पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
मध्य प्रदेश की तरह कॉर्बेट नेशनल पार्क में भी पर्यटकों को सफेद बाघ के दीदार हो सकेंगे। इसके लिए मध्य प्रदेश से सफेद बाघ लाने की कवायद की जा रही है। इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार को पत्र भी लिखा गया है। यह बात पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने अपने संबोधन में कही है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि जिम कार्बेट की कर्मस्थली होने के साथ ही रामनगर पर्यटन हब है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण होने के साथ ही कॉर्बेट पार्क में वन्यजीवों को देखने के लिए बड़ी संख्या में देश-विदेश से सैलानी यहां आते हैं। महाराज ने कहा कि कॉर्बेट पार्क में मध्य प्रदेश से सफेद बाघ लाने की योजना है, इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार से पत्राचार किया जा रहा है। सफेद बाघ को कॉर्बेट पार्क में लाने से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय युवाओं के आसपास भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके अलावा, कॉर्बेट पार्क के आसपास पर्यटन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों को भी चलाने की योजना है।
पर्यटकों को उत्तराखंड के उत्पादों एवं परंपरागत परिधानों व संस्कृति से भी रूबरू कराया जाएगा। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से होम स्टे योजना भी चलाई जा रही है, इससे ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं और महिलाओं का आर्थिक विकास हुआ है। वहीं, होम स्टे को पर्यटकों ने काफी पसंद किया है। बता दें कि मध्य प्रदेश के मुकुंदपुर में सफेद बाघ सफारी कराई जाती है। 100 हेक्टेयर क्षेत्र में से मुकुंदपुर चिड़ियाघर 75 हेक्टेयर में है और 25 हेक्टेयर में 2012 से सफेद बाघ सफारी हो रही है।
भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश संयोजक राहुल रावत ने पर्यटन मंत्री को साहसिक खेल प्रशिक्षण के विकास को लेकर ज्ञापन दिया। कहा कि उत्तराखंड के युवाओं को पैराग्लाइडिंग पायलट प्रशिक्षण के लिए हिमाचल प्रदेश जाना पड़ता है, जबकि कोटाबाग, नैनीताल में पैराग्लाइडिंग की विश्वस्तर की साइट है, जिसका संचालन कोटाबाग पैराग्लाइडिंग एंड एडवेंचर एसोसिएशन की ओर से सीमित संसाधनों के तहत विगत 3 वर्षों से किया जा रहा है। ऐसे में अधिक से अधिक युवाओं को निशुल्क पायलट प्रशिक्षण देने में कठिनाई आ रही है। प्रशिक्षण केंद्र में सुविधाएं बढ़ने से पूरे प्रदेश के युवाओं को लाभ मिलेगा। पर्यटन मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार प्रदेश साहसिक खेलों और पर्यटन को लेकर गंभीर है।
रोजगार परक योजनाओं का लाभ दिलाया जाए
ईको सिंसेटिव जोन विरोधी समिति के सह संयोजक महेश जोशी ने पर्यटन मंत्री को ज्ञापन देते हुए कहा कि रामनगर ब्लॉक के 36 से अधिक गांवों में युवक बेरोजगार है। वीरचंद्र सिंह गढ़वाली, पर्यटन योजना, प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना में ऋण नहीं मिल रहा है। उन्होंने बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग की है।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अब गाइड और जिप्सी चालक सफारी के दौरान मोबाइल नहीं ले जा पाएंगे। कॉर्बेट प्रशासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर अधिकारियों को सख्ती से नियमों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, पर्यटक भी खाद्य पदार्थ पार्क के अंदर नहीं ले जा सकेंगे।
पर्यटकों और वन्यजीवों की सुरक्षा को देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने नई गाइडलाइन जारी की है। पार्क अधिकारियों के अनुसार सफारी के दौरान गाइड और जिप्सी चालक अक्सर मोबाइल पर बात करते हुए मिलते थे। ऐसे में पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
कई बार कुछ जिप्सी चालक पर्यटकों को निर्धारित समय से पहले ही घुमाकर बाहर ले आते हैं। अब पर्यटक के लिखित अनुरोध पर ही जिप्सी को तय समय से पहले बाहर आने की अनुमति दी जाएगी। वहीं पर्यटक सिर्फ पीने के पानी की बोतल ही साथ ले जा सकेंगे और पानी की खाली बोतल को बाहर लाना होगा।
सीटीआर निदेशक राहुल ने बताया कि गाइडलाइन का पालन कराने के लिए वन कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं। बताया कि वन कर्मी सभी गेटों पर गाइड और जिप्सी चालक के मोबाइलों को जमा करेंगे।
सार
- पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने मध्य प्रदेश सरकार को लिखा पत्र
- कॉर्बेट पार्क के आसपास पर्यटन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की भी योजना
विस्तार
मध्य प्रदेश की तरह कॉर्बेट नेशनल पार्क में भी पर्यटकों को सफेद बाघ के दीदार हो सकेंगे। इसके लिए मध्य प्रदेश से सफेद बाघ लाने की कवायद की जा रही है। इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार को पत्र भी लिखा गया है। यह बात पर्यटन एवं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने अपने संबोधन में कही है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि जिम कार्बेट की कर्मस्थली होने के साथ ही रामनगर पर्यटन हब है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण होने के साथ ही कॉर्बेट पार्क में वन्यजीवों को देखने के लिए बड़ी संख्या में देश-विदेश से सैलानी यहां आते हैं। महाराज ने कहा कि कॉर्बेट पार्क में मध्य प्रदेश से सफेद बाघ लाने की योजना है, इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार से पत्राचार किया जा रहा है। सफेद बाघ को कॉर्बेट पार्क में लाने से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय युवाओं के आसपास भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसके अलावा, कॉर्बेट पार्क के आसपास पर्यटन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों को भी चलाने की योजना है।
पर्यटकों को उत्तराखंड के उत्पादों एवं परंपरागत परिधानों व संस्कृति से भी रूबरू कराया जाएगा। इसके लिए पर्यटन विभाग की ओर से होम स्टे योजना भी चलाई जा रही है, इससे ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं और महिलाओं का आर्थिक विकास हुआ है। वहीं, होम स्टे को पर्यटकों ने काफी पसंद किया है। बता दें कि मध्य प्रदेश के मुकुंदपुर में सफेद बाघ सफारी कराई जाती है। 100 हेक्टेयर क्षेत्र में से मुकुंदपुर चिड़ियाघर 75 हेक्टेयर में है और 25 हेक्टेयर में 2012 से सफेद बाघ सफारी हो रही है।
साहसिक खेल प्रशिक्षण शुरू करने की मांग
भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश संयोजक राहुल रावत ने पर्यटन मंत्री को साहसिक खेल प्रशिक्षण के विकास को लेकर ज्ञापन दिया। कहा कि उत्तराखंड के युवाओं को पैराग्लाइडिंग पायलट प्रशिक्षण के लिए हिमाचल प्रदेश जाना पड़ता है, जबकि कोटाबाग, नैनीताल में पैराग्लाइडिंग की विश्वस्तर की साइट है, जिसका संचालन कोटाबाग पैराग्लाइडिंग एंड एडवेंचर एसोसिएशन की ओर से सीमित संसाधनों के तहत विगत 3 वर्षों से किया जा रहा है। ऐसे में अधिक से अधिक युवाओं को निशुल्क पायलट प्रशिक्षण देने में कठिनाई आ रही है। प्रशिक्षण केंद्र में सुविधाएं बढ़ने से पूरे प्रदेश के युवाओं को लाभ मिलेगा। पर्यटन मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार प्रदेश साहसिक खेलों और पर्यटन को लेकर गंभीर है।
रोजगार परक योजनाओं का लाभ दिलाया जाए
ईको सिंसेटिव जोन विरोधी समिति के सह संयोजक महेश जोशी ने पर्यटन मंत्री को ज्ञापन देते हुए कहा कि रामनगर ब्लॉक के 36 से अधिक गांवों में युवक बेरोजगार है। वीरचंद्र सिंह गढ़वाली, पर्यटन योजना, प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना में ऋण नहीं मिल रहा है। उन्होंने बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग की है।
कार्बेट पार्क में गाइड और जिप्सी चालकों के मोबाइल ले जाने पर लगा प्रतिबंध
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अब गाइड और जिप्सी चालक सफारी के दौरान मोबाइल नहीं ले जा पाएंगे। कॉर्बेट प्रशासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर अधिकारियों को सख्ती से नियमों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, पर्यटक भी खाद्य पदार्थ पार्क के अंदर नहीं ले जा सकेंगे।
पर्यटकों और वन्यजीवों की सुरक्षा को देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने नई गाइडलाइन जारी की है। पार्क अधिकारियों के अनुसार सफारी के दौरान गाइड और जिप्सी चालक अक्सर मोबाइल पर बात करते हुए मिलते थे। ऐसे में पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
कई बार कुछ जिप्सी चालक पर्यटकों को निर्धारित समय से पहले ही घुमाकर बाहर ले आते हैं। अब पर्यटक के लिखित अनुरोध पर ही जिप्सी को तय समय से पहले बाहर आने की अनुमति दी जाएगी। वहीं पर्यटक सिर्फ पीने के पानी की बोतल ही साथ ले जा सकेंगे और पानी की खाली बोतल को बाहर लाना होगा।
सीटीआर निदेशक राहुल ने बताया कि गाइडलाइन का पालन कराने के लिए वन कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं। बताया कि वन कर्मी सभी गेटों पर गाइड और जिप्सी चालक के मोबाइलों को जमा करेंगे।