न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: प्राची प्रियम
Updated Wed, 22 Jun 2022 03:43 PM IST
अपने गर्भ को समाप्त करने की मांग करने वाली नाबिलग दुष्कर्म पीड़िता की सहायता करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है। अदालत ने सुल्तानपुरी पुलिस स्टेशन के एसएचओ को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि भ्रूण के नमूने को डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए संरक्षित किया जाए।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने 17 मई को दर्ज प्राथमिकी में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग वाली याचिका पर पुलिस को नोटिस जारी किया है। पीड़ित पक्ष ने बताया कि नाबालिग अपनी गर्भावस्था को खत्म करना चाहती थी लेकिन पुलिस इसके लिए सरकारी अस्पताल में औपचारिकताएं पूरी करने में उसकी मदद नहीं कर रही थी।
अदालत को बताया गया कि नाबालिग और उसकी मां आरोपी के रक्त के नमूने से डीएनए प्रोफाइलिंग के साथ मिलान करने के लिए भ्रूण के नमूने को संरक्षित करना चाहती है।
एफआईआर के मुताबिक आरोपी ने ही नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था जिसके परिणानम स्वरूप वह गर्भवति हो गई थी।
विस्तार
अपने गर्भ को समाप्त करने की मांग करने वाली नाबिलग दुष्कर्म पीड़िता की सहायता करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है। अदालत ने सुल्तानपुरी पुलिस स्टेशन के एसएचओ को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि भ्रूण के नमूने को डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए संरक्षित किया जाए।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने 17 मई को दर्ज प्राथमिकी में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग वाली याचिका पर पुलिस को नोटिस जारी किया है। पीड़ित पक्ष ने बताया कि नाबालिग अपनी गर्भावस्था को खत्म करना चाहती थी लेकिन पुलिस इसके लिए सरकारी अस्पताल में औपचारिकताएं पूरी करने में उसकी मदद नहीं कर रही थी।
अदालत को बताया गया कि नाबालिग और उसकी मां आरोपी के रक्त के नमूने से डीएनए प्रोफाइलिंग के साथ मिलान करने के लिए भ्रूण के नमूने को संरक्षित करना चाहती है।
एफआईआर के मुताबिक आरोपी ने ही नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था जिसके परिणानम स्वरूप वह गर्भवति हो गई थी।