एक ओर नरेंद्र मोदी को लेकर भाजपा में कोई दुविधा नहीं है तो दूसरी ओर नमो मंत्र का जाप करने से इंकार करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री और जद-यू के शक्ति पुंज नीतीश कुमार ने अपना अगला राजनीतिक एजेंडा तय कर लिया है।
ऐसे में गठबंधन का टूटना तय है। अगर ऐसा होता है तो नीतीश जल्द ही बिहार में एक नई यात्रा पर निकलेंगे, जिसका नाम होगा राजनीतिक यात्रा।
आज टूटेगी भाजपा-जदयू की दोस्तीनीतीश ने अब भावी विकल्पों पर विचार शुरू कर दिया है। इनमें ममता बनर्जी, नवीन पटनायक और चंद्रबाबू नायडू के साथ मिलकर फेडरल फ्रंट बनाने से लेकर बिहार में मुस्लिम वोटों के मिजाज को भांपते हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ कोई समझदारी बनाने तक के फार्मूले शामिल हैं।
दिल्ली में नीतीश के विश्वस्त एक सांसद कांग्रेस के एक केंद्रीय मंत्री के जरिए राहुल गांधी के यहां तार जोड़े हुए हैं।
नीतीश पर डोरे डालने लगी कांग्रेसयह जानकारी देते हुए जद-यू के भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि नीतीश ने भाजपा नेतृत्व से साफ कह दिया है कि अगर गठबंधन बचाना है तो वादा करना होगा कि मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया जाएगा।
भाजपा इसके लिए तैयार नहीं है। ऐसे में गठबंधन बरकरार रहने की संभावना नहीं के बराबर है। इसे भांपते हुए नीतीश कुमार ने तय किया है कि गठबंधन टूटने के औपचारिक ऐलान के बाद वह बिहार में एक नई यात्रा पर निकलेंगे।
नीतीश इस यात्रा के जरिए बिहार की जनता विशेषकर अपने पिछड़े, अति पिछड़े, दलित, महादलित और मुस्लिम मतदाताओं को भाजपा से अलग होने की सच्चाई बताएंगे।
बेबाक शिवानंद तिवारीअपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर जद (यू) महासचिव और प्रवक्ता शिवानंद तिवारी लगातार तीखे बयान देकर गठबंधन खत्म होने का ऐलान कर रहे हैं।
जहां भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने बिहार के हित में गठबंधन जारी रखने की नरम अपील की, वहीं शिवानंद ने यह कहकर कि हमने देर कर दी भाजपा से 2010 में ही गठबंधन तोड़ देना चाहिए था, यह संकेत दे दिए कि गठबंधन अब अंतिम सांसें गिन रहा है।
वैसे राजनीतिक गलियारों में बाबा के नाम से मशहूर तिवारी को छात्र राजनीति में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार दोनों का गुरु माना जाता था।
एक ओर नरेंद्र मोदी को लेकर भाजपा में कोई दुविधा नहीं है तो दूसरी ओर नमो मंत्र का जाप करने से इंकार करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री और जद-यू के शक्ति पुंज नीतीश कुमार ने अपना अगला राजनीतिक एजेंडा तय कर लिया है।
ऐसे में गठबंधन का टूटना तय है। अगर ऐसा होता है तो नीतीश जल्द ही बिहार में एक नई यात्रा पर निकलेंगे, जिसका नाम होगा राजनीतिक यात्रा।
आज टूटेगी भाजपा-जदयू की दोस्ती
नीतीश ने अब भावी विकल्पों पर विचार शुरू कर दिया है। इनमें ममता बनर्जी, नवीन पटनायक और चंद्रबाबू नायडू के साथ मिलकर फेडरल फ्रंट बनाने से लेकर बिहार में मुस्लिम वोटों के मिजाज को भांपते हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ कोई समझदारी बनाने तक के फार्मूले शामिल हैं।
दिल्ली में नीतीश के विश्वस्त एक सांसद कांग्रेस के एक केंद्रीय मंत्री के जरिए राहुल गांधी के यहां तार जोड़े हुए हैं।
नीतीश पर डोरे डालने लगी कांग्रेस
यह जानकारी देते हुए जद-यू के भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि नीतीश ने भाजपा नेतृत्व से साफ कह दिया है कि अगर गठबंधन बचाना है तो वादा करना होगा कि मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया जाएगा।
भाजपा इसके लिए तैयार नहीं है। ऐसे में गठबंधन बरकरार रहने की संभावना नहीं के बराबर है। इसे भांपते हुए नीतीश कुमार ने तय किया है कि गठबंधन टूटने के औपचारिक ऐलान के बाद वह बिहार में एक नई यात्रा पर निकलेंगे।
नीतीश इस यात्रा के जरिए बिहार की जनता विशेषकर अपने पिछड़े, अति पिछड़े, दलित, महादलित और मुस्लिम मतदाताओं को भाजपा से अलग होने की सच्चाई बताएंगे।
बेबाक शिवानंद तिवारी
अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर जद (यू) महासचिव और प्रवक्ता शिवानंद तिवारी लगातार तीखे बयान देकर गठबंधन खत्म होने का ऐलान कर रहे हैं।
जहां भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने बिहार के हित में गठबंधन जारी रखने की नरम अपील की, वहीं शिवानंद ने यह कहकर कि हमने देर कर दी भाजपा से 2010 में ही गठबंधन तोड़ देना चाहिए था, यह संकेत दे दिए कि गठबंधन अब अंतिम सांसें गिन रहा है।
वैसे राजनीतिक गलियारों में बाबा के नाम से मशहूर तिवारी को छात्र राजनीति में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार दोनों का गुरु माना जाता था।