न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: देव कश्यप
Updated Thu, 02 Jan 2020 06:36 PM IST
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को तीनों सेनाओं (थल सेना, वायुसेना और नौसेना) के प्रमुखों के साथ बैठक की। बिपिन रावत के सीडीएस बनने के बाद यह दूसरी बार है जब उन्होंने तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय ने दी है।
वायु रक्षा कमान के गठन के लिए 30 जून तक प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश
बैठक के दौरान सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने निर्देश जारी किए हैं कि एयर डिफेंस कमांड बनाने का प्रस्ताव 30 जून, 2020 तक तैयार किया जाए। उन्होंने उन्होंने 31 दिसंबर तक तीनों सेनाओं के बीच तालमेल के क्रियान्वयन के लिए प्राथमिकताएं भी तय कीं। वायु रक्षा कमान के गठन का मकसद देश के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा अभेद्य बनाना है।
अधिकारियों ने बताया कि तीनों सेनाओं की संयुक्तता और तालमेल लाने के लिए कुछ क्षेत्रों की पहचान की गई है। इनमें उन स्टेशनों पर जहां दो या अधिक सेनाओं की मौजूदगी हो, वहां कॉमन ‘लॉजिस्टिक सपोर्ट पूल’ की स्थापना करना भी शामिल है।
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को तीनों सेनाओं (थल सेना, वायुसेना और नौसेना) के प्रमुखों के साथ बैठक की। बिपिन रावत के सीडीएस बनने के बाद यह दूसरी बार है जब उन्होंने तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक की। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय ने दी है।
वायु रक्षा कमान के गठन के लिए 30 जून तक प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश
बैठक के दौरान सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने निर्देश जारी किए हैं कि एयर डिफेंस कमांड बनाने का प्रस्ताव 30 जून, 2020 तक तैयार किया जाए। उन्होंने उन्होंने 31 दिसंबर तक तीनों सेनाओं के बीच तालमेल के क्रियान्वयन के लिए प्राथमिकताएं भी तय कीं। वायु रक्षा कमान के गठन का मकसद देश के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा अभेद्य बनाना है।
अधिकारियों ने बताया कि तीनों सेनाओं की संयुक्तता और तालमेल लाने के लिए कुछ क्षेत्रों की पहचान की गई है। इनमें उन स्टेशनों पर जहां दो या अधिक सेनाओं की मौजूदगी हो, वहां कॉमन ‘लॉजिस्टिक सपोर्ट पूल’ की स्थापना करना भी शामिल है।