लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   Chhattisgarh ›   After 17 years, imli market area freed by CRPF from occupation of Naxalites

CRPF: 17 वर्ष बाद नक्सलियों के कब्जे से मुक्त हुआ ये इलाका, अब एशिया का बड़ा 'इमली' बाजार लेगा नई करवट

Jitendra Bhardwaj जितेंद्र भारद्वाज
Updated Thu, 02 Feb 2023 03:44 PM IST
सार

CRPF: व्यापार रूट को दोबारा से शुरू कराने के लिए सीआरपीएफ की 165वीं बटालियन ने आईजी (ऑपरेशन) छत्तीसगढ़, डीआईजी (ऑपरेशन) सुकमा और एसपी व एएसपी सुकमा के साथ मिलकर नक्सलियों के खिलाफ रणनीति तैयार की, जो सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी चुनौती थी...

CRPF: 165वीं बटालियन
CRPF: 165वीं बटालियन - फोटो : Amar Ujala

विस्तार

केंद्रीय सुरक्षा बल 'सीआरपीएफ' की 165वीं बटालियन ने छत्तीसगढ़ पुलिस को साथ लेकर एक ऐसा मुश्किल कार्य, संभव कर दिखाया है जिसका इंतजार 2006 से हो रहा था। सफलता की इस दहलीज तक पहुंचने के लिए सीआरपीएफ को कई बड़े जोखिमों से गुजरना पड़ा है, नक्सलियों के अनेक हमलों को नाकाम किया गया। 17 वर्ष के दौरान नक्सलियों के खिलाफ सैंकड़ों छोटे-बड़े ऑपरेशन किए गए। 2006 से पहले इमली मार्केट को लेकर जिस क्षेत्र की एशिया में तूती बोलती थी, नक्सलियों ने उसे बंद कर दिया था। सीआरपीएफ ने पुलिस के सहयोग से अब बीजापुर और दंतेवाड़ा को जोड़ने वाले व्यापार मार्ग को नक्सलियों के कब्जे से मुक्त करा दिया है। इतना ही नहीं, महज तीस दिन के भीतर वहां पर दो फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) भी स्थापित कर दिए। ये एफओबी 'बेडरे' और 'कुंदर' में तैयार किए गए हैं। इसके चलते एशिया का सबसे बड़ा 'इमली' बाजार, अब एक नई करवट लेने की राह पर चल पड़ा है।

विकासात्मक गतिविधियों को मिलेगी रफ्तार

अधिकारियों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ और दूसरे राज्यों के नक्सल प्रभावित इलाकों में सीआरपीएफ, स्थानीय पुलिस को साथ लेकर माओवादियों के ठिकानों पर दबिश दे रही है। सीआरपीएफ और राज्य पुलिस द्वारा, नक्सलियों को खदेड़ कर वहां फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (एफओबी) स्थापित किए जा रहे हैं। ये बेस न केवल रणनीतिक तौर पर, अपितु आसपास के क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों को भी पूरी तरह से खत्म करने में सहायक होंगे। इन कैंपों के जरिए स्थानीय निवासियों का भी आत्मविश्वास बढ़ जाता है। लंबे समय तक नक्सलियों के प्रभाव को झेल चुके स्थानीय लोग, अब विकास का नया सवेरा देखना चाहते हैं। सुरक्षा बलों की मौजूदगी में वहां बहुप्रतीक्षित विकासात्मक गतिविधियों को भी अब रफ्तार मिलने लगी है।

नक्सलियों ने सड़कें खोदी तो नष्ट किए बिजली उपकरण

सीआरपीएफ की 165वीं बटालियन ने लोकल पुलिस को साथ लेकर इमली बाजार के रूट को नक्सलियों के कब्जे से मुक्त कराने की रणनीति बनाई। 2006 के बाद जिला मुख्यालय बीजापुर और दंतेवाड़ा को जोड़ने वाला पुराना व्यापार मार्ग बाधित हो गया था। एशिया के सबसे बड़े इमली बाजार पर इसका व्यापक असर देखने को मिला। आंध्र प्रदेश, केरल व तमिलनाडु सहित कई क्षेत्रों की कनेक्टिविटी खत्म हो गई। माओवादियों ने एक रणनीति के तहत यहां की सड़कों को खोद दिया। उन्हें बीच से काट दिया। गहरी खाई खोदी गई। बिजली उपकरणों को नष्ट कर दिया गया। इस इलाके में नक्सलियों ने सरकारी योजनाओं का रास्ता रोक दिया। यहां तक कि कौन किसके साथ शादी करेगा, कुछ जगहों पर नक्सली इस हस्तक्षेप तक भी पहुंच गए थे। वे अपनी अघोषित सरकार चलाने लगे। सरकारी स्कीम के तहत कोई विकास कार्य जैसे तालाब खुदाई का कार्य होता तो उसमें से 20 फीसदी राशि ले लेते थे।

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

;

Followed

;