना वायरस के मरीजों और संदिग्ध मामलों के लिए मौजूदा दिशा-निर्देशों के तहत आवश्यक 14 दिन के पृथक-वास (क्वारंटीन) अवधि को कम करने के लिए आईसीएमआर के नए निर्देशों का इंतजार कर रही है। उन्होंने एक अध्ययन का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि सरकार मरीजों को अस्पताल से छुट्टी देने से पहले दो बार जांच करने के बजाय केवल एक बार जांच करने के बाद घर भेज सकती है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक टोपे ने एक मराठी समाचार चैनल से कहा, 'मुझे उस नए अध्ययन की जानकारी है, जिसमें सरकारी केंद्रों में लोगों के लिए सात दिन की पृथक-वास अवधि का सुझाव दिया गया है।' उन्होंने कहा कि मरीज को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी देने से पहले 24 घंटे के अंतराल में दो बार जांच की जाती है। उन्होंने कहा कि नए अध्ययन के अनुसार सरकार केवल एक बार जांच करने के बाद भी मरीज को छुट्टी दे सकती है।
टोपे ने कहा, 'इससे सरकार के पास और जांच किट उपलब्ध होगी और समय की बचत होगी। हम इस संबंध में नयी दिल्ली स्थित भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) से आधिकारिक संवाद का इंतजार कर रहे हैं।' इस बीच, टोपे ने जानकारी दी कि राज्य सरकार प्रतिदिन करीब आठ हजार नमूनों की जांच कर रही हैं, जिसके परिणामस्वरूप कोरोना वायरस संक्रमण के अधिक मामले सामने आ रहे हैं।
बता दें कि मंगलवार शाम से महाराष्ट्र में अभी तक कोरोना वायरस के 34 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां कुल मौतों का आंकड़ा 617 पहुंच गया है जो देश में किसी भी राज्य से ज्यादा है। कोरोना मामलों की संख्या भी यहां देश में सबसे ज्यादा है, यहां कोरोना संक्रमण के अभी तक 15,525 मामले सामने आ चुके हैं। पूरे देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 49,391 हो गई है और मृतकों की संख्या 1694 हो गई है।