लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   Chandigarh ›   Metro is far away, first formation of UMTA is necessary

Chandigarh News: मेट्रो अभी दूर, पहले यूएमटीए का गठन जरूरी

Chandigarh Bureau चंडीगढ़ ब्यूरो
Updated Sun, 19 Mar 2023 01:39 AM IST
Metro is far away, first formation of UMTA is necessary
चंडीगढ़। रेल इंडिया तकनीकी और आर्थिक सेवा (राइट्स) की रिपोर्ट को हरी झंडी देकर यूटी प्रशासन ने भले ट्राइसिटी में मेट्रो चलाने का रास्ता साफ कर दिया है, लेकिन मेट्रो वास्तविकता से अभी बहुत दूर है। प्रशासन को पहले यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए) का गठन करना होगा। तीन राज्य, एक यूटी और केंद्र व राज्य की 15 से अधिक एजेंसियों व विभागों को एक मंच पर लाना बहुत बड़ी चुनौती है।राइट्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चंडीगढ़ ट्राइसिटी कांप्लेक्स, एक केंद्र शासित प्रदेश और दो राज्य से मिलकर बना है। इसमें मोहाली, पंजाब और पंचकूला, हरियाणा में बसा हुआ है। सभी सरकारों के अलग-अलग विभाग हैं, जो शहर में विकास व परिवहन के कार्यों को देखते हैं। उदाहरण के लिए चंडीगढ़ प्रशासन में परिवहन विभाग और चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग है। इंजीनियरिंग विभाग, ऑर्किटेक्चर व टाउन प्लानिंग विभाग है। इसके अलावा चंडीगढ़ नगर निगम भी है। वहीं, पंजाब और हरियाणा में भी इन सभी विभागों से संबंधित कार्यों के कई छोटे-बड़े विभाग हैं। इन सभी के साथ समन्वय बनाना एक बहुत जटिल कार्य हो सकता है। वर्तमान में विभिन्न संस्थानों के बीच समन्वय सुनिश्चित करने के लिए कोई तंत्र नहीं है, जो सबसे बड़ा रोड ब्लॉक है इसलिए यूएमटीए का गठन बहुत जरूरी है। यह मेट्रो समेत कंप्रिहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) को लागू करने में अहम भूमिका होगी।


राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति के अनुसार भी यूएमटीए का गठन जरूरी
राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति-2006 ने 10 लाख से अधिक शहरों में यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यूएमटीए) की स्थापना की सिफारिश की है। राइट्स ने अपनी रिपोर्ट में भी इसका जिक्र किया है, क्योंकि ट्राइसिटी की जनसंख्या इससे ज्यादा है। बीते दिनों प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंजाब की मंत्री अनमोल गगन मान समेत दोनों राज्यों के विभिन्न वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, उसमें यूएमटीए के गठन को मंजूरी दे दी गई।


एनएचएआई, रेलवे समेत हिमाचल प्रदेश के कई विभाग भी होंगे शामिल
राइट्स ने सुझाव दिया है कि यूएमटीए की बोर्ड की अध्यक्षता पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक को करनी चाहिए। उनके अलावा गवर्निंग बोर्ड व बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में प्रशासक के अलावा पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के मुख्य सचिव और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि होने चाहिए। इसके अलावा नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, भारतीय रेलवे, विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि, उनके परिवहन विभाग, पब्लिक वर्क्स विभाग, पुलिस विभाग, लोकल गवर्नमेंट के प्रतिनिधि, नगर निगम के मेयर व आयुक्त, डेवलपमेंट अथॉरिटी के आयुक्त सदस्य होंगे। इसके अलावा राइट्स ने सुझाया है कि कमेटी को ज्यादा सुझाव के लिए निजी सेक्टर से भी लोगों को सदस्य के रूप में नामित किया जाना चाहिए। इनमें कॉरपोरेट गवर्नेंस एक्सपर्ट, फाइनेंस एक्सपर्ट, कानून के जानकार, अर्बन ट्रांसपोर्ट इंस्टीट्यूशन के प्रतिनिधि, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बेनिफिसियरीज के प्रतिनिधि और शहर के विभिन्न साइकिल व पैदल चलने वाली एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना चाहिए।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

;