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Gaganyaan space mission under progress unmanned mission target december manned isro chief k sivan
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2021 में अंतरिक्ष पहुंचेंगे सात हिंदुस्तानी, इसरो प्रमुख ने गगनयान मिशन को बताया टर्निंग पॉइंट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अनिल पांडेय
Updated Fri, 11 Jan 2019 12:17 PM IST
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवान ने आज गगनयान मिशन के संबंध में प्रेसवार्ता की। उन्होंने बताया कि इस मिशन पर काम जारी है और यह इसरो के लिए एक बड़ा टर्निंग पॉइंट है। इसरो प्रमुख सिवान ने बताया कि दो मानवरहित स्पेस मिशन का लक्ष्य दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 रखा गया है। इसके अलावा अंतरिक्ष के मानव मिशन के लिए दिसंबर 2021 का समय निर्धारित किया गया है।
ISRO Chief K Sivan: The preparations for Gaganyaan Mission are underway. It has been a major turning point for ISRO. pic.twitter.com/Ap05lF8jcx
ISRO Chief K Sivan: The target for two unmanned missions to space is December 2020 and July 2021. The target for a manned mission to space is December 2021. pic.twitter.com/6YtTrTGaxN
बजट पास होने के बाद क्रू की ट्रेनिंग पर काम शुरू हो चुका है। इसमें जरूरत पड़ने पर विदेशी ट्रेनिंग को भी शामिल किया जा सकता है। क्रू मेंबर का चुनाव इसरो और आईएएफ द्वारा संयुक्त तौर पर किया जा रहा है। जिसके बाद उन्हें दो से तीन सालों तक ट्रेनिंग दी जाएगी। इस मिशन के लिए राकेश शर्मा का भी परामर्श लिया जाएगा। राकेश शर्मा भारत के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अंतरिक्ष की यात्रा की थी। लेकिन वह सोवियत संघ के अंतरिक्ष अभियान के तहत गए थे। साल 2022 तक भारतीय एजेंसी के दम पर जाने का किसी भारतीय का ये पहला अवसर होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि मानव मिशन बेहद मुश्किल काम होता है। अगर ये आसान होता तो आज केवल दुनिया में तीन ही देश इसे सफल करने वाले नहीं होते बल्कि और भी देश इस सूची में होते। इसरो को इसके लिए बाहुबली रॉकेट की ह्यूमन रेटिंग करनी पड़ेगी,प्री मॉड्यूल बनाना पड़ेगा। इसके अलावा उसे ये भी योजना बनानी पड़ेगी कि अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में क्या काम करेंगे और क्या खाएंगे।
इसके साथ ही अंतरिक्ष यात्रियों के वापस आने के लिए भी तैयारियां की जाएंगी। इसरो का कहना है कि अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी अरेबियन सी में होगी। इसे कर पाना काफी मुश्किल हो सकता है लेकिन इसके लिए इसरो पूरी तैयारी कर रहा है।
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