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दिल्ली की रहने वाली 21 साल की मेहर सिंह को बचपन में ही उन्हें पोलियो हो गया था। जिसके चलते वे अपने पैरों पर चल-फिर नहीं पाती थीं। यहां तक कि दैनिक कार्यों के लिए भी उन्हें परिवार के लोगों की मदद लेनी पड़ती थी। लेकिन उनकी परेशानी तब और बढ़ गई जब उनका वजन धीरे-धीरे बढ़ने लगा, जो बढ़कर 102 किलो तक पहुंच गया। इतना वजन बढ़ने के बाद परिवार के लोग भी उन्हें उठाने-बिठाने में असहाय दिखने लगे। जिसके बाद उन्होंने एक डॉक्टर की मदद ली।
डॉक्टर ने मेहर सिंह का विभिन्न तरीकों से इलाज किया और उन्हें बेहतर डाइट प्लान फॉलो करने के लिए कहा, जिससे उनका वजन कम होने लगा। आज वे केवल 61.2 किलो की हैं। मेहर सिंह के लिए यह एक बड़ी 'उपलब्धि' है कि वे अब अपना हर काम स्वयं कर पाती हैं। परिवार के लोगों को भी मेहर सिंह की इस प्रगति पर काफी खुशी हैं।
क्या कहते हैं डॉक्टर
मेहर सिंह का ट्रीटमेंट करने वाले बीएलके अस्पताल के डॉक्टर दीपगोयल कहते हैं कि इस तरह के पेशेंट के साथ सबसे बड़ी परेशानी यह होती है कि उनकी शारीरिक गतिविधि बेहद कम होती है। वहीं घर वाले प्यार और सहानुभूतिवश उन्हें अक्सर कुछ न कुछ खाने के लिए कहते रहते हैं। ऐसे में उस भोजन का पूरा सदुपयोग नहीं हो पाता और यह शरीर में फैट के रुप में जमा होता रहता है। वजन बढ़ने के साथ-साथ पेशेंट की समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं।
कैसे किया इलाज
डॉक्टर दीपगोयल के मुताबिकअतिरिक्त फैट को निकालने के लिए उन्हें मेहर सिंह की सर्जरी भी करनी पड़ी। साथ ही, उनके डाइट प्लान में कार्बोहाइड्रेट को बेहद कम कर दिया गया। उन्हें कुछ विशेष विटामिंस के इंजेक्शन भी देने पड़े, जिससे अचानक भोजन कम होने से शरीर पर नकारात्मक असर न पड़े। उन्होंने मेहर सिंह को कुछ विशेष व्यायाम भी करने की सलाह भी दी, जिससे उनका वजन लगातार कम होने लगा। अब वे काफी फिट हो गई हैं और अपने सारे काम खुद से निबटाने में समर्थ हैं।
दिव्यांग बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान जरुरी
डॉक्टर दीपगोयल ने बताया कि वजन बढ़ने की परेशानी एक महामारी की तरह फैलती जा रही है। लेकिन दिव्यांग बच्चे और युवा आसानी से इसके शिकार होते हैं क्योंकि उनकी शारीरिक गतिविधियां कम होती हैं और भोजन की अधिकता होने से उनका वजन बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए दिव्यांग लोगों के भोजन की क्वालिटी बेहतर और मात्रा आवश्यकता के अनुरुप होना चाहिए। अगर डाइटीशियन से मिलकर ऐसे बच्चों का डाइट प्लान बना लिया जाए, तो उनका स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहता है।
पीएम ने शुरु किया फिट इंडिया मूवमेंट
राष्ट्रीय खेल दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'फिट इंडिया मूवमेंट' (Fit India Movement) की शुरुआत की है। उन्होंने खेलों के जरिए लोगों का स्वास्थ्य सुधारने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर लोग फिट रहेंगे, तो वे देश के विकास में योगदान देंगे। डॉक्टर दीपगोयल ने कहा कि इस आयोजन को दिव्यांग लोगों के स्वास्थ्य से भी जोड़कर देखा जाना चाहिए। उन्हें विशेष व्यायाम करने चाहिए और उनके भोजन को उनकी गतिविधि के लिहाज से बेहतर और गुणवत्तापूर्ण रखना चाहिए। ताकि दिव्यांग लोग भी राष्ट्रनिर्माण में अपना योगदान दे सकें।
दिल्ली की रहने वाली 21 साल की मेहर सिंह को बचपन में ही उन्हें पोलियो हो गया था। जिसके चलते वे अपने पैरों पर चल-फिर नहीं पाती थीं। यहां तक कि दैनिक कार्यों के लिए भी उन्हें परिवार के लोगों की मदद लेनी पड़ती थी। लेकिन उनकी परेशानी तब और बढ़ गई जब उनका वजन धीरे-धीरे बढ़ने लगा, जो बढ़कर 102 किलो तक पहुंच गया। इतना वजन बढ़ने के बाद परिवार के लोग भी उन्हें उठाने-बिठाने में असहाय दिखने लगे। जिसके बाद उन्होंने एक डॉक्टर की मदद ली।
डॉक्टर ने मेहर सिंह का विभिन्न तरीकों से इलाज किया और उन्हें बेहतर डाइट प्लान फॉलो करने के लिए कहा, जिससे उनका वजन कम होने लगा। आज वे केवल 61.2 किलो की हैं। मेहर सिंह के लिए यह एक बड़ी 'उपलब्धि' है कि वे अब अपना हर काम स्वयं कर पाती हैं। परिवार के लोगों को भी मेहर सिंह की इस प्रगति पर काफी खुशी हैं।
क्या कहते हैं डॉक्टर
मेहर सिंह का ट्रीटमेंट करने वाले बीएलके अस्पताल के डॉक्टर दीपगोयल कहते हैं कि इस तरह के पेशेंट के साथ सबसे बड़ी परेशानी यह होती है कि उनकी शारीरिक गतिविधि बेहद कम होती है। वहीं घर वाले प्यार और सहानुभूतिवश उन्हें अक्सर कुछ न कुछ खाने के लिए कहते रहते हैं। ऐसे में उस भोजन का पूरा सदुपयोग नहीं हो पाता और यह शरीर में फैट के रुप में जमा होता रहता है। वजन बढ़ने के साथ-साथ पेशेंट की समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं।
कैसे किया इलाज
डॉक्टर दीपगोयल के मुताबिकअतिरिक्त फैट को निकालने के लिए उन्हें मेहर सिंह की सर्जरी भी करनी पड़ी। साथ ही, उनके डाइट प्लान में कार्बोहाइड्रेट को बेहद कम कर दिया गया। उन्हें कुछ विशेष विटामिंस के इंजेक्शन भी देने पड़े, जिससे अचानक भोजन कम होने से शरीर पर नकारात्मक असर न पड़े। उन्होंने मेहर सिंह को कुछ विशेष व्यायाम भी करने की सलाह भी दी, जिससे उनका वजन लगातार कम होने लगा। अब वे काफी फिट हो गई हैं और अपने सारे काम खुद से निबटाने में समर्थ हैं।
दिव्यांग बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान जरुरी
डॉक्टर दीपगोयल ने बताया कि वजन बढ़ने की परेशानी एक महामारी की तरह फैलती जा रही है। लेकिन दिव्यांग बच्चे और युवा आसानी से इसके शिकार होते हैं क्योंकि उनकी शारीरिक गतिविधियां कम होती हैं और भोजन की अधिकता होने से उनका वजन बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए दिव्यांग लोगों के भोजन की क्वालिटी बेहतर और मात्रा आवश्यकता के अनुरुप होना चाहिए। अगर डाइटीशियन से मिलकर ऐसे बच्चों का डाइट प्लान बना लिया जाए, तो उनका स्वास्थ्य भी बेहतर बना रहता है।
पीएम ने शुरु किया फिट इंडिया मूवमेंट
राष्ट्रीय खेल दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'फिट इंडिया मूवमेंट' (Fit India Movement) की शुरुआत की है। उन्होंने खेलों के जरिए लोगों का स्वास्थ्य सुधारने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर लोग फिट रहेंगे, तो वे देश के विकास में योगदान देंगे। डॉक्टर दीपगोयल ने कहा कि इस आयोजन को दिव्यांग लोगों के स्वास्थ्य से भी जोड़कर देखा जाना चाहिए। उन्हें विशेष व्यायाम करने चाहिए और उनके भोजन को उनकी गतिविधि के लिहाज से बेहतर और गुणवत्तापूर्ण रखना चाहिए। ताकि दिव्यांग लोग भी राष्ट्रनिर्माण में अपना योगदान दे सकें।