न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हरिद्वार
Published by: अलका त्यागी
Updated Mon, 11 Jan 2021 09:26 PM IST
हरिद्वार में महाकुंभ के दौरान तीर्थयात्रियों की भीड़ नियंत्रित करने व यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरिद्वार मेला प्रशासन उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) की मदद लेगा। इसके लिए यूसैक के अंतरिक्ष विज्ञानियों ने हरिद्वार महाकुंभ मेला क्षेत्र के 163 वर्ग किलोमीटर का डाटाबेस तैयार किया है। इस डाटाबेस से मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को उनके कंप्यूटर पर ही मेला क्षेत्र में भीड़ और यातायात के बाधित होने की जानकारी मिलेगी।
बता दें, हरिद्वार महाकुंभ के दौरान मकर संक्रांति, माघ पूर्णिमा, वसंत पंचमी समेत तमाम मुख्य अवसरों पर देश-विदेश से भारी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है। मेला प्रशासन की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके अलावा महाकुंभ के दौरान तीर्थयात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने व यातायात को सुचारू रखने के लिए मेला प्रशासन यूसैक के वैज्ञानिकों की भी मदद ले रहा है।
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यूसैक के निदेशक प्रो. एमपीएस बिष्ट के मुताबिक हरिद्वार महाकुंभ के मद्देनजर पूरे मेला क्षेत्र का डाटाबेस तैयार किया गया है। इसमें 163 पर किलोमीटर में स्थित होटलों, आश्रमों, धर्मशालाओं के साथ ही तमाम निर्माण कार्यों और मेला क्षेत्र की खाली पड़ी जमीनों के बारे में भी जानकारियां हैं। सैटेलाइट के जरिए तैयार डाटाबेस के आधार पर महाकुंभ के दौरान भीड़ से यातायात में व्यवधान पड़ने वाले स्थानों को चिह्नित किया गया है।
ऐसे में महाकुंभ के दौरान यातायात व्यवस्था में किसी प्रकार की दिक्कत आती है तो समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकेंगे। इसके अलावा सैटेलाइट के जरिए तत्काल इसकी जानकारी मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को मिल जाएगी। सैटेलाइट के जरिए मिले डाटाबेस के आधार पर मेला प्रशासन अंतिम निर्णय ले सकेंगे।
प्रो. एमपीएस बिष्ट के मुताबिक महाकुंभ मेला क्षेत्र का पूरा डाटाबेस मेला शासन को सौंप दिया गया है। मेला प्रशासन को तकनीकी तौर पर जो भी जरूरत होगी उसे मुहैया कराया जाएगा। इसके अलावा अन्य व्यवस्थाओं में सहयोग के लिए जल्द ही मेला अधिकारी समेत मेला प्रशासन के जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक भी की जाएगी।
कुंभ मेले में अस्थाई टेलीकॉम की सुविधा को लेकर उप मेलाधिकारी अंशुल सिंह की अध्यक्षता में टेलीकॉम से जुड़े अधिकारियों की बैठक हुई। अंशुल सिंह ने मेला एवं स्नान पर्वों पर संचार सेवाओं की क्षमता बढ़ाए जाने को लेकर अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की। उप मेलाधिकारी ने कहा कि अगर टावर लगाने के लिए सक्षम अधिकारी के स्तर से स्वीकृति है तो टावर लगाने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। टेलीकॉम की क्षमता बढ़ाने के लिए नए टावर लगाए जाएंगे।
मेला नियंत्रण भवन में आयोजित बैठक में उप मेलाधिकारी ने अधिकारियों से पूछा कि कुंभ में कहां-कहां टावर स्थापित हो सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि उनका उद्देश्य निर्बाध रूप से संचार सुविधाएं उपलब्ध कराना है। कुंभ के मद्देनजर वर्तमान क्षमता बढ़ाई जा रही है। अधिकारियों ने खुदाई कर अंडर ग्राउंड केबिल डालने की बात उठाई, लेकिन उप मेलाधिकारी ने कहा कि कुंभ निकट है। लिहाजा खुदाई की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
टेलीकॉम अधिकारियों ने बताया कि किन्हीं विवादों के चलते 10 टावर सीज किए हुए हैं। कई लोग रेडिएशन का हवाला देते हुए टावर नहीं लगने देते हैं, जबकि टावर स्थापित करने की स्वीकृति मिली हुई है। उप मेलाधिकारी ने कहा कि टावर लगाने की सक्षम अधिकारी के स्तर से स्वीकृति है तो किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। अंशुल सिंह ने अधिकारियों से कुल टावरों की संख्या, इनमें सीज और एक्टिव की लिस्ट तैयार कर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस अवसर पर टेलीकॉम एक्सपर्ट सुयश चतुर्वेदी के अलावा एयरटेल, वोडाफोन, रिलायंस जीओ, बीएसएनएल के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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हरिद्वार में महाकुंभ के दौरान तीर्थयात्रियों की भीड़ नियंत्रित करने व यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरिद्वार मेला प्रशासन उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) की मदद लेगा। इसके लिए यूसैक के अंतरिक्ष विज्ञानियों ने हरिद्वार महाकुंभ मेला क्षेत्र के 163 वर्ग किलोमीटर का डाटाबेस तैयार किया है। इस डाटाबेस से मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को उनके कंप्यूटर पर ही मेला क्षेत्र में भीड़ और यातायात के बाधित होने की जानकारी मिलेगी।
बता दें, हरिद्वार महाकुंभ के दौरान मकर संक्रांति, माघ पूर्णिमा, वसंत पंचमी समेत तमाम मुख्य अवसरों पर देश-विदेश से भारी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है। मेला प्रशासन की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके अलावा महाकुंभ के दौरान तीर्थयात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने व यातायात को सुचारू रखने के लिए मेला प्रशासन यूसैक के वैज्ञानिकों की भी मदद ले रहा है।
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यूसैक के निदेशक प्रो. एमपीएस बिष्ट के मुताबिक हरिद्वार महाकुंभ के मद्देनजर पूरे मेला क्षेत्र का डाटाबेस तैयार किया गया है। इसमें 163 पर किलोमीटर में स्थित होटलों, आश्रमों, धर्मशालाओं के साथ ही तमाम निर्माण कार्यों और मेला क्षेत्र की खाली पड़ी जमीनों के बारे में भी जानकारियां हैं। सैटेलाइट के जरिए तैयार डाटाबेस के आधार पर महाकुंभ के दौरान भीड़ से यातायात में व्यवधान पड़ने वाले स्थानों को चिह्नित किया गया है।
ऐसे में महाकुंभ के दौरान यातायात व्यवस्था में किसी प्रकार की दिक्कत आती है तो समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकेंगे। इसके अलावा सैटेलाइट के जरिए तत्काल इसकी जानकारी मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को मिल जाएगी। सैटेलाइट के जरिए मिले डाटाबेस के आधार पर मेला प्रशासन अंतिम निर्णय ले सकेंगे।
प्रो. एमपीएस बिष्ट के मुताबिक महाकुंभ मेला क्षेत्र का पूरा डाटाबेस मेला शासन को सौंप दिया गया है। मेला प्रशासन को तकनीकी तौर पर जो भी जरूरत होगी उसे मुहैया कराया जाएगा। इसके अलावा अन्य व्यवस्थाओं में सहयोग के लिए जल्द ही मेला अधिकारी समेत मेला प्रशासन के जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक भी की जाएगी।
कुंभ में दुरुस्त रहेगी टेलीकॉम सुविधाएं
कुंभ मेले में अस्थाई टेलीकॉम की सुविधा को लेकर उप मेलाधिकारी अंशुल सिंह की अध्यक्षता में टेलीकॉम से जुड़े अधिकारियों की बैठक हुई। अंशुल सिंह ने मेला एवं स्नान पर्वों पर संचार सेवाओं की क्षमता बढ़ाए जाने को लेकर अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की। उप मेलाधिकारी ने कहा कि अगर टावर लगाने के लिए सक्षम अधिकारी के स्तर से स्वीकृति है तो टावर लगाने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। टेलीकॉम की क्षमता बढ़ाने के लिए नए टावर लगाए जाएंगे।
मेला नियंत्रण भवन में आयोजित बैठक में उप मेलाधिकारी ने अधिकारियों से पूछा कि कुंभ में कहां-कहां टावर स्थापित हो सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि उनका उद्देश्य निर्बाध रूप से संचार सुविधाएं उपलब्ध कराना है। कुंभ के मद्देनजर वर्तमान क्षमता बढ़ाई जा रही है। अधिकारियों ने खुदाई कर अंडर ग्राउंड केबिल डालने की बात उठाई, लेकिन उप मेलाधिकारी ने कहा कि कुंभ निकट है। लिहाजा खुदाई की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
टेलीकॉम अधिकारियों ने बताया कि किन्हीं विवादों के चलते 10 टावर सीज किए हुए हैं। कई लोग रेडिएशन का हवाला देते हुए टावर नहीं लगने देते हैं, जबकि टावर स्थापित करने की स्वीकृति मिली हुई है। उप मेलाधिकारी ने कहा कि टावर लगाने की सक्षम अधिकारी के स्तर से स्वीकृति है तो किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। अंशुल सिंह ने अधिकारियों से कुल टावरों की संख्या, इनमें सीज और एक्टिव की लिस्ट तैयार कर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस अवसर पर टेलीकॉम एक्सपर्ट सुयश चतुर्वेदी के अलावा एयरटेल, वोडाफोन, रिलायंस जीओ, बीएसएनएल के अधिकारीगण उपस्थित रहे।