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कोरोना महामारी के चलते निजी कंपनी व संस्थानों में काम करने वाले मुलाजिमों को वेतन आदि के लिए धक्के न खाने पड़ें, इसके लिए जिला प्रशासन काफी गंभीर है। प्रशासन द्वारा निजी व व्यापारिक संस्थानों को आदेश तक दिए गए हैं कि वह अपने यहां काम करने वालों को पूरा वेतन दें। इसके विपरीत निजी क्षेत्र की कंपनियों ने मुलाजिमों को परेशान करना शुरू कर दिया है। मोहाली की एक कंपनी ने पहले मुलाजिमों को बिना सैलरी से घर भेजा। वहीं, अब उनकी नौकरी से छुट्टी कर दी है। पीड़ितों इस संबंधी जिला प्रशासन से गुहार लगाई है।
मुलाजिमों का कहना है कि डीसी ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि वह इस मामले की जांच करेंगे। जानकारी के अनुसार मोहाली के इंडस्ट्रियल एरिया में एक नामी आईटी कंपनी है जो मोबाइल सॉफ्टवेयर बनाने का काम करती है। कंपनी को कोरोना महामारी के चलते प्रशासन ने आदेश दिए कि वह कुछ समय के लिए अपना काम बंद रखे। इसके बाद कंपनी ने अपने मुलाजिमों को घर भेज दिया था। कंपनियों ने मुलाजिमों को उस समय कहा था कि छुट्टी वाले समय में उन्हें सैलरी नहीं दी जाएगी। मुलाजिम भी कंपनी प्रबंधकों की बात मानकर घर चले गए।
परंतु अब कंपनी के प्रबंधकों ने मुलाजिमों को बिना नोटिस दिए नौकरी से निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनी की तरफ से इस संबंध में बकायदा लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं जिससे मुलाजिम काफी आहत हैं। करीब 20 मुलाजिम कंपनी के इस रवैये से परेशानी में हैं। इसके बाद मुलाजिम सारा मामला डीसी के ध्यान में लेकर आए। डीसी ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि वह इस मामले में किसी के साथ भी धक्का नहीं होने देंगे। उन्होंने प्रशासन के अधिकारियों को इस संबंधी उचित कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
कंपनी मुलाजिमों का कहना है कि वह पूरी मेहनत से काम रहे थे। खुशी से वह अपने घरों में नहीं रुके हुए हैं। बल्कि कंपनी ने उन्हें घरों में रुकने के लिए कहा था। वहीं, अब उन्हें नौकरी से निकालने के आदेश दिए जा रहे हैं जो कि पूरी तरह से गलत है। मुलाजिमों का कहना है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि अब वह क्या करेंगे। उन्होंने प्रशासन को इस दिशा में ध्यान देने की अपील की है।
यूएस बेस्ड हैं कंपनी
जानकारी के अनुसार यह कंपनी मोबाइल साफ्टवेयर बनाने का काम करती है जो यूूएस बेस्ड कंपनी बताई जा रही है। कंपनी के ट्राइसिटी, उत्तराखंड, बैंगलुरू समेत कई राज्यों में आफिस हैं। कंपनी अपने मोबाइल ऑफिस से करीब 20 लोगों की छुट्टी करने जा रही है।
कोरोना महामारी के चलते निजी कंपनी व संस्थानों में काम करने वाले मुलाजिमों को वेतन आदि के लिए धक्के न खाने पड़ें, इसके लिए जिला प्रशासन काफी गंभीर है। प्रशासन द्वारा निजी व व्यापारिक संस्थानों को आदेश तक दिए गए हैं कि वह अपने यहां काम करने वालों को पूरा वेतन दें। इसके विपरीत निजी क्षेत्र की कंपनियों ने मुलाजिमों को परेशान करना शुरू कर दिया है। मोहाली की एक कंपनी ने पहले मुलाजिमों को बिना सैलरी से घर भेजा। वहीं, अब उनकी नौकरी से छुट्टी कर दी है। पीड़ितों इस संबंधी जिला प्रशासन से गुहार लगाई है।
मुलाजिमों का कहना है कि डीसी ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि वह इस मामले की जांच करेंगे। जानकारी के अनुसार मोहाली के इंडस्ट्रियल एरिया में एक नामी आईटी कंपनी है जो मोबाइल सॉफ्टवेयर बनाने का काम करती है। कंपनी को कोरोना महामारी के चलते प्रशासन ने आदेश दिए कि वह कुछ समय के लिए अपना काम बंद रखे। इसके बाद कंपनी ने अपने मुलाजिमों को घर भेज दिया था। कंपनियों ने मुलाजिमों को उस समय कहा था कि छुट्टी वाले समय में उन्हें सैलरी नहीं दी जाएगी। मुलाजिम भी कंपनी प्रबंधकों की बात मानकर घर चले गए।
परंतु अब कंपनी के प्रबंधकों ने मुलाजिमों को बिना नोटिस दिए नौकरी से निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनी की तरफ से इस संबंध में बकायदा लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं जिससे मुलाजिम काफी आहत हैं। करीब 20 मुलाजिम कंपनी के इस रवैये से परेशानी में हैं। इसके बाद मुलाजिम सारा मामला डीसी के ध्यान में लेकर आए। डीसी ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि वह इस मामले में किसी के साथ भी धक्का नहीं होने देंगे। उन्होंने प्रशासन के अधिकारियों को इस संबंधी उचित कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
हम तो काम कर रहे थे, कंपनी ने भेजा था घर
कंपनी मुलाजिमों का कहना है कि वह पूरी मेहनत से काम रहे थे। खुशी से वह अपने घरों में नहीं रुके हुए हैं। बल्कि कंपनी ने उन्हें घरों में रुकने के लिए कहा था। वहीं, अब उन्हें नौकरी से निकालने के आदेश दिए जा रहे हैं जो कि पूरी तरह से गलत है। मुलाजिमों का कहना है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि अब वह क्या करेंगे। उन्होंने प्रशासन को इस दिशा में ध्यान देने की अपील की है।
यूएस बेस्ड हैं कंपनी
जानकारी के अनुसार यह कंपनी मोबाइल साफ्टवेयर बनाने का काम करती है जो यूूएस बेस्ड कंपनी बताई जा रही है। कंपनी के ट्राइसिटी, उत्तराखंड, बैंगलुरू समेत कई राज्यों में आफिस हैं। कंपनी अपने मोबाइल ऑफिस से करीब 20 लोगों की छुट्टी करने जा रही है।