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दिल्ली दंगा मामला: फेसबुक के बाद अब अभिनेत्री कंगना को नोटिस, विधानसभा शांति और सद्भाव समिति ने लिया संज्ञान

अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली Published by: प्रशांत कुमार Updated Thu, 25 Nov 2021 08:49 PM IST
सार

शिकायतकर्ताओं ने शांति और सद्भाव समिति के अध्यक्ष राघव चड्ढा से इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने का निवेदन किया, क्योंकि पोस्ट कथित तौर पर उनके क्षेत्र की शांति और सद्भाव को नुकसान पहुंचा सकती है।

Delhi riots case After Facebook notice to actress Kangana Assembly Peace and Harmony Committee took cognizance
कंगना रणौत - फोटो : Instagram

विस्तार

दिल्ली दंगा मामले में फेसबुक को तलब कर चुकी दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति ने अभिनेत्री कंगना रणौत मामले में संज्ञान लिया है। आप विधायक राघव चड्ढा के नेतृत्व वाली समिति ने सोशल मीडिया पर कथित घृणित पोस्ट को लेकर अभिनेत्री कंगना रणौत को तलब भी किया। इस बाबत अभिनेत्री कंगना रणौत को समिति के समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया है। समिति को रनौत के संबंध में कई शिकायतें मिल रही थीं। जिससमे आपत्तिजनक और अपमानजनक इंस्टाग्राम स्टोरी पोस्ट करने का पता चला।



शिकायतों में कहा गया है कि कंगना रनौत ने अपनी स्टोरी में सिख समुदाय को खालिस्तानी आतंकवादी करार दिया है। शिकायतों के मुताबिक इस तरह की पोस्ट ने सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है, उनकी सुरक्षा के साथ-साथ जीवन और स्वतंत्रता के बारे में आशंका पैदा की है।


शिकायतों की जांच के बाद चड्ढा के माध्यम से इस मुद्दे पर त्वरित संज्ञान लिया गया और रनौत को 6 दिसंबर को दोपहर 12 बजे समिति के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। राघव चड्ढा ने कहा है कि शांति और सद्भाव समिति को ऐसे कारणों और स्थितियों पर विचार करने का अधिकार है जो सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ सकते हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने भी दिल्ली में हिंसा के संभावित कारणों की पहचान करने के लिए कार्यवाही करने के लिए समिति को मान्यता दी है।

समिति ने सांप्रदायिक वैमनस्य और घृणा के खिलाफ सख्त रुख अपना रखा है। समिति को कंगना रनौत द्वारा अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर कथित रूप से अपमानजनक पोस्ट के बारे में शिकायतें मिली हैं। बताया गया कि रनौत के इंस्टाग्राम अकाउंट की पहुंच काफी ज्यादा है। दुनिया भर में लगभग 80 लाख लोगों द्वारा इसका अनुसरण किया जा रहा है। 

कंगना ने अपनी पोस्ट से कथित तौर पर सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है जो कि समाज की शांति और सद्भाव को नुकसान पहुंचा सकती है। रनौत ने 20 नवंबर को स्टोरी पोस्ट की थी। जिसमें लिखा था कि खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार का हाथ मरोड़ सकते हैं। लेकिन इन्हें नहीं भूलना चाहिए कि एक महिला ने इनको अपनी जूती के नीचे कुचला था। इसकी वजह से चाहे कितनी भी दिक्कतें क्यों न हुई हों लेकिन उसने अपनी जान की कीमत पर उन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया। लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उनकी मृत्यु के दशकों बाद भी ये आज उसके नाम से कांपते हैं। इन्हें वैसा ही गुरु चाहिए। 
 

सिख समुदाय के लोगों की भावनाओं आहत करने का आरोप

शिकायतकर्ताओं के मुताबिक कंगना रनौत ने कथित रूप से पोस्ट से सिख समुदाय के लोगों की भावनाओं को बहुत आहत किया है। पूरे समुदाय का अनादर करने से दिल्ली में शांति और सद्भाव में व्यवधान की स्थिति पैदा हो सकती है। शिकायतकर्ता के अनुसार उसे सभी के सामने खालिस्तानी कहा जाता था। यह न केवल उसके लिए चौंकाने वाला था,बल्कि उसके परिवार और खुद की सुरक्षा के बारे में उसके आशंकाएं भी पैदा करता था।

फेसबुक मामले की चल रही सुनवाई
गौरतलब है कि दिल्ली दंगा मामले में आपत्तिजनक पोस्ट डालने से जुड़े मामलों में फेसबुक के खिलाफ समिति सुनवाई कर रही है। बीते हफ्ते बृहस्पतिवार को निर्देश दिया कि वह फरवरी 2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के एक माह पहले और दो माह के बाद का यूजर रिपोर्ट (शिकायत) डाटा पेश करे। शांति एवं सद्भाव समिति के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने फेसबुक इंडिया के पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर शिवनाथ ठुकराली ओर से पेश प्रतिवेदन पर विचार करते हुए उपरोक्त निर्देश दिया।
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