लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   Uttarakhand ›   Dehradun News ›   Uttarakhand Assembly winter session 2022 Second day Two bills passed

उत्तराखंड विधानसभा सत्र: महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण और धर्मांतरण पर रोक विधेयक पास, पढ़ें क्या होंगे प्रावधान

अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Wed, 30 Nov 2022 11:35 PM IST
सार

Uttarakhand Assembly session News: सदन में आज छह नए विधेयक रखे गए थे। वहीं पहले दिन सदन के पटल पर दस विधेयक आए थे। इनमें से दो विधेयक आज पास हो गए।

उत्तराखंड विधानसभा सत्र
उत्तराखंड विधानसभा सत्र - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन महिला क्षैतिज आरक्षण और धर्मांतरण विरोधी विधेयक सदन में पास किए गए। अब ये दोनों ही कानून बन गए हैं। अब जल्द ही इन्हें लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। सदन में आज छह नए विधेयक रखे गए थे। वहीं पहले दिन सदन के पटल पर दस विधेयक आए थे। 



उत्तराखंड सरकार ने राजकीय सेवाओं में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के लिए विधानसभा में मंगलवार को विधेयक पेश किया था। बुधवार को इस पर चर्चा के बाद इसे पास कर दिया गया। क्षैतिज आरक्षण का लाभ उस महिला अभ्यर्थी को मिलेगा, जिसका मूल अधिवास उत्तराखंड में है, लेकिन उसने अन्य कहीं कोई स्थायी अधिवास प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया है। यह लाभ उन महिलाओं को भी मिलेगा जिनके पास राज्य में स्थायी अधिवास प्रमाण पत्र है, बेशक उनका मूल अधिवास उत्तराखंड में नहीं है। 


Uttarakhand Assembly Session: बेरोजगारी और भर्ती घोटाले के मुद्दे पर गरमाया सदन, विपक्ष ने उठाए कई सवाल

... इसलिए लाना पड़ा था विधेयक
उच्च न्यायालय नैनीताल ने एक याचिका पर महिलाओं को सरकारी सेवा में दिए जा रहे 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण वाले दो अलग-अलग शासनादेशों को निरस्त कर दिया था। प्रदेश सरकार ने न्यायालय के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। राज्य की एसएलपी पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। इस बीच सरकार ने महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण को बनाए रखने के लिए अधिनियम बनाने का निर्णय लिया। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को इसके लिए अधिकृत किया। सीएम के निर्देश पर कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने महिला क्षैतिज आरक्षण विधेयक का प्रस्ताव तैयार किया।

जबरन धर्मांतरण पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान 
उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून का रास्ता साफ हो गया है। बुधवार को विधानसभा में उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 को पारित कर दिया गया। राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह अधिनियम बन जाएगा। इसके तहत जबरन धर्मांतरण के दोषी को 10 साल तक की सख्त सजा का प्रावधान किया गया है।

इसके अलावा उत्तराखंड में यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो उसे दो माह के भीतर जिलाधिकारी को अर्जी देनी होगी। धर्म परिवर्तन करने की अर्जी देने के 21 दिन के भीतर संबंधित व्यक्ति को डीएम के समक्ष पेश होना पड़ेगा। इसके अलावा जबरन धर्मांतरण की शिकायत कोई भी व्यक्ति दर्ज कर सकता है। 

इस विधेयक में जबरन धर्मांतरण पर सख्त सजा और जुर्माने का प्रावधान है। कानून अस्तित्व में आते ही जबरन धर्मांतरण गैर जमानती अपराध हो जाएगा। सामूहिक धर्मांतरण में दोष साबित होने पर 3 से 10 साल की सजा और 50 हजार जुर्माना किया जाएगा। जबकि एक व्यक्ति के धर्मांतरण पर 2 से 7 साल की सजा 25 हजार जुर्माना होगा। 

सरकार ने संशोधन विधेयक में जबरन धर्मांतरण पर सजा की अवधि बढ़ाई है। साथ ही पीड़ितों को कोर्ट के माध्यम से पांच लाख रुपये की प्रतिपूर्ति की जाएगी। कानून अस्तित्व में आते ही प्रदेश में धर्मांतरण का कानून अब संज्ञेय व गैर जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा। विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया कि यदि कोई व्यक्ति अपनी स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है तो दो माह के भीतर धर्म परिवर्तन की घोषणा डीएम को अर्जी देकर करनी होगी।

अर्जी के 21 दिन के भीतर डीएम के समय पेश होना पड़ेेगा। डीएम की ओर से धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति की पूरी जानकारी सूचना पट्ट पर प्रदर्शित करनी होगी। यदि कोई व्यक्ति अपने ठीक पूर्व धर्म में परिवर्तन करता है तो उसे कानून में धर्म परिवर्तन नहीं समझा जाएगा। ठीक पूर्व धर्म का मतलब यह है कि उस व्यक्ति की आस्था, विश्वास और जिसके लिए स्वेच्छा व स्वतंत्र रूप से अभ्यस्थ था।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

;

Followed

;