देश के सबसे प्रतिष्ठित हिंदी अखबारों में से एक और 47 मिलियन पाठकों वाले समूह अमर उजाला के साथ मिलकर यूनिसेफ कोरोना के प्रति जागरूकता अभियान चला रहा है। यह ऐसा अभियान है जिसमें एम्स के निदेशक समेत कई विशेषज्ञों ने लोगों की कोविड-19 से जुड़ी जटिल से जटिल समस्याओं का समाधान करने के साथ ही, टीकाकरण की बारीकियों और कोविड के क्या सही प्रोटोकॉल हैं इसके बारे में भी बताया। एम्स रायबरेली के निदेशक डॉ. अरविंद राजवंशी ने मार्च में दर्शकों की कोविड से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया और टीकाकरण के बारे में भी बताया। यह वीडियो अमर उजाला के 2.47 मिलियन सब्सक्राइबर वाले यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीम भी हुआ।
यूनिसेफ और अमर उजाला की साझेदारी उत्तर भारत के 90 पत्रकारों की वर्कशॉप से शुरू हुई। यह पत्रकार मुख्यतः उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पंजाब के थे। यूनिसेफ के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने पत्रकारों को कोविड-19 टीकाकरण और उसे जुड़ी हिचकिचाहट पर वर्कशॉप कराई और विस्तार से जानकारी दी। इसके बाद मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत बच्चों के टीकाकरण पर एक सत्र का आयोजन किया गया।
वर्कशॉप के दौरान ही शिक्षाविद प्रमिला मनोहरन ने पत्रकारों के साथ 'रैपिड असेसमेंट ऑफ लर्निंग ड्यूरिंग स्कूल क्लोजर इन द कॉन्टेक्स्ट ऑफ कोविड' नामक रिपोर्ट भी साझा की।
वर्कशॉप के बाद से अमर उजाला ने अपने सभी संस्करण में कोविड से जुड़ी थीम पर विस्तार से रिपोर्टिंग की। जैसे- कोरोना के दौरान डिजिटल विभाजन से क्या असर पड़ा, स्कूल खुलने के बाद स्कूलों में शिक्षा का क्या स्तर है, कोविड गाइडलाइन्स किस तरह से लागू हो रही है और कोरोना के टीकाकरण का क्या स्तर है। अखबार रोजाना रोचक हेडिंग और छात्रों, अभिभावकों, विशेषज्ञों, यूनिसेफ प्रवक्ताओं व शिक्षकों के बयान लेकर स्तरीय रिपोर्टिंग कर रहा है।
अमर उजाला ने अपने शिक्षा अभियान के तहत यूनिसेफ के शिक्षा विशेषज्ञों के बयानों के आधार पर कोविड के चलते स्कूल बंद होने से बच्चों के दिमागी स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ा है, इसे लेकर भी खबरें कीं। अखबार ने यूनिसेफ की शिक्षाविद प्रमिला मनोहरन के हवाले से भी रिपोर्ट की कि लगभग 50 प्रतिशत बच्चे अत्यधिक मानसिक दबाव में हैं और अपनी परिस्थितियों को देखते हुए सामान्य रूप से चिड़चिड़े होते हैं।
सेलिब्रिटी भी आए साथ: अमर उजाला और यूनिसेफ की इस पहल में फिल्म जगत से लेकर खेल जगत के सितारे भी साथ आए। अमर उजाला ने 'रहना है तैयार' और 'जीरो टू हीरो' एंथम को कैब (CAB) को भी प्रमोट किया जिसमें कई दिग्गज बॉलीवुड सितारे, संगीत और खेल जगत की हस्तियां थीं। यह एंथम कोविड के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बनाए गए थे।
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देश के सबसे प्रतिष्ठित हिंदी अखबारों में से एक और 47 मिलियन पाठकों वाले समूह अमर उजाला के साथ मिलकर यूनिसेफ कोरोना के प्रति जागरूकता अभियान चला रहा है। यह ऐसा अभियान है जिसमें एम्स के निदेशक समेत कई विशेषज्ञों ने लोगों की कोविड-19 से जुड़ी जटिल से जटिल समस्याओं का समाधान करने के साथ ही, टीकाकरण की बारीकियों और कोविड के क्या सही प्रोटोकॉल हैं इसके बारे में भी बताया। एम्स रायबरेली के निदेशक डॉ. अरविंद राजवंशी ने मार्च में दर्शकों की कोविड से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया और टीकाकरण के बारे में भी बताया। यह वीडियो अमर उजाला के 2.47 मिलियन सब्सक्राइबर वाले यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीम भी हुआ।
यूनिसेफ और अमर उजाला की साझेदारी उत्तर भारत के 90 पत्रकारों की वर्कशॉप से शुरू हुई। यह पत्रकार मुख्यतः उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पंजाब के थे। यूनिसेफ के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने पत्रकारों को कोविड-19 टीकाकरण और उसे जुड़ी हिचकिचाहट पर वर्कशॉप कराई और विस्तार से जानकारी दी। इसके बाद मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत बच्चों के टीकाकरण पर एक सत्र का आयोजन किया गया।
वर्कशॉप के दौरान ही शिक्षाविद प्रमिला मनोहरन ने पत्रकारों के साथ 'रैपिड असेसमेंट ऑफ लर्निंग ड्यूरिंग स्कूल क्लोजर इन द कॉन्टेक्स्ट ऑफ कोविड' नामक रिपोर्ट भी साझा की।
वर्कशॉप के बाद से अमर उजाला ने अपने सभी संस्करण में कोविड से जुड़ी थीम पर विस्तार से रिपोर्टिंग की। जैसे- कोरोना के दौरान डिजिटल विभाजन से क्या असर पड़ा, स्कूल खुलने के बाद स्कूलों में शिक्षा का क्या स्तर है, कोविड गाइडलाइन्स किस तरह से लागू हो रही है और कोरोना के टीकाकरण का क्या स्तर है। अखबार रोजाना रोचक हेडिंग और छात्रों, अभिभावकों, विशेषज्ञों, यूनिसेफ प्रवक्ताओं व शिक्षकों के बयान लेकर स्तरीय रिपोर्टिंग कर रहा है।
अमर उजाला ने अपने शिक्षा अभियान के तहत यूनिसेफ के शिक्षा विशेषज्ञों के बयानों के आधार पर कोविड के चलते स्कूल बंद होने से बच्चों के दिमागी स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ा है, इसे लेकर भी खबरें कीं। अखबार ने यूनिसेफ की शिक्षाविद प्रमिला मनोहरन के हवाले से भी रिपोर्ट की कि लगभग 50 प्रतिशत बच्चे अत्यधिक मानसिक दबाव में हैं और अपनी परिस्थितियों को देखते हुए सामान्य रूप से चिड़चिड़े होते हैं।
सेलिब्रिटी भी आए साथ: अमर उजाला और यूनिसेफ की इस पहल में फिल्म जगत से लेकर खेल जगत के सितारे भी साथ आए। अमर उजाला ने 'रहना है तैयार' और 'जीरो टू हीरो' एंथम को कैब (CAB) को भी प्रमोट किया जिसमें कई दिग्गज बॉलीवुड सितारे, संगीत और खेल जगत की हस्तियां थीं। यह एंथम कोविड के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए बनाए गए थे।