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Congress with forward: Agressive leader Akhilesh Singh is now Bihar Pradesh Congress President
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अगड़ा पर कायम कांग्रेस: मोर्चा खोल चर्चा में रहने वाले अखिलेश सिंह को बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Published by: कुमार जितेंद्र ज्योति
Updated Tue, 06 Dec 2022 08:53 AM IST
सार
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"मैंने कुशासन बाबू लालू प्रसाद और सुशासन बाबू नीतीश कुमार दोनों को देखा। इनलोगों ने उच्च वर्ग की आवाज पर कोई ध्यान नहीं दिया।" इस बयान से कभी सुर्खियों में रहे अखिलेश सिंह बने बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष।
अखिलेश सिंह को दी गई बिहार कांग्रेस की कमान।
- फोटो : अमर उजाला
पूर्व केन्द्रीय मंत्री अखिलेश सिंह बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनाए गए हैं। अखिलेश सिंह मदन मोहन झा की जगह लेंगे। अखिलेश राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते रहे हैं। कांग्रेस को दोबारा राजद के करीब लाने में अखिलेश सिंह का काफी अहम रोल रहा था। 2018 में बिहार से राज्यसभा के चुने गए थे। अखिलेश सिंह को आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है।
भूमिहार जाति से आते हैं अखिलेश
अखिलेश सिंह भूमिहार जाति से आते हैं। वह 2010 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राजद का दामन छोड़कर कांग्रेस में आ गए थे। उस समय अखिलेश सिंह का एक बयान काफी चर्चा में था। उन्होंने लालू और नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा था कि मैंने कुशासन बाबू लालू प्रसाद और सुशासन बाबू नीतीश कुमार दोनों को देखा। इनलोगों ने उच्च वर्ग की आवाज पर कोई ध्यान नहीं दिया। इसलिए मैंने राजद को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया जो जात पंथ से अलग हट कर सभी राजनीतिक नेताओं को सम्मान देती है।
सहयोगी दलों पर दबाव में माहिर
12 साल बाद बिहार में कांग्रेस, जदयू और राजद के साथ हैं। ऐसे में अखिलेश सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई तो उनका यह पुराना बयान फिर से चर्चा में हैं। हालांकि, अखिलेश सिंह विधानसभा चुनाव 2020 से पांच माह पहले भी चर्चा में आए थे। तब उन्होंने टिकट को लेकर राजद पर काफी प्रेशर भी बनाया था। उस समय उन्होंने 2015 की तुलना में ज्यादा सीट देने की मांग की थी। इतना ही नहीं, उन्होंने उस वक्त तेजस्वी यादव के नेतृत्व पर भी सवाल खड़ा किया था। अखिलेश सिंह ने कहा था कि महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा, अभी तय नहीं है। उनका यह बयान भी काफी चर्चा था।
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