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Earthquake: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में कई जगह लगे भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 3.8 रही तीव्रता

अमर उजाला नेटवर्क, देहरादून Published by: शाहरुख खान Updated Sun, 22 Jan 2023 10:37 AM IST
सार

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में कई जगह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ जिले में 10 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.8 मेग्नीट्यूड मापी गई है।

सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो - फोटो : Social Media

विस्तार

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी और नाचनी समेत कई हिस्सों में आज भूकंप के झटके महसूस किए गए। रविवार की सुबह 8:58 पर भूकंप का झटका महसूस किया गया। 


जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार भूकंप का केंद्र पिथौरागढ़ जिले में 10 किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.8 मेग्नीट्यूड मापी गई है। आपदा प्रबंधन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार भूकंप से किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है।


कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

भूकंप की तीव्रता 
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।

लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।
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