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chhattisgarh bjp raised questions on reservation amendment bill
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आरक्षण पर सवाल: नेता प्रतिपक्ष ने कहा- कांग्रेस की नीयत में खोट, SC को 16, EWS को 10% मिलना चाहिए
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रायपुर
Published by: मोहनीश श्रीवास्तव
Updated Sat, 03 Dec 2022 04:41 PM IST
सार
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भाजपा ने आरोप लगाया कि, कांग्रेस के ही नेता लगातार आरक्षण के खिलाफ कोर्ट जाते रहे हैं। इसमें कांग्रेस की पूर्व विधायक पदमा मनहर और वरिष्ठ नेता पीआर खूंटे भी शामिल हैं। आदिवासी समाज का आरक्षण छीनने वाले को एक प्रमुख आयोग का अध्यक्ष बनाया। खुद राज्य सरकार में मंत्री कवासी लखमा ने इस बात को स्वीकार किया है।
भाजपा ने संशोधित आरक्षण विधेयक को लेकर कांग्रेस पर लगाए आरोप।
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद के बीच राज्य सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में संशोधित अधिनियम पारित कर दिया है। हालांकि इस पर अभी राज्यपाल की मंजूरी मिलना बाकी है। ऐसे में एक बार फिर भाजपा ने बिल को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक नारायण चंदेल ने कहा कि कांग्रेस की नीयत में खोट है। अनुसूचित जाति को 16 और आर्थिक रूप से पिछड़े (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए।
अध्ययन दल की रिपोर्ट नहीं की सार्वजनिक
रायपुर भाजपा कार्यालय में शनिवार को मीडिया से नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि, भानुप्रतापपुर उपचुनाव में कांग्रेस को अपनी हार साफ दिखाई दे रही है। इसके चलते दो महीने से शांत बैठी कांग्रेस ने सरकार ने आनन-फानन में राजनीतिक लाभ लेने के लिए विशेष सत्र बुलाया। जबकि उसने आरक्षण विधेयक को लेकर कोई खास तैयारी तक नहीं की। राज्य सरकार ने अध्ययन दल पटेल कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की, जबकि उसके डाटा के आधार पर संशोधन का दावा किया जा रहा है।
आरक्षण विधेयक में सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं माना
भाजपा नेता ने कहा कि, विधानसभा में सत्ता पक्ष चर्चा से भागता रहा। विपक्ष को टोकने को लेकर सदन में नेता स्वयं मंत्रियों को उकसाते रहे। इससे स्पष्ट इनकी नीयत खोटी हैं और पीछे के दरवाजे से से ये फिर आरक्षण के खिलाफ खेल करेंगे। उन्होंने कहा कि आरक्षण विधेयक में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को भी नहीं माना गया। इससे साफ है कि कांग्रेस किसी वर्ग को आरक्षण देने की हितैषी नहीं है। कांग्रेस की बदनीयती ने हर वर्ग को निराश किया है। प्रमोशन में भी आरक्षण पर रोक लगी।
जिसने आरक्षण छीना, कांग्रेस ने उसकी ताजपोशी की
उन्होंने कहा कि, कांग्रेस सरकार पहले भी लागू 58 प्रतिशत आरक्षण नहीं बचा सकी। बदनीयती के चलते कोर्ट में वकील तक नहीं भेजे। आरोप लगाया कि पिछड़े वर्ग का आरक्षण रोकने कांग्रेस ने अपने आदमी को भेजा। फिर उसी व्यक्ति की ताजपोशी कर कबीर पीठ का अध्यक्ष बना दिया। ऐसे से ही आदिवासी समाज का आरक्षण छीनने वाले को एक प्रमुख आयोग का अध्यक्ष बनाया। खुद राज्य सरकार में मंत्री कवासी लखमा ने इस बात को स्वीकार किया है।
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