कंगना रनौत के
नेपोटिज्म पर दिए बयान ने बॉलीवुड में नेपोटिज्म को लेकर एक बहस शुरू कर दी है। हाल ही में अपनी अगली फिल्म '
पटेल की पंजाबी शादी ' के प्रमोशन के लिए आए ऋषि कपूर ने भी इस मुद्दे पर एक बड़ा बयान दिया है। नेपोटिज्म पर बात करते हुए एक्टर ऋषि कपूर ने कहा कि आज के माहौल में नेपोटिज्म हर जगह दिखाई देता है।
पढ़ें-गोविंदा स्टाइल में 'सरकाय लो खटिया' पर झूमे रणवीर सिंह, वीडियो हुआ वायरल
बात चाहें राजनीति की हो, किसी फैक्ट्री मील की या किसी भी इंडस्ट्री की भाई भतीजावाद हर जगह देखा जा सकता है। कुर्सी सिर्फ अगली पीढ़ी तक ही जाती है, चाहें वह सक्षम हो या न हो। बावजूद इसके ये बात सिनेमा में नहीं लागू हो सकती। आप अपने दर्शकों पर नहीं थोप सकते कि वो किसी बड़े स्टार के बेटे के काम को ही पसंद करें।
उन्होंने कहा, 'उदाहरण के लिए बॉलीवुड में राजकपूर को एक बड़ा नाम माना जाता है तो क्या आप ये कहेंगे कि ऐसा इसलिए है क्योंकि वो पृथ्वीराज कपूर के बेटे थे। यकीनन आप इस बात से सहमत नहीं होंगे'। अपने अगले उदाहरण में ऋषि कपूर ने अपना उदाहरण देते हुए कहा, 'मैं पिछले 45 साल से बॉलीवुड में काम कर रहा हूं तो क्या सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं राजकपूर का बेटा हूं। मैं ऐसा नहीं मानता। हम सब में योग्यता है'।
उन्होंने कहा कि स्टार किड्स पर अच्छा प्रदर्शन करने का काफी प्रेशर होता है। बहुत सारे स्टार किड हैं जिन्हें मौका मिला लेकिन वो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने की वजह से पीछे रह गए। वो कहते हैं कि उन्हें अच्छा प्रदर्शन करने का मौका मिला जिसके लिए वो खुद को भाग्यशाली मानते हैं। उन्होंने कहा,' हमारी सफलता के पीछे हमारे प्रयास और योग्यता भी थी'।
वहीं जब दूसरी तरफ ऋषि कपूर से पूछा गया कि क्या वो अपने पिता राजकपूर की बायोपिक बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो उन्होंने कहा,' मेरे पिता की लाइफ के बारे में सब लोग जानते हैं। हालांकि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि लोग उनकी जिंदगी के बारे में जानने के लिए बेदह उत्सुक होंगे लेकिन जब तक हमारी माता जी कृष्णाराज जिंदा है वो नहीं चाहते कि उनकी कोई बायोपिक बने। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि वो किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहते।
कंगना रनौत के
नेपोटिज्म पर दिए बयान ने बॉलीवुड में नेपोटिज्म को लेकर एक बहस शुरू कर दी है। हाल ही में अपनी अगली फिल्म '
पटेल की पंजाबी शादी ' के प्रमोशन के लिए आए ऋषि कपूर ने भी इस मुद्दे पर एक बड़ा बयान दिया है। नेपोटिज्म पर बात करते हुए एक्टर ऋषि कपूर ने कहा कि आज के माहौल में नेपोटिज्म हर जगह दिखाई देता है।
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बात चाहें राजनीति की हो, किसी फैक्ट्री मील की या किसी भी इंडस्ट्री की भाई भतीजावाद हर जगह देखा जा सकता है। कुर्सी सिर्फ अगली पीढ़ी तक ही जाती है, चाहें वह सक्षम हो या न हो। बावजूद इसके ये बात सिनेमा में नहीं लागू हो सकती। आप अपने दर्शकों पर नहीं थोप सकते कि वो किसी बड़े स्टार के बेटे के काम को ही पसंद करें।
उन्होंने कहा, 'उदाहरण के लिए बॉलीवुड में राजकपूर को एक बड़ा नाम माना जाता है तो क्या आप ये कहेंगे कि ऐसा इसलिए है क्योंकि वो पृथ्वीराज कपूर के बेटे थे। यकीनन आप इस बात से सहमत नहीं होंगे'। अपने अगले उदाहरण में ऋषि कपूर ने अपना उदाहरण देते हुए कहा, 'मैं पिछले 45 साल से बॉलीवुड में काम कर रहा हूं तो क्या सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं राजकपूर का बेटा हूं। मैं ऐसा नहीं मानता। हम सब में योग्यता है'।
उन्होंने कहा कि स्टार किड्स पर अच्छा प्रदर्शन करने का काफी प्रेशर होता है। बहुत सारे स्टार किड हैं जिन्हें मौका मिला लेकिन वो अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने की वजह से पीछे रह गए। वो कहते हैं कि उन्हें अच्छा प्रदर्शन करने का मौका मिला जिसके लिए वो खुद को भाग्यशाली मानते हैं। उन्होंने कहा,' हमारी सफलता के पीछे हमारे प्रयास और योग्यता भी थी'।
वहीं जब दूसरी तरफ ऋषि कपूर से पूछा गया कि क्या वो अपने पिता राजकपूर की बायोपिक बनाने के बारे में सोच रहे हैं तो उन्होंने कहा,' मेरे पिता की लाइफ के बारे में सब लोग जानते हैं। हालांकि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि लोग उनकी जिंदगी के बारे में जानने के लिए बेदह उत्सुक होंगे लेकिन जब तक हमारी माता जी कृष्णाराज जिंदा है वो नहीं चाहते कि उनकी कोई बायोपिक बने। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि वो किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहते।