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Exclusive: एमएलसी चुनाव में देवेंद्र सिंह की जीत निकाय चुनाव के लिए बड़ा संदेश, मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

राजन राय, गोरखपुर। Published by: vivek shukla Updated Sat, 04 Feb 2023 12:07 PM IST
सार

भाजपा में बड़ी भूमिका के लिए देवेंद्र प्रताप सिंह की दावेदारी भी मजबूत है। उनके निर्वाचन क्षेत्र में मुंख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को छोड़कर सिर्फ चार मंत्री देवरिया से सूर्य प्रताप शाही, सलेमपुर से विजय लक्ष्मी गौतम, बलरामपुर से पलटूराम और निषाद पार्टी से डॉ. संजय निषाद ही प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। मुख्यमंत्री को छोड़कर देवेंद्र ही एक इकलौते नेता हैं जिनकी पकड़ इन सभी जिलों में है।

Big message for Devendra Singh victory in MLC election
भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र प्रताप सिंह। - फोटो : अमर उजाला।

विस्तार

गोरखपुर-फैजाबाद स्नताक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी देवेंद्र प्रताप सिंह की जीत प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव के लिए बड़ा संदेश है। देवेंद्र ने इस सीट से अब तक की सबसे बड़ी जीत हासिल कर यह जता दिया है कि पूर्वांचल के प्रबुद्ध वर्ग में उनकी गहरी पैठ है। चार बार एमएलसी का चुनाव जीतने के बाद अब उनका कद भी बड़े नेताओं में शुमार हो गया है। लोकसभा चुनाव के पहले पार्टी में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।



गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति की उपज देवेंद्र प्रताप सिंह पिछले 36 वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं। अपने जुझारूपन के चलते कद्दावर नेता के रूप में पहचान बनाने वाले देवेंद्र प्रताप सिंह ने 1986 में पहली बार गोरखपुर-फैजाबाद सीट से चुनावी मैदान में ताल ठोंका। हालांकि, उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने इस सीट को ही अपनी कर्मभूमि बना ली।


1992 में भी वे चुनाव नहीं जीत पाए। लेकिन, 1998 में सपा के टिकट पर लड़े और पहली बार सदन में पहुंचे। यह वह दौर था जब देवेंद्र ने अपनी पकड़ गांव-गांव बना ली। पिछले तीन बार से वे लगातार चुनाव जीत रहे हैं, जिसमें दो बार से भाजपा के बैनर तले एमएलसी बने हैं। इस बार की जीत गोरखपुर-फैजाबाद सीट के इतिहास में सबसे बड़ी जीत है। वे इकलौते एमएलसी हैं जिन्होंने पहली बार प्रथम वरीयता में ही जीत हासिल कर अपनी सियासी ताकत का अहसास करा दिया है।

 

गोरखपुर-फैजाबाद निर्वाचन क्षेत्र में 17 जिले आते हैं। यहां क्षत्रिय समाज की आबादी भी करीब 8 से 10 फीसदी है। स्नातक एमएलसी का चुनाव प्रबुद्ध वर्ग का है। किसी भी चुनाव में समीकरण बनाने और बिगाड़ने में इस की भूमिका बड़ी होती है। जबकि, देवेंद्र प्रताप सिंह प्रबुद्ध वर्ग का ही नेतृत्व करते हैं। लगातार लोगों के बीच सक्रिय रहने से उनका नेटवर्क भी बहुत लंबा है।

लिहाजा, भाजपा नेतृत्व भी इसका उपयोग चुनावों में कर सकती है। नगर निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव में इसका परोक्ष रूप से फायदा भाजपा को मिल सकता है। वहीं, चुनाव जीतने के बाद देवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि अब उनका मिशन भी लोकसभा चुनाव में अपने निर्वाचन क्षेत्र से सभी सीटों पर जीत हासिल कराने की है। इसके लिए वे प्रदेश व राष्ट्रीय नेतृत्व से मिलेंगे।

बड़ी भूमिका के लिए दावेदारी भी मजबूत
भाजपा में बड़ी भूमिका के लिए देवेंद्र प्रताप सिंह की दावेदारी भी मजबूत है। उनके निर्वाचन क्षेत्र में मुंख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को छोड़कर सिर्फ चार मंत्री देवरिया से सूर्य प्रताप शाही, सलेमपुर से विजय लक्ष्मी गौतम, बलरामपुर से पलटूराम और निषाद पार्टी से डॉ. संजय निषाद ही प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। मुख्यमंत्री को छोड़कर देवेंद्र ही एक इकलौते नेता हैं जिनकी पकड़ इन सभी जिलों में है। विधान परिषद में भी वे अब सबसे वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं। वहीं, जातीय समीकरण के आधार पर देवेंद्र प्रताप की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है।

गोरखपुर-फैजाबाद स्नातक क्षेत्र में यह जिले हैं शामिल
गोरखपुर, बस्ती, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, संतकबीर नगर, सिद्धार्थनगर, बहराइच, गोंडा, आजमगढ़, मऊ, सुल्तानपुर, अमेठी, अयोध्या, आंबेडकरनगर, श्रावस्ती, बलरामपुर।
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