न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Updated Wed, 07 Oct 2020 11:32 PM IST
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उत्तराखंड में क्वारंटीन सेंटरों की नियमित निगरानी के लिए गठित कमेटियों ने कोर्ट को बताया कि क्वारंटीन सेंटरों में केंद्र की गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। कोविड अस्पतालों में स्टाफ की कमी है।
इस पर कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है। साथ ही सभी निगरानी कमेटियों से कहा कि वे 12 अक्तूबर तक अपने सुझाव/रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अब कोविड से संबंधित समस्याओं पर सुनवाई जिलेवार होगी। मामले में दायर अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 14 अक्तूबर नियत की है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, देहरादून के सच्चिदानंद डबराल और अन्य ने क्वारंटीन सेंटरों और कोविड अस्पतालों की बदहाली, उत्तराखंड लौटे प्रवासियों को मदद और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की मांग को लेकर अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की थीं।
पूर्व में क्वारंटीन सेंटरों की बदहाली के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी, जिसमें उन्होंने माना था कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटीन सेंटर बदहाल हैं और सरकार ने वहां प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की है। इसके बाद कोर्ट ने अस्पतालों की नियमित निगरानी के लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिलेवार निगरानी कमेटी गठित करने के आदेश दिए थे।
सार
- कोविड संबंधी समस्याओं की सुनवाई जिलेवार होगी
- 14 अक्तूबर को होगी मामले की अगली सुनवाई
विस्तार
उत्तराखंड में क्वारंटीन सेंटरों की नियमित निगरानी के लिए गठित कमेटियों ने कोर्ट को बताया कि क्वारंटीन सेंटरों में केंद्र की गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। कोविड अस्पतालों में स्टाफ की कमी है।
इस पर कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है। साथ ही सभी निगरानी कमेटियों से कहा कि वे 12 अक्तूबर तक अपने सुझाव/रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अब कोविड से संबंधित समस्याओं पर सुनवाई जिलेवार होगी। मामले में दायर अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 14 अक्तूबर नियत की है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, देहरादून के सच्चिदानंद डबराल और अन्य ने क्वारंटीन सेंटरों और कोविड अस्पतालों की बदहाली, उत्तराखंड लौटे प्रवासियों को मदद और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की मांग को लेकर अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की थीं।
पूर्व में क्वारंटीन सेंटरों की बदहाली के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी, जिसमें उन्होंने माना था कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटीन सेंटर बदहाल हैं और सरकार ने वहां प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की है। इसके बाद कोर्ट ने अस्पतालों की नियमित निगरानी के लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिलेवार निगरानी कमेटी गठित करने के आदेश दिए थे।