अमर उजाला अभियान के तहत कई युवतियों ने अपने उत्पीड़न की कथा कही तो कुछ ने अपने मामलों में अब तक हुई कार्रवाई को नाकाफी करार दिया।
‘सहिए नहीं, सजा दिलाइए...’ इस अभियान के तहत फोन करने वालों में कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने अपने क्षेत्र में औद्योगिक इकाईयों में कार्यरत युवतियों के साथ सरे राह होने वाली छेड़-छाड़ का मसला उठाया, इस पर रोक की मांग की।
वरिष्ठ अधिकारी ने केबिन में बुलाया
एक निजी संस्थान में कार्यरत शालिनी (परिवर्तित नाम) को उसके वरिष्ठ अधिकारी बगैर किसी कारण बार-बार केबिन में बुलाकर उसका मानसिक उत्पीड़न कर रहे थे। शालिनी ने इस संबंध में संस्थान के उच्चाधिकारी से शिकायत की, लेकिन उसकी सुनी नहीं गई।
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शालिनी का कहना है कि विभागीय कमेटी बैठाने और जांच कराए जाने की बात उच्चाधिकारी करते रहे, लेकिन छह माह का समय बीत जाने के बाद भी कुछ हुआ नहीं। अवकाश भी कब तक लिया जा सकता है। वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ क्या करना चाहिए।
आप उच्चाधिकारी से साफ बात करें, अगर वह विभागीय समिति की जांच को तैयार नहीं होते तो उन्हें कहें कि आप अदालत में जाने पर मजबूर होंगी। कार्यस्थल पर उत्पीड़न रोकने को कानून है। आप पुलिस की भी इस मामले में मदद ले सकती हैं।
पति ही कर रहा उत्पीड़न
24 वर्षीया पार्वती (परिवर्तित नाम) इस वक्त राजकीय चिकित्सालय, ऋषिकेश में भर्ती है। उसका कुसूर इतना है कि वह ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं। आठ बच्चों की इस मां का उत्पीड़न उसका पति ही कर रहा है।
उसको इस कदर मारा-पीटा है कि अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। मानसिक रूप से टूटन का अनुभव कर रही पार्वती का कहना है कि उसने अपने इस उत्पीड़न पर ऋषिकेश थाने में भी सूचना प्राथमिकी दर्ज कराई है, लेकिन उसके केस में आगे कुछ नहीं हो रहा। उसने पुलिस पर भी पति से मिलीभगत कर लेन-देन का आरोप जड़ा।
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अगर थाना के स्तर पर आपकी सुनवाई नहीं हो रही तो सूचना प्राथमिकी की एक कापी के साथ एसएसपी को अपनी शिकायत भेज सकती हैं। इस तरह के कई केस आते हैं। आपकी शिकायत पर कार्रवाई होगी।
पति ने एक विवाहित को फंसाया जाल में
सरकारी विभाग में कार्यरत ऋतु (बदला हुआ नाम) बेहद परेशानी में हैं। उनके पति ने एक विवाहित महिला को अपने जाल में फंसा लिया। उसके साथ ही रहने लगे। उस महिला ने भी अपने पति को छोड़ दिया। ऋतु अदालत चली गई।
मामला अभी चल ही रहा है, लेकिन ऋतु संतुष्ट नहीं। उनकी चाहत है कि पुलिस की मदद से कुछ ऐसा हो जाए कि पति उस महिला के साथ अपने सभी तरह के संबंध समाप्त कर लें। इसके साथ ही उस महिला पर भी कोई ऐसी कार्रवाई हो कि वह भी अपने किए से सबक सीख सके।
लें एक्सपर्ट की सलाह
ऐसे मामले में एविडेंस जुटाने में समय लगता है। पति ने उस महिला से शादी नहीं की है, लिहाजा आरोपों को साबित करना होगा। पुलिस के पास आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। वह अपने स्तर से इस मामले में जरूर कार्रवाई करेगी।
अगर हमारे एक्सपर्ट की सलाह के बाद आप कोई कदम उठाती हैं और इससे आपके संघर्ष को नया रूप, नया तेवर, नई धार मिलती है तो अमर उजाला को जरूर बताएं। आप जैसी बाकी सताई महिलाओं को भी हिम्मत मिल सकेगी।
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