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अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस: मंद बुद्धि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएगा सीआरसी, चलाया जा रहा कोर्स
नीरज मिश्रा, गोरखपुर।
Published by: vivek shukla
Updated Sun, 04 Dec 2022 01:27 PM IST
सार
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केंद्र की शिक्षिका संध्या सिंह ने बताया कि युवाओं को पहले थ्योरी पढ़ाई जा रही है। इसके बाद सभी को शहर के शॉपिंग मॉल, ब्रांडेड शोरूम, ब्रांडेड आउटलेट में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, जिससे की वे सीधे तौर पर ग्राहकों से जुड़ सकेंगे। इस दौरान उन्हें बिलिंग करना, ऑनलाइन भुगतान चेक करना, सामानों के दाम चेक करके ग्राहकों को बताना, सामान की लिस्ट बताने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी दी जाएगी।
मंद बुद्धि युवाओं को समेकित क्षेत्रीय कौशल विकास पुनर्वास केंद्र (सीआरसी) रोजगार के लायक बनाएगा। इसके लिए सीआरसी में रिटेल में कौशल प्रशिक्षण कोर्स शुरू किया गया है। इसकी शुरुआत 10 लोगों से की गई है। एक साल के कोर्स में पढ़ाई के साथ ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद इन युवाओं को शॉपिग मॉल समेत बड़े रिटेल ब्रांड्स में नौकरी दिलाई जाएगी। इस काम में मुंबई की एक संस्था सीआरसी का सहयोग कर रही है।
ट्रेनिंग के लिए चुने गए 10 युवाओं को पहले चरण में रिटेल बाजार की ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्हें रिटेल बाजार की रीडिंग, उनकी राइटिंग, जोड़ना, घटाना, रुपये के लेन-देन का ज्ञान, बिल का भुगतान जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी दी जा रही है।
केंद्र की शिक्षिका संध्या सिंह ने बताया कि युवाओं को पहले थ्योरी पढ़ाई जा रही है। इसके बाद सभी को शहर के शॉपिंग मॉल, ब्रांडेड शोरूम, ब्रांडेड आउटलेट में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, जिससे की वे सीधे तौर पर ग्राहकों से जुड़ सकेंगे। इस दौरान उन्हें बिलिंग करना, ऑनलाइन भुगतान चेक करना, सामानों के दाम चेक करके ग्राहकों को बताना, सामान की लिस्ट बताने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी दी जाएगी।
ट्रेनिंग के बाद दिलाई जाएगी नौकरी
सीआरसी के रेजीडेंट कोर्डिनेटर रवि कुमार ने बताया कि एक साल की पढ़ाई के बाद युवाओं का एक टेस्ट लिया जाएगा। इसमें पास होने वाले युवाओं को नौकरी दिलाई जाएगी। फेल होने वाले विद्यार्थियों को फिर से प्रशिक्षण दिया जाएगा। शुरुआत 10 अभ्यर्थियों से की गई है। इनकी संख्या जैसे-जैसे बढ़ेगी, प्रवेश लिया जाएगा। इसके लिए अभिभावकों को एक रुपया भी खर्च नहीं करना है। पढ़ाई से लेकर ट्रेनिंग और नौकरी दिलाने की जिम्मेदारी सीआरसी की होगी।
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