आम बजट ने योजनाओं के नजरिये से उत्तराखंड की झोली भरने का काम किया है, लेकिन नौकरी-पेशा लोगों को इससे मायूसी ही मिली है। एक तरफ पुरानी पेंशन बहाली की दिशा में सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई तो दूसरी ओर आयकर स्लैब में कमी नहीं की। उत्तराखंड के आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि योजनाओं के नजरिए से यह बजट उत्तराखंड में विकास को रफ्तार देगा।
Budget 2022 : पर्यावरणविद् बोले, ग्रीन बोनस की मांग को प्रभावी ढंग से नहीं उठा पा रहा उत्तराखंड
उत्तराखंड के लिए बेहद फायदेमंद है बजट
इस बार का आम बजट विकासपरक है। चूंकि बजट इलेक्शन के दौरान आया, इसलिए विशेषरूप से उत्तराखंड का जिक्र नहीं है लेकिन उत्तराखंड को तमाम योजनाओं से बड़ा फायदा होने जा रहा है। नेचुरल फार्मिंग के लिए गंगा के पहले पांच किलोमीटर का जो प्रावधान किया गया है, उसमें उत्तराखंड का बड़ा हिस्सा लाभान्वित होगा। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, हर घर नल से जल में बजट बढ़ाया गया है, जिससे फायदा होगा। नारी शक्ति की तमाम योजनाओं का लाभ यहां मिलेगा। पीएम आवास योजना का भी सीधा लाभ उत्तराखंड को मिलेगा। नीति आयोग का एस्प्रेशन प्रोग्राम, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम से सीमावर्ती गांवों में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ेगा, जिससे उत्तराखंड के भी सीमावर्ती गांवों को फायदा होगा। रेलवे को लेकर जो घोषणाएं की गई हैं, उनसे ऋषिकेश-कर्णप्रयाग व बागेश्वर-टनकपुर रेलवे लाइन पर फायदा मिलेगा। ओवरऑल देखें तो उत्तराखंड के लिए अच्छा बजट है। राज्यों को एक लाख करोड़ का अलग से अलोकेशन किया है, जिससे फायदा हो सकता है।
- आलोक भट्ट, आर्थिक विशेषज्ञ
उत्तराखंड का आधारभूत ढांचा होगा मजबूत
यह बजट गांव, गरीब, किसान एवं मजदूर को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 80 लाख आवास देने के प्रावधान किए गए हैं। स्टार्टअप योजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए टास्क फोर्स बनाने से लाभ होगा। राज्यों को 50 वर्षों तक बिना ब्याज के कर्ज की व्यवस्था से उत्तराखंड जैसे नवोदित राज्यों को आधारभूत ढांचा विकसित करने में सहायता मिलेगी। ऑर्गेनिक फार्मिंग, जीरो बजट और प्राकृतिक कृषि के प्रोत्साहन के लिए कृषि विश्वविद्यालयों और किसानों को क्षमता विकास कार्यक्रम कृषि सुधार के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे। गंगा किनारे कॉरिडोर विकसित करने से कृषि की उत्पादकता में सुधार होगा एवं गंगा निर्मलीकरण भी सुनिश्चित होगा। नदी जोड़ो परियोजना के तहत कार्यक्रम संचालित होने से आपदा प्रबंधन में सहायता मिलेगी और सिंचाई व्यवस्था सुचारू हो पाएगी। पेयजल का संकट भी हल होगा। हालांकि आयकर स्लैब में परिवर्तन न होने से नौकरीपेशा वर्ग मायूस हुआ है लेकिन नई पेंशन स्कीम में राहत दी गई है।
- प्रो. एचसी पुरोहित, दून विवि
योजनाओं से मिलेगा लाभ, नौकरीपेशा वर्ग हुआ मायूस
उत्तराखंड में नौकरीपेशा लोगों के नजरिये से आम बजट को सबसे पहले देखा जाना चाहिए। इस नजर से देखें तो नौकरी पेशा वर्ग को मायूसी ही हाथ लगी है। सरकार ने बजट में टैक्स स्लैब नहीं बढ़ाया है। उम्मीद लगाई जा रही थी कि इससे कुछ न कुछ राहत तो जरूर दी जाएगी। उत्तराखंड में इससे प्रभावित होने वालों की संख्या बहुत बड़ी है। हालांकि योजनाओं के हिसाब से देखें तो बेहतर बजट है। क्लीन एनर्जी प्रोग्राम से उत्तराखंड को लाभ होगा। पेयजल से जुड़ी परियोजना को 60 हजार करोड़ देने का फायदा भी निश्चित तौर पर उत्तराखंड को मिलेगा। प्रधानमंत्री की ओर से संचालित होने वाली केंद्रीय योजनाओं का लाभ भी उत्तराखंड को मिलेगा। इस बजट में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिनसे उत्तराखंड जैसे नवोदित राज्यों को खासा फायदा होने की उम्मीद है।
- प्रो.वीए बौड़ाई, प्रिंसिपल, एसजीआरआर पीजी कॉलेज
बजट में झलकी ग्रीन इन्वेस्टमेंट व ग्रीन फ्यूचर की तस्वीर
उत्तराखंड के सामने विकास के लिए सबसे सशक्त मॉडल ग्रीन ग्रोथ का मॉडल ही है। आज के बजट में ग्रीन इन्वेस्टमेंट और ग्रीन फ्यूचर की तस्वीर झलकती है। चुनाव परिणामों के पश्चात आने वाली सरकार को अपनी नीतियों को गति शक्ति, क्लाइमेट एक्शन और एनर्जी ट्रांजिशन की दिशा में आगे लेकर जाने की जरूरत है। सतत विकास के लिए प्रदेश को विकास और पर्यावरण को संतुलित तरीके से साधने की जरूरत है। बजट ओवरऑल अच्छा है। इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़क और हाईवे, फूड सिक्योरिटी, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी अच्छा फोकस हुआ है। पहली बार सोलर और विंड एनर्जी ग्रिड के लिए छह हजार करोड़ के करीब प्रावधान किया गया है। पर्वतीय राज्यों में औद्योगिक इकाईयों के जीएसटी रिफंड को 3632 करोड़ का जो प्रावधान किया गया है, वह हमारे प्रदेश के लिए अच्छा होगा। जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। गंगा किनारे के करीब 300 किलोमीटर क्षेत्र के लोगों को अच्छा अवसर मिलेगा। अब इस दिशा में राज्य को बेहतर प्लानिंग की जरूरत है।
- मनोज पंत, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी
विस्तार
आम बजट ने योजनाओं के नजरिये से उत्तराखंड की झोली भरने का काम किया है, लेकिन नौकरी-पेशा लोगों को इससे मायूसी ही मिली है। एक तरफ पुरानी पेंशन बहाली की दिशा में सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई तो दूसरी ओर आयकर स्लैब में कमी नहीं की। उत्तराखंड के आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि योजनाओं के नजरिए से यह बजट उत्तराखंड में विकास को रफ्तार देगा।
Budget 2022 : पर्यावरणविद् बोले, ग्रीन बोनस की मांग को प्रभावी ढंग से नहीं उठा पा रहा उत्तराखंड
उत्तराखंड के लिए बेहद फायदेमंद है बजट
इस बार का आम बजट विकासपरक है। चूंकि बजट इलेक्शन के दौरान आया, इसलिए विशेषरूप से उत्तराखंड का जिक्र नहीं है लेकिन उत्तराखंड को तमाम योजनाओं से बड़ा फायदा होने जा रहा है। नेचुरल फार्मिंग के लिए गंगा के पहले पांच किलोमीटर का जो प्रावधान किया गया है, उसमें उत्तराखंड का बड़ा हिस्सा लाभान्वित होगा। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, हर घर नल से जल में बजट बढ़ाया गया है, जिससे फायदा होगा। नारी शक्ति की तमाम योजनाओं का लाभ यहां मिलेगा। पीएम आवास योजना का भी सीधा लाभ उत्तराखंड को मिलेगा। नीति आयोग का एस्प्रेशन प्रोग्राम, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम से सीमावर्ती गांवों में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ेगा, जिससे उत्तराखंड के भी सीमावर्ती गांवों को फायदा होगा। रेलवे को लेकर जो घोषणाएं की गई हैं, उनसे ऋषिकेश-कर्णप्रयाग व बागेश्वर-टनकपुर रेलवे लाइन पर फायदा मिलेगा। ओवरऑल देखें तो उत्तराखंड के लिए अच्छा बजट है। राज्यों को एक लाख करोड़ का अलग से अलोकेशन किया है, जिससे फायदा हो सकता है।
- आलोक भट्ट, आर्थिक विशेषज्ञ
उत्तराखंड का आधारभूत ढांचा होगा मजबूत
यह बजट गांव, गरीब, किसान एवं मजदूर को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 80 लाख आवास देने के प्रावधान किए गए हैं। स्टार्टअप योजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए टास्क फोर्स बनाने से लाभ होगा। राज्यों को 50 वर्षों तक बिना ब्याज के कर्ज की व्यवस्था से उत्तराखंड जैसे नवोदित राज्यों को आधारभूत ढांचा विकसित करने में सहायता मिलेगी। ऑर्गेनिक फार्मिंग, जीरो बजट और प्राकृतिक कृषि के प्रोत्साहन के लिए कृषि विश्वविद्यालयों और किसानों को क्षमता विकास कार्यक्रम कृषि सुधार के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे। गंगा किनारे कॉरिडोर विकसित करने से कृषि की उत्पादकता में सुधार होगा एवं गंगा निर्मलीकरण भी सुनिश्चित होगा। नदी जोड़ो परियोजना के तहत कार्यक्रम संचालित होने से आपदा प्रबंधन में सहायता मिलेगी और सिंचाई व्यवस्था सुचारू हो पाएगी। पेयजल का संकट भी हल होगा। हालांकि आयकर स्लैब में परिवर्तन न होने से नौकरीपेशा वर्ग मायूस हुआ है लेकिन नई पेंशन स्कीम में राहत दी गई है।
- प्रो. एचसी पुरोहित, दून विवि
योजनाओं से मिलेगा लाभ, नौकरीपेशा वर्ग हुआ मायूस
उत्तराखंड में नौकरीपेशा लोगों के नजरिये से आम बजट को सबसे पहले देखा जाना चाहिए। इस नजर से देखें तो नौकरी पेशा वर्ग को मायूसी ही हाथ लगी है। सरकार ने बजट में टैक्स स्लैब नहीं बढ़ाया है। उम्मीद लगाई जा रही थी कि इससे कुछ न कुछ राहत तो जरूर दी जाएगी। उत्तराखंड में इससे प्रभावित होने वालों की संख्या बहुत बड़ी है। हालांकि योजनाओं के हिसाब से देखें तो बेहतर बजट है। क्लीन एनर्जी प्रोग्राम से उत्तराखंड को लाभ होगा। पेयजल से जुड़ी परियोजना को 60 हजार करोड़ देने का फायदा भी निश्चित तौर पर उत्तराखंड को मिलेगा। प्रधानमंत्री की ओर से संचालित होने वाली केंद्रीय योजनाओं का लाभ भी उत्तराखंड को मिलेगा। इस बजट में कई ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिनसे उत्तराखंड जैसे नवोदित राज्यों को खासा फायदा होने की उम्मीद है।
- प्रो.वीए बौड़ाई, प्रिंसिपल, एसजीआरआर पीजी कॉलेज
बजट में झलकी ग्रीन इन्वेस्टमेंट व ग्रीन फ्यूचर की तस्वीर
उत्तराखंड के सामने विकास के लिए सबसे सशक्त मॉडल ग्रीन ग्रोथ का मॉडल ही है। आज के बजट में ग्रीन इन्वेस्टमेंट और ग्रीन फ्यूचर की तस्वीर झलकती है। चुनाव परिणामों के पश्चात आने वाली सरकार को अपनी नीतियों को गति शक्ति, क्लाइमेट एक्शन और एनर्जी ट्रांजिशन की दिशा में आगे लेकर जाने की जरूरत है। सतत विकास के लिए प्रदेश को विकास और पर्यावरण को संतुलित तरीके से साधने की जरूरत है। बजट ओवरऑल अच्छा है। इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़क और हाईवे, फूड सिक्योरिटी, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी अच्छा फोकस हुआ है। पहली बार सोलर और विंड एनर्जी ग्रिड के लिए छह हजार करोड़ के करीब प्रावधान किया गया है। पर्वतीय राज्यों में औद्योगिक इकाईयों के जीएसटी रिफंड को 3632 करोड़ का जो प्रावधान किया गया है, वह हमारे प्रदेश के लिए अच्छा होगा। जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। गंगा किनारे के करीब 300 किलोमीटर क्षेत्र के लोगों को अच्छा अवसर मिलेगा। अब इस दिशा में राज्य को बेहतर प्लानिंग की जरूरत है।
- मनोज पंत, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी