महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या के मामले में जिला के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि उन्हें अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया गया है। अतिरिक्त एसपी पालघर में पुलिस महकमे की जिम्मेदारी संभालेंगे।
देशमुख आज दिन में गडचिंचले गांव में गए थे जहां 16 अप्रैल की रात लिंचिंग की यह घटना हुई थी। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से बातचीत की।मंत्री ने कहा कि यह घटना मानवता पर कलंक है।
देशमुख ने एक वीडियो संदेश में कहा कि मैंने वहां जनप्रतिनिधियों, विधायक, सांसद, ग्राम पंचायत के सदस्यों और अन्य से भेंट की। उसके बाद राज्य सरकार ने पालघर के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह को अनिवार्य अवकाश पर भेजने का फैसला लिया। मंत्री ने कहा कि पुलिस अधीक्षक का प्रभार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को दिया जाएगा। इस मामले की जांच महाराष्ट्र पुलिस की अपराध शाख (सीआईडी) कर रही है।
इससे पहले पालघर में भीड़ द्वारा साधुओं की पीट-पीटकर हत्या के मामले में पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर सहित दो हेड कांस्टेबलों को निलंबित कर दिया था। मामले में दो पुलिसवालों को पहले ही निलंबित किया जा चुका है। इसके अलावा कासा पुलिस थाने के 35 पुलिसकर्मियों का तबादला भी किया गया था।
110 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों और 110 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जिनमें से 101 को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था और नौ नाबालिगों को एक किशोर आश्रय गृह में भेज दिया गया था।
पालघर में उनकी कार पर हमला किया गया और इस हमले में चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरि (70), सुशील गिरि महाराज (35) और कार के ड्राइवर नीलेश तेलगडे (30) को हिंसक भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला। दोनों संत अपने वरिष्ठ संत की अंतिम क्त्रिस्या कर्म में शामिल होने के लिए सूरत जा रहे थे।