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the kashmir files director vivek agnihotri apologises to delhi hc for remark in gautam navlakha case
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Vivek Agnihotri: विवेक अग्निहोत्री को अदालत में हाजिर होने का निर्देश, हाई कोर्ट के जज के खिलाफ की थी टिप्पणी
एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Published by: निधि पाल
Updated Tue, 06 Dec 2022 07:43 PM IST
सार
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विवेक अग्निहोत्री ने गौतम नवलखा को राहत देने के आदेश के चलते जज मुरलीधर पर पक्षपात का आरोप लगाया था। जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने विवेक अग्निहोत्री और आनंद रंगनाथन के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया था।
उच्च न्यायालय ने फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री को हाईकोर्ट के जज के खिलाफ टिप्पणी मामले में सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। वहीं, अग्निहोत्री ने अपने ट्वीट के लिए अदालत से बिना शर्त माफी मांगी। हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा कि आपकी उपस्थिति की आवश्यकता है। यह मामला उच्च न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश एस मुरलीधर के खिलाफ ट्वीट से संबंधित है।
ट्वीट की घटना अक्टूबर 2018 में तब हुई जब उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस मुरलीधर के नेतृत्व वाली एक खंडपीठ ने भीमा कोरेगांव मामले में गौतम नवलखा की नजरबंदी को खारिज कर दिया। अग्निहोत्री और कुछ अन्य (आनंद रंगनाथन और स्वराज्य पत्रिका) ने ट्वीट किया था कि न्यायमूर्ति मुरलीधर अपने फैसले में पक्षपाती है। उसके बाद कई लोगों के खिलाफ उनके ट्वीट के लिए स्वत: संज्ञान लेकर आपराधिक अवमानना का मामला दर्ज किया गया था।RRR: एसएस राजामौली की 'आरआरआर' ने रचा नया इतिहास, अपने नाम किया बेस्ट इंटरनेशनल पिक्चर अवॉर्ड
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की खंडपीठ के समक्ष विवेक ने मंगलवार को वकील के जरिये बिना शर्त माफी मांगी। इसके अलावा इस मामले में एमिकस क्यूरी वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद निगम ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि अग्निहोत्री का हलफनामा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर द्वारा प्रस्तुत हलफनामे से मेल नहीं खाता है।
निगम ने कहा कि अग्निहोत्री कहते हैं कि उन्होंने ट्वीट हटा दिए। ट्विटर का कहना है कि उन्होंने उन्हें हटा दिया। उन्होंने जो कहा वह ट्विटर के विपरीत है। इससे पहले ट्विटर ने एक हलफनामा दायर किया था जिसमें दावा किया गया था कि मंच ने 29 अक्टूबर, 2018 को उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अग्निहोत्री के ट्वीट हटा दिए थे।
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