न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पिथौरागढ़
Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal
Updated Fri, 19 Feb 2021 09:56 PM IST
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में शुक्रवार शाम चार बजकर 38 मिनट 32 सेकेंड पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। । रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता चार मापी गई। इसका केंद्र पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट में आठ किमी की गहराई में था।
पिथौरागढ़ के मुनस्यारी, मदकोट, बंगापानी और नाचनी क्षेत्र में तीव्र झटके महसूस किए गए। नाचनी में भूकंप महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए। नाचनी के तल्ला भैंसकोट निवासी जगत दसौनी ने बताया कि भूकंप के समय स्लेट वाले कच्चे घरों की छतों और दीवारों से मिट्टी गिरती देखी गई। पांखू, डीडीहाट, धारचूला में भी भूकंप महसूस किया गया। प्रशासन के अनुसार पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय में भूकंप महसूस नहीं किया गया।
बागेश्वर में भी जिला मुख्यालय और कपकोट में भूकंप महसूस किया गया। आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल के अनुसार भूकंप से किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है।
भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड संवेदनशील
भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड संवेदनशील है। चमोली जिला भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जाता है। दिसंबर की पहली तारीख को भी सुबह उत्तराखंड के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में शुक्रवार शाम चार बजकर 38 मिनट 32 सेकेंड पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। । रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता चार मापी गई। इसका केंद्र पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट में आठ किमी की गहराई में था।
पिथौरागढ़ के मुनस्यारी, मदकोट, बंगापानी और नाचनी क्षेत्र में तीव्र झटके महसूस किए गए। नाचनी में भूकंप महसूस होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए। नाचनी के तल्ला भैंसकोट निवासी जगत दसौनी ने बताया कि भूकंप के समय स्लेट वाले कच्चे घरों की छतों और दीवारों से मिट्टी गिरती देखी गई। पांखू, डीडीहाट, धारचूला में भी भूकंप महसूस किया गया। प्रशासन के अनुसार पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय में भूकंप महसूस नहीं किया गया।
बागेश्वर में भी जिला मुख्यालय और कपकोट में भूकंप महसूस किया गया। आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल के अनुसार भूकंप से किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है।
भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड संवेदनशील
भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड संवेदनशील है। चमोली जिला भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जाता है। दिसंबर की पहली तारीख को भी सुबह उत्तराखंड के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।