दस महीने के बाद पूर्वी लद्दाख पर भारतीय और चीनी सेना द्वारा तैनात किए गए टैंकों को हटाया जा रहा है। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के किनारे तैनात किए गए टैंकों को हटाया जा रहा है। भारतीय सेना के नॉर्थन कमांड ने टैंकों को हटाने की प्रक्रिया की कई तस्वीरें शेयर की हैं।
पिछले दस महीनों से दोनों देशों की सेनाएं अपने-अपने इलाके में तैनात थी। इसके अलावा भारतीय सेना की ओर से वीडियो भी जारी की गई है, जिसमें दोनों देशों की सेनाओं की ओर से टैंकों को हटाने की प्रक्रिया देखी जा सकती है। बता दें कि रक्षा सूत्रों ने जानकारी दी थी कि पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो (झील) के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से भारत और चीन की सेनाओं की वापसी प्रक्रिया योजना के मुताबिक चल रही है और अगले छह से सात दिनों में वापसी की प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया था कि कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने कई बंकर, अस्थायी चौकियां और अन्य ढांचों को उत्तरी किनारे वाले इलाकों से हटा लिया है और क्षेत्र में अपने सैनिकों की संख्या धीरे-धीरे कम कर रही है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के फील्ड कमांडर लगभग रोजाना बैठक कर रहे हैं ताकि वापसी की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकें, जिसे नौ दौर की उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता के बाद पिछले हफ्ते अंतिम रूप दिया गया था।
सूत्रों ने कहा कि पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से वापसी की प्रक्रिया के पूरा होने में लगभग एक हफ्ते का समय लगेगा और दोनों पक्ष सैनिकों एवं उपकरणों की वापसी प्रक्रिया का सत्यापन कर रहे हैं। नौ महीने के गतिरोध के बाद दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग के उत्तर और दक्षिण किनारों से वापसी पर रजामंद हुईं जिसके तहत दोनों पक्षों को चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से सेनाओं को अग्रिम मोर्चे से हटाना है। वापसी की प्रक्रिया पिछले बुधवार को शुरू हुई थी।
गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में वापसी समझौते पर विस्तृत बयान दिया था। राजनाथ सिंह ने बताया था कि समझौते के मुताबिक चीन को उत्तरी किनारे पर ‘फिंगर आठ’ के पूर्वी इलाकों की तरफ सैनिकों को लेकर जाना है जबकि भारतीय सेना क्षेत्र में ‘फिंगर तीन’ के पास धन सिंह थापा पोस्ट स्थित स्थायी अड्डे पर लौटेगी। इसी तरह की कार्रवाई झील के दक्षिणी किनारे पर भी होगी।