भाजपा नेता को जेड प्लस सुरक्षा दिए जाने संबंधी गृहमंत्री के फर्जी पत्र मामले में एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पीआईबी ने भी इस पत्र को फर्जी करार दिया है। इस मामले में एसटीएफ ने साइबर थाने में आईटी एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसटीएफ आरोपी की तलाश कर रही है।
बुधवार को सोशल मीडिया पर गृहमंत्री भारत सरकार के लेटर पैड से मिलता जुलता एक पत्र वायरल हो रहा था। इस पर पत्र में भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा और अजय गुप्ता को जेड प्लस सुरक्षा दिए जाने को कहा गया था। इस पत्र को मुख्यमंत्री को संबोधित किया गया था। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि एसटीएफ में सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल कार्यरत है। इसका उद्देश्य सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की भ्रामक और गलत सूचना प्रसारित होने पर उसे तत्काल प्लेटफार्म से हटाना है।
इस सेल को बुधवार सुबह इस पत्र की जानकारी मिली थी। एसटीएफ ने इसकी तस्दीक की तो यह पूरी तरह से फर्जी पाया गया। कुछ देर बाद पीआईबी यानी प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो ने भी इसे फर्जी करार दिया। इस आधार पर साइबर थाने में अज्ञात के खिलाफ आईटी एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। एसएसपी ने बताया कि पत्र को वायरल करने वाले की पहचान की जा रही है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा।
भाजपा नेता को जेड प्लस सुरक्षा दिए जाने संबंधी गृहमंत्री के फर्जी पत्र मामले में एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पीआईबी ने भी इस पत्र को फर्जी करार दिया है। इस मामले में एसटीएफ ने साइबर थाने में आईटी एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसटीएफ आरोपी की तलाश कर रही है।
बुधवार को सोशल मीडिया पर गृहमंत्री भारत सरकार के लेटर पैड से मिलता जुलता एक पत्र वायरल हो रहा था। इस पर पत्र में भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा और अजय गुप्ता को जेड प्लस सुरक्षा दिए जाने को कहा गया था। इस पत्र को मुख्यमंत्री को संबोधित किया गया था। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि एसटीएफ में सोशल मीडिया इंटरवेंशन सेल कार्यरत है। इसका उद्देश्य सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की भ्रामक और गलत सूचना प्रसारित होने पर उसे तत्काल प्लेटफार्म से हटाना है।
इस सेल को बुधवार सुबह इस पत्र की जानकारी मिली थी। एसटीएफ ने इसकी तस्दीक की तो यह पूरी तरह से फर्जी पाया गया। कुछ देर बाद पीआईबी यानी प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो ने भी इसे फर्जी करार दिया। इस आधार पर साइबर थाने में अज्ञात के खिलाफ आईटी एक्ट और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। एसएसपी ने बताया कि पत्र को वायरल करने वाले की पहचान की जा रही है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा।