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बिहार

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देखिए कैसे सरेआम हुआ LIVE एनकाउंटर, दिनदहाड़े चलीं दनादन गोलियां

बिहार का राम रहीम: लड़कियों को साध्वी बना करता था दुष्कर्म, जानें क्या है पूरी कहानी

हरियाणा के गुरमीत राम रहीम के बाद बिहार में भी एक दुष्कर्मी बाबा का पर्दाफाश हुआ है। बिहार के सुपौल में धर्म के नाम पर अपना काला साम्राज्य चला रहा दुष्कर्मी बाबा लड़कियों को पहले साध्वी बनाता था और फिर उनका शिकार करता था। राम रहीम को कोर्ट से सजा मिलने के बाद बिहार के इस दुष्कर्मी बाबा की शिकार हुई दो बहनों को हिम्मत मिली और एक और राम रहीम सलाखों के पीछे जा पहुंचा। 

बाबा मनमोहन साहेब ने कबीर मठ की आड़ में तीन-तीन आश्रम संचालित कर रखा था। दुष्कर्म का शिकार हुई बहनों ने इस बाबा के बारे में सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। यह पत्र लोगों के रोंगटे खड़ा कर दे रहा है। पत्र में बहनों ने लिखा है कि उनकी ही तरह सैकड़ों ऐसी लड़कियां हैं जो विश्व कबीर मंच के अंतर्राष्ट्रीय बाल ब्रह्मचारी बाबा संत मनमोहन साहेब के दुष्कर्म की शिकार हुई है। 

पंजाब और नेपाल में भी चलाता था आश्रम

पीड़िता बहनें मधुबनी जिले के फुलपरास थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली हैं। उसका पूरा परिवार पंजाब के लुधियाना शहर में रहता है। बाबा मनमोहन साहेब का परिचय उनके पिता से पहले हुआ था और वे दोनों उनके करनैल सिंह नगर स्थित आश्रम में आने-जाने लगी। पूरा परिवार बाबा का ऐसा भक्त था कि पीड़िता के घर का आधा हिस्सा सत्संग भवन के रूप में बदल दिया गया। 

बाबा से प्रभावित होकर दोनों बहनें साल 2009 में साध्वी बन गयीं और बाबा के साथ देश के विभिन्न हिस्से में प्रवचन के लिए बाबा के साथ जाने लगी। प्रवचन में दोनों बहनें भजन गाया करती थी। संत मनमोहन साहेब अपने पैतृक गांव सुपौल जिला के मरौना थाना क्षेत्र के पंचभिंडा के साथ-साथ मधुबनी जिला के फुलपरास, पंजाब के लुधियाना और नेपाल में भी आश्रम का संचालन करता था। 

पहले छोटी बहन को शिकार बनाया, फिर बड़ी बहन को

मनमोहन ने जुलाई 2010 में पहली बार पीड़िता की छोटी बहन के साथ दुष्कर्म किया था। उसके बाद संत मनमोहन लगातार यौन शोषण करता रहा। दुष्कर्म के बाद उसने वीडियो बनाया गया और खामोश रहने की धमकी दी। फरवरी 2016 को मरौना के पंचभिण्डा में विशाल सत्संग का आयोजन हुआ था। इसमें भाग लेने दोनों बहनें पूरे परिवार के साथ आश्रम पहुंची थी।

सत्संग खत्म होने के दो दिन बाद देर रात संत मनमोहन साहेब ने बड़ी बहन को अपने कमरे में पैर दबाने के बहाने बुलाया और फिर दुष्कर्म किया। बाबा ने चोरी-छिपे दुष्कर्म की वीडियो रिकॉर्डिंग कर ली और धमकाता रहा। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि दर्जनों लड़कियों को बाबा शिकार बना चुका है। 

बड़ी बहन को बाबा ने खुद अश्लील वीडियो दिखाकर बताया था कि दर्जनों लड़कियां हैं जो काफी बड़े घराने की है और पढ़ी लिखी हैं लेकिन किसी ने आजतक उसका विरोध नहीं किया है। उसका संबंध बड़े बदमाशों से है, इसलिए उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। 

 
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बिहार के वैशाली में सहरसा निवासी प्रोफेसर व उसके भतीजे को मारी गोली, भतीजे की मौत 

बिहार के वैशाली जिले में बुधवार को अपराधियों ने एक प्रोफेसर सहित दो लोगों पर गोलीबारी की जिसमें से एक की इलाज के क्रम में मौत हो गई। घटना वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर के नगर थाना क्षेत्र की है। मड़ई चौक के पास दो बाइक पर सवाल चार अपराधियों ने गोली मार दी। 

थानाध्यक्ष ओमप्रकाश ने बताया कि मरने वाले की पहचान 21 वर्षीय अंगद कुमार के रूप में की गई है। उन्होंने बताया कि अंगद अपने चाचा और स्थानीय महिला कालेज में प्रोफेसर अनिल कुमार के साथ एक रिक्शा पर सवार होकर जा रहे थे तभी मड़ई चौक के पास बदमाशों ने उनपर गोलीबारी कर दी ।

छोटी यूसुफपुर में किराए के एक मकान में रह रहे अनिल और उनके भतीजे अंगद अपने पैतृक जिला सहरसा से आज सुबह ही लौटे थे और हाजीपुर रेलवे स्टेशन से एक ट्रेन से उतरने के बाद एक रिक्शा पर सवार होकर अपने घर जा रहे थे। 

अपराधियों ने उन्हें रास्ते में लूटने का प्रयास किया जिसका विरोध करने पर उनपर गोलीबारी करते हुए अपराधी फरार हो गए। अनिल को बेहतर इलाज के लिए पटना मेडिकल कालेज अस्पताल रेफर किया गया है ।
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Bihar: अपहरण के 4 दिन बाद मिला एलजेपी नेता का शव, 10 लाख की फिरौती लेने के बाद भी हत्या

बिहार के पूर्णिया में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के नेता का गुरुवार को अपहरण कर लिया गया था। चार दिन के बाद यानी रविवार को पुलिस ने कृत्यानंद नगर थाना क्षेत्र के डंबराहा गांव से नेता का शव बरामद किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने लाश का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 
29 अप्रैल को हुआ था अनिल उरांव का अपहरण
बताया जा रहा है कि लोक जनशक्ति पार्टी के नेता अनिल उरांव का 29 अप्रैल को अपहरण कर लिया था। तत्पश्चात उरांव के परिजन ने पुलिस में अपहरणकर्ताओं के खिलाफ शिकायत भी दर्ज की थी। परिजनों ने पुलिस पर इल्जाम लगाते हुए कहा है कि अपहरणकर्ताओं ने 10 लाख रुपये की मांग की थी। फिरौती देने के लिए परिजनों के साथ पुलिस भी गई थी। इसके बावजूद अपहर्ताओं ने पुलिस को चकमा देकर फिरौती वसूलने के बाद हत्या कर दी। लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर पाई। बेशक यह पुलिस की बड़ी नाकामी है। 
आरएन साहू चौक पर परिजनों में किया हंगामा
पोस्टमार्टम के बाद नेता की लाश को परिजनों को सौंप दिया गया। इसके बाद आक्रोशित परिजनों ने आरएन साहू चौक पर हंगामा और पूर्णिया शहर में चक्का जाम करना शुरू कर दिया। आपको बता दें अनिल उरांव ने साल 2015 और 2020 में कटिहार के निहारी विधानसभा से चुना लड़ा था, लेकिन हार गए थे। 

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बिहार: लोजपा नेता की हत्या बिहार: लोजपा नेता की हत्या

CSBC बिहार पुलिस सिपाही भर्ती: आवेदकों ने पीईटी में अपनी जगह भेजे दूसरे युवक, 200 गिरफ्तार

बिहार पुलिस की भर्ती की फिजिकल एलिजिबिल्टी टेस्ट (पीईटी) में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। इस मामले में अब तक कुल 200 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दरअसल, बिहार सरकार ने पुलिस मे 11,880 सिपाहियों की वैकेंसी भरने के लिए भर्ती अभियान शुरू किया था। इस वैकेंसी की भर्ती के लिए बिहार सेंट्रल सिलेक्शन बोर्ड ने 12 जनवरी से 8 मार्च 2020 तक लिखित परीक्षा कराई थी। बिहार पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा में करीब 10 लाख से भी ज्यादा स्टूडेंट पास हुए थे। इनमे से करीब 60 हज़ार अभ्यर्थियों को फिजिकल एलिजिबिल्टी टेस्ट के लिए सफल घोषित किया गया था, जिनकी पीईटी 7 दिसंबर से 30 जनवरी तक होनी थी। 

पांच दिन में 200 गिरफ्तार

जानकारी के मुताबिक, बिहार सेंट्रल सिलेक्शन बोर्ड द्वारा आयोजित कराई जा रही बिहार पुलिस कांस्टेबल भर्ती के पीईटी एग्जाम में पिछले पांच दिनों में करीब 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधिकारी ने बताया है कि गुरुवार को पीईटी में अपनी जगह दूसरे को खड़ा करने में 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया। जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार लिए गए सभी आरोपियों को 2-5 लाख रुपये प्रति पोस्ट दिए गए थे। 

स्क्रीनिंग टेस्ट में पास नहीं होंगे फर्जी अभ्यर्थी

इस संबंध में सीएसबीसी के एक सीनियर ने कहा है कि फर्जीवाड़ा करके कोई भी अभ्यर्थी स्क्रीनिंग टेस्ट पास नहीं कर पाएगा, क्योंकि अभ्यर्थियों की पहचान और उनके दस्तावेजों की जांच बहुत सावधानीपूर्वक की जा रही है। फिलहाल, पुलिस अपनी जगह पर दूसरे लोगों को खड़ा करने वालों से पूछताछ कर रही है। अभी इस मामले में और गिरफ्तारियां होनी बाकी हैं।
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बिहार में बरामद हुआ अपहृत युवक का शव, बोलेरो सवार बदमाशों ने गोरखपुर से किया था अपहरण

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के रामगढ़ताल इलाके से एक माह पूर्व बोलेरो सवार बदमाशों द्वारा अपहृत 35 वर्षीय सर्वेश सिंह उर्फ राज सिंह की सिरकटी लाश बिहार के गया जिले के बेलागंज थाने की पुलिस ने बरामद किया है। बेलागंज एसएचओ अभिनाश कुमार सोमवार को रामगढ़ताल पहुंचे। शव की फोटो और कपड़े के आधार पर परिजनों ने पहचान की है।

आलम यह है कि मां द्वारा तहरीर दिए जाने के बावजूद रामगढ़ताल पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज किए जाने की बात तो दूर गुमशुदगी तक दर्ज नहीं की है। थाने पहुंचने पर युवक की मां को अपमानित भी किया गया था जिसके बाद उसने पांच सितंबर को एसएसपी और सीओ कार्यालय पहुंचकर कार्रवाई की गुहार लगाई थी।

बेलागंज एसएचओ ने बताया कि थानाक्षेत्र में एनएच 3 के पूर्व रिसौध नहर के पास धान के खेत में एक अज्ञात युवक का शव 10 अगस्त, 2020 को बरामद किया गया था। शव बोरे में था। गर्दन अलग और धड़ अलग थी।

एक आरसी पेपर के सहारे वह सोमवार को गोरखपुर गाड़ी वालों की गिरफ्तारी के लिए पहुंचे थे। जहां इस बात का पता चला कि गाड़ी का नंबर फर्जी था। जिस घर का नाम मिला उसी परिवार के युवक का अपहरण कर ले जाकर कहीं हत्या कर शव को उनके थाना क्षेत्र में फेंककर बदमाश फरार हो गए हैं। 
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ई-टिकटिंग के काले धंधे में बड़ा खुलासा, यूपी-बिहार से होता था लेन देन, 200 से अधिक खाते ट्रेस

ज्योति बाला आत्महत्या केस : आरोपी पति विमल वर्मा गिरफ्तार, रिमांड की मांग करेगी पुलिस

hamid ashraf
पटना की अफसर बिटिया ज्योति बाला की आत्महत्या के लिए जिम्मेपदार पति विमल वर्मा आखिरकार वालीव पुलिस की गिरफ्त में है। विमल वर्मा बैंक ऑफ बड़ौदा, सुल्तातनपुर के क्षेत्रीय कार्यालय में वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर कार्यरत है। 

पुलिस ने ज्योति की खुदकुशी के 78 दिनों बाद आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस मामले के आइओ (इंवेस्टिगेशन ऑफिसर) अनंत पराद ने बताया कि विमल को कल यानि कि 27 अगस्त को सत्र न्यायालय में पेश किया जाएगा। इस घटना में आगे की छानबीन के लिए पुलिस अदालत से आरोपी की रिमांड मांगने की तैयारी में है।

बता दें कि इससे पहले 23 अगस्त को बॉम्बे हाईकोर्ट ने विमल की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। इस केस में पति के अलावा ज्योति की सास मीरा शरण, ससुर विजय प्रकाश वर्मा, बड़ी ननद दीपा वर्मा, नंदोई अविनाश विजेता वर्मा व छोटी ननद मोनी आरोपी हैं।

गौरतलब है कि पटना की रहने वाली ज्योति बाला ने पति और ससुराल वालों की प्रताड़ना एवं उपेक्षा से दुखी होकर 9 जून 2019 को मुंबई में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। उसने अपने सुसाइड नोट में पति एवं ससुराल वालों को आत्महत्या का जिम्मेदार ठहराया था। साथ ही अपने दो माह के बेटे के लिए न्याय की गुहार भी लगाई थी।

इस मामले में महाराष्ट्र के वसई रोड के वालिव थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी। घटना के बाद से ही सभी आरोपी फरार थे। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की एक टीम पटना भी गई थी, लेकिन उसे खाली हाथ लौटना पड़ा था।
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बिहार में निर्भया जैसा कांड, नाबालिग के साथ बलात्कार के बाद हैवानियत

बिहार के छपरा जिले से निर्भया जैसा मामला सामने आया है। यहां एक नाबालिग लड़की से कथित तौर पर बालात्कार करने के बाद उसके साथ हैवानियत की गई। घटना शनिवार शाम की बताई जा रही है। वहीं पुलिस का कहना है कि मामले में पीड़िता के परिवार का बयान दर्ज नहीं हो पाया है।

जानकारी के मुताबिक पीड़ित लड़की को बेहोशी की हालत में उसका परिवार इलाज के लिए छपरा के सदर अस्पताल लेकर गया। प्राथमिक जांच के बाद डॉक्टरों ने पीड़िता की हालत को गंभीर बताया और बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच पटना रेफर कर दिया गया। हालांकि घटना की प्राथमिकी दर्ज नहीं होने के कारण मामले की अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बयान दर्ज करवाने के लिए नगर थाने की पुलिस और महिला थानाध्यक्ष को पटना भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि मामले में जब तक बयान दर्ज नहीं हो जाता, तब तक घटना के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता के पड़ोसियों का कहना है कि ये घटना दोपहर के समय की है। लड़की के साथ बालात्कार हुआ था और वह रोते हुए अपने घर पहुंची। वह खून से लथपथ थी, जिसे देखकर उसके घर वाले घबरा गए। इसके बाद वह उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर गए जहां उसे भर्ती कर लिया गया। फिर पीड़िता को होश आया और परिवार को घटना की जानकारी मिली।
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डॉक्टर को शादीशुदा नर्स से हुआ प्यार, पति की हत्या कर अब फरार

बिहार के कैमूर जिले में डॉक्टर ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी है। बताया जा रहा है कि डॉक्टर ने अपनी प्रेमिका को पाने के लिए उसके पति की हत्या की। प्रेमिका पेशे से नर्स है और डॉक्टर के साथ काम करती है। घटना के बाद से ही आरोपी डॉक्टर फरार है। इस घटना से आसापस के इलाके में सनसनी फैल गई है।

मृतक व्यक्ति की पहचान अनिल शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जानकारी के मुताबिक जिले के केवा गांव के डॉक्टर अरुण शर्मा ने एक निजी क्लिनिक खोला हुआ है।

इसी क्लीनिक में मृतक की पत्नी नर्स का काम करती है। अरुण को काम के दौरान नर्स से प्यार हो गया। लेकिन जब इस बात का पता अनिल को चला तो उसने अपनी पत्नी का क्लीनिक जाना बंद करवा दिया। लेकिन फिर भी उसकी पत्नी ने उसकी एक नहीं सुनी और क्लीनिक जाना बंद नहीं किया। कहा जा रहा है कि दोनों के प्रेम प्रसंग के बारे में पूरा इलाका जानता था।

सूत्रों के अनुसार गुरुवार की शाम अनिल अपनी पत्नी के कहने पर उसे क्लीनिक से लेने गया था। इसी दौरान उसकी अपने बड़े भाई से मुलाकात हुई, उसने भाई को बताया कि वह चैनपुर क्लीनिक जा रहा है। 

इसके बाद रात के करीब नौ बजे एक गाड़ी घर के पास आकर रुकी, अनिल उस गाड़ी में तड़प रहा था। उसके दोनों हाथों में इंसूलिन लगा हुआ था। जिसके बाद उसके भाई ने तुरंत एंबुलेंस बुलाई और उसे अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। 

मृतक के परिजनों का कहना है कि डॉक्टर और अनिल की पत्नी ने उसे जहर का इंजेक्शन दिया है। जिसके कारण उसकी मौत हो गई। मृतक के पोस्टमार्टम के बाद उसके शव को परिजनों को सौंप दिया गया है।
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प्रेमी जोड़े के साथ बदमाशों ने की मारपीट, युवती से दुष्कर्म करने की कोशिश

बिहार के बेगूसराय में पांच से छह बदमाशों ने एक प्रेमी जोड़े के साथ मारपीट की है। बदमाशों ने युवती का बलात्कार करने की कोशिश भी की। अब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि प्रेमी जोड़े के साथ एक पुलिया के पास मारपीट की जा रही है।

आरोपी ना केवल इन्हें बेरहमी से डंडों से मार रहे हैं बल्कि युवती के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए, उसके साथ बलात्कार की कोशिश भी कर रहे हैं।

ये घटना वीरपुर थाना क्षेत्र के जगदर गांव की बताई जा रही है। वीडियो में दिख रहा है कि प्रेमी जोड़ा बार-बार बदमाशों से छोड़ने की विनती कर रहा है, लेकिन बदमाशों पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा। आरोपी बार-बार लड़की के साथ अभद्र भाषा बोल रहे हैं।  

डीएसपी हेड क्वार्टर कुंदन कुमार सिंह का कहना है कि वायरल वीडियो वीरपुर थानाध्यक्ष को दिया गया है। इसके आधार पर बदमाशों की पहचान कराने का निर्देश दिया गया है।

बता दें बिहार में बीते साल भी एक प्रेमी जोड़े के साथ ऐसी ही घटना हुई थी। ये वीडियो बिहार के गया जिले का था जिसमें गांव के लोग प्रेमी जोड़े को गालियां देते हैं। वो उनसे अपने माता-पिता को लाने को कहते हैं।



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बिहार पुलिस की बर्बरता ! हवालात में दो युवकों का उखाड़ा नाखून, ठोंकी कील

बिहार के सीतामढ़ी में कथित तौर पर दो लोगों की पुलिस हिरासत में मौत हो गई है। दोनों व्यक्ति को पुलिस ने चोरी और हत्या के आरोप में हिरासत में लिया था। मामला सात मार्च का है। बताया जा रहा है कि पुलिस हिरासत में दोनों को काफी प्रताड़ित किया गया। मृतकों के शरीर पर चोट के निशान थे। उनके चोट के वीडियो और फोटो परिवार ने पुलिस को दिखाए। जिसके बाद दोनों की हत्या का मामला दर्ज हुआ है और पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक गुफरान आलम (30) और तसलीम अंसारी (32) को छह मार्च को रामदिया गांव से मोटरसाइकिल की चोरी और उसके मालिक राकेश कुमार की हत्या के आरोप में हिरासत में लिया गया। तसलीम के खिलाफ पूर्वी चंपारण में चार आपराधिक मामले चल रहे थे। वहीं गुफरान के खिलाफ ऐसा कोई मामला नहीं चल रहा था।

गुफरान के पिता मुन्नवर अली का कहना है कि जब उनके घर सब सो रहे थे तो स्थानीय पुलिस चौकी से पांच पुलिस जीप उनके घर के बाहर रुकीं। पुलिसकर्मी उनसे गुफरान के बारे में पूछने लगे। वो कह रहे थे कि उन्हें किसी मामले में गुफरान से पूछताछ करनी है। लेकिन परिवार में से कोई कुछ बोलता इससे पहले वो गुफरान को पकड़कर ले गए। इसके बाद गांव के अन्य व्यक्ति तसलीम अंसारी को भी पुलिस वाले ले गए।

उन्होंने बताया कि जब वह कुछ लोगों के साथ रात के तीन बजे पुलिस थाने पहुंचे तो उन्हें वहां गुफरान और तसलीम नहीं मिले। इसके बाद सब घर आ गए। जब कुछ घंटे बाद सभी दोबारा पुलिस थाने गए तो वहां उन्हें किसी ने बताया कि दोनों को डुमरा पुलिस स्टेशन ले जाया गया है। मुन्नवर अली ने बताया कि जब उनकी बात उनके बेटे गुफरान से कराई गई तो उसे बोलने में काफी परेशानी हो रही थी। उसने बताया था कि पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा और उनके पैरों को तोड़ दिया। गुफरान दो बच्चों का पिता है।

मुन्नवर अली ने आगे बताया कि जब उनका और तसलीम का परिवार छह मार्च को शाम पांच बजे डुमरा पुलिस स्टेशन पहुंचा तो वहां दो महिला कांस्टेबल मिलीं। उन्होंने बताया कि गुफरान और तसलीम सदर अस्पताल में हैं। उन्होंने बताया कि दोनों की मौत हो चुकी है और उनका पोस्टमार्टम चल रहा है। अली ने कहा कि किसी को भी उनके शव देखने नहीं दिए गए। अगले दिन दोनों का शव परिवार को सौंपा गया।

मृतकों का अंतिम संस्कार करने से पहले पता चला कि उनके शवों पर चोट के निशान थे। जिससे लगता है कि उन्हें काफी प्रताड़ित किया गया। दोनों परिवारों की कागजी कार्रवाई में मदद करने वाले कॉलेज छात्र साबिल रौने का कहना है कि उनके पास मृतकों के शवों की वीडियो और फोटो हैं। जिसमें दिख रहा है कि लोहे की कीलों से उनपर हमला किया गया। दोनों के पैर पर काफी चोट थी। अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है।
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शराब के धंधेबाजों का दुस्साहस: लड़की से सामूहिक बलात्कार, पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर किया जानलेवा हमला

बिहार के गया में किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार के आरोपियों को पकड़ने पहुंची पुलिस पर जानलेवा हमला किया गया। किशोरी के साथ हैवानियत करने के आरोपियों ने मौके पर पहुंचे थानेदार का पैर तोड़ दिया और कई पुलिसकर्मी बुरी तरह घायल हो गए। इतना ही नहीं इस वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी घटनास्थल से आसानी से भाग गए। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाश तेज कर दी है। 

घटना अतरी थाना इलाके में मोहड़ा प्रखंड की है जहां बुधवार शाम सात बजे वारदात को अंजाम दिया गया। जानकारी के अनुसार नाबालिग लड़की अपनी बहन के साथ शौच के लिए नदी किनारे गई थी। इस दौरान हदसा गांव के कुछ बदमाश उसे जबरन अपनी गाड़ी में बैठा कर नदी के उस पार ले गए। 

पीड़ित किशोरी के पिता का कहना है कि बालू घाट के ठेकेदार राहुल कुमार, न्यूटन, सुबोध और उनके दो मुनीम ने बच्ची के साथ गैंगरेप किया। उन्होंने बताया कि इन दरिंदों ने 4 घंटे तक बच्ची के साथ हैवानियत की। 

स्थानीय पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

लड़की रात करीब 11 बजे जब लौटी तो परिजनों को इसके बारे में पता चला। जिसके बाद अतरी थाना पुलिस को सूचना दी गई। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। 

घटना से गुस्साए गांववाले इक्टठा हो गए जिसके बाद अतरी थानाध्यक्ष रंजन चौधरी ने हिसुआ थाने को घटना की जानकारी दी। क्योंकि घटनास्थल हिसुआ थाना क्षेत्र में था। लेकिन हिसुआ थानाध्यक्ष ने घटनास्थल पर पहुंचना जरूरी नहीं समझा। 

पुलिस पर जानलेवा हमला

रात दो बजे जब थानाध्यक्ष ने आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी शुरू की तो सभी आरोपी लाठी-डंडा लेकर थानाध्यक्ष और सिपाहियों पर हमला बोल दिया। जिसमें एक सिपाही और थानाध्यक्ष का सर फट गया। लाठियों की मार से थानाध्यक्ष का पैर भी टूट गया। इस बीच एक सिपाही ने गोली चलाई और थानाध्यक्ष को बचाया। 

पीड़िता के परिजन से लेना था बदला

पीड़ित लड़की के पिता ने बताया कि इस इलाके में बड़े पैमाने पर शराब का अवैध धंधा चलता है। इसमें एक गाड़ी का इस्तेमाल किया जाता है। इसी गाड़ी की सूचना थानाध्यक्ष को दी गई थी। इसी का बदला लेने के लिए बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। 
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