देहरादून के रायपुर के मालदेवता क्षेत्र में बुधवार देर रात हुई तेज बारिश से कई घरों और दुकानों में मलबा घुस गया। लोगों के खेतों में भी मलबा भर गया। मलबे के कारण यातायात पूरे दिन प्रभावित रहा। इससे आसपास के कई गांवों का राजधानी से संपर्क कट गया है। आपदा के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत काटी गई सड़क के मलबे को जिम्मेदार माना जा रहा है।
माल देवता जंक्शन के ऊपरी क्षेत्र में तेज बारिश के बाद पूरी सड़क पर मलबा फैल गया। विशेषकर पीपीसीएल और उससे लगे गांवों की सड़क पूरी तरह बंद हो गई। सुबह कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने अपने दिनभर के कार्यक्रम निरस्त कर दिए। स्टाफ के साथ वह मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। वह पूरे दिन वहीं जमे रहे और अपनी निगरानी में मलबा हटाने का काम करवाया। साथ ही प्रभावितों के लिए दोपहर भोज की व्यवस्था भी की।
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प्रभावितों के लिए पंचायत घर में 12 बेड, गद्दे-बिस्तर इत्यादि का इंतजाम कर राहत कैंप बनवाया। उन्होंने बताया कि सेरकी-बौंठा पंचायत के झोल गांव में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। रायपुर विधायक उमेश शर्मा, एडीएम गिरीश गुणवंत, एसडीएम सदर गोपालराम बिनवाल, तहसीलदार दयाराम समेत अन्य विभागों के अधिकारी भी वहां मौजूद रहे।
सात परिवारों को पुनर्वासित करने की जरूरत
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि गांव के सात परिवारों को सुरक्षित स्थान पर बसाने की जरूरत है। गांव में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। कहा कि भविष्य में भी इस तरह का नुकसान हो सकता है। इससे बचने के लिए समय रहते परिवारों को शिफ्ट करने की दिशा में काम किया जाए। साथ ही उन्होंने प्रभावित परिवारों के नुकसान का आकलन कर तुरंत मुआवजा बांटने के निर्देश दिए।
मालदेवता क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत की जा रही सड़क कटिंग का मलबा मुसीबत बना। इस मलबे को ठीक से डंप नहीं किया गया था। बारिश के पानी के साथ यह बहकर सड़क, खेतों, घरों और दुकानों में फैल गया। प्राथमिक जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद जिलाधिकारी ने योजना के ईई का जवाब तलब किया है। साथ ही जांच के लिए चार सदस्यीय समिति भी गठित कर दी है।
बृहस्पतिवार को आपदा के बाद मौके पर पहुंचे कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से स्थानीय लोगों ने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों की शिकायत की। उन्होंने बताया कि सड़कों की कटिंग का मलबा नीचे फेंका जा रहा है। ऊपरी क्षेत्रों में बारिश के बाद इसी मलबे ने निचले क्षेत्रों में आफत की है।
मिट्टी, पत्थर और कीचड़ को पूरी तरह साफ होने में काफी दिन का समय लगेगा। इस पर मंत्री ने जिलाधिकारी को दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। उनके निर्देश पर एडीएम एफआर गिरीश चंद्र गुणवंत ने मौके का निरीक्षण किया। इसके बाद जिलाधिकारी ने स्पष्टीकरण तलब करने के साथ ही एडीएम एफआर की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि यह समिति इस घटना की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। साथ ही आगे से इन तरह की लापरवाही न हो इसके लिए प्रभावी कार्य योजना भी बनाएगी। उन्होंने बताया कि इस समिति में एसडीएम सदर, ईई ऋषिकेश और एक भू वैज्ञानिक को सदस्य बनाया गया है।
मालदेवता क्षेत्र में सड़क पर मलबा व कीचड़ आने से कई गांवों का संपर्क राजधानी से कट गया है। इसके अलावा पीपीसीएल-सेरकी सिल्लामार्ग पर भी कई जगह मलबा आने और भूस्खलन से सड़क बंद हो गई है। इसके आसपास के ताछिला, छमरोली, छोटी छमरोली, भेंटवाडसैंण, भैंकलीखाला, कोल्ठयाना, फुलैथ, भगद्वारीखाल, सिम्यारी, रवांली, गमठियाल गांव, भूत्सी, क्यारागांव इसी एकमात्र सड़क के जरिए राजधानी से जुड़े हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता मंशा उनियाल, छमरोली के प्रधान रोशन लाल डबराल, ललित मोहन उनियाल, प्यारे लाल डबराल, सौरभ उनियाल ने बताया कि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आलू, अदरक समेत अन्य फसलों का उत्पादन होता है। लोग अपने उत्पाद बेचने के लिए रोजाना दून जाते हैं, ऐसे में अगर सड़क जल्दी नहीं खुली तो लोगों को दिक्कत हो सकती है।
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देहरादून के रायपुर के मालदेवता क्षेत्र में बुधवार देर रात हुई तेज बारिश से कई घरों और दुकानों में मलबा घुस गया। लोगों के खेतों में भी मलबा भर गया। मलबे के कारण यातायात पूरे दिन प्रभावित रहा। इससे आसपास के कई गांवों का राजधानी से संपर्क कट गया है। आपदा के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत काटी गई सड़क के मलबे को जिम्मेदार माना जा रहा है।
माल देवता जंक्शन के ऊपरी क्षेत्र में तेज बारिश के बाद पूरी सड़क पर मलबा फैल गया। विशेषकर पीपीसीएल और उससे लगे गांवों की सड़क पूरी तरह बंद हो गई। सुबह कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने अपने दिनभर के कार्यक्रम निरस्त कर दिए। स्टाफ के साथ वह मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। वह पूरे दिन वहीं जमे रहे और अपनी निगरानी में मलबा हटाने का काम करवाया। साथ ही प्रभावितों के लिए दोपहर भोज की व्यवस्था भी की।
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प्रभावितों के लिए पंचायत घर में 12 बेड, गद्दे-बिस्तर इत्यादि का इंतजाम कर राहत कैंप बनवाया। उन्होंने बताया कि सेरकी-बौंठा पंचायत के झोल गांव में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। रायपुर विधायक उमेश शर्मा, एडीएम गिरीश गुणवंत, एसडीएम सदर गोपालराम बिनवाल, तहसीलदार दयाराम समेत अन्य विभागों के अधिकारी भी वहां मौजूद रहे।
सात परिवारों को पुनर्वासित करने की जरूरत
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि गांव के सात परिवारों को सुरक्षित स्थान पर बसाने की जरूरत है। गांव में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। कहा कि भविष्य में भी इस तरह का नुकसान हो सकता है। इससे बचने के लिए समय रहते परिवारों को शिफ्ट करने की दिशा में काम किया जाए। साथ ही उन्होंने प्रभावित परिवारों के नुकसान का आकलन कर तुरंत मुआवजा बांटने के निर्देश दिए।