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फलित विचार: ज्योतिष में बुध ग्रह और उनका सामान्य परिचय जानिए
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला
Published by: विनोद शुक्ला
Updated Sat, 25 Mar 2023 10:12 AM IST
वैदिक ज्योतिष में बुध को राजकुमार कहा गया है और ये बेहद सौम्य ग्रह है। दरअसल बुध बेहद बलवान होने के बाद ही अपना पूर्ण फल प्रकट करते हैं। अगर बुध अस्त हैं या अपनी नीच राशि में हैं तो वो पूर्ण फल प्रकट नहीं कर पाते हैं।
mercury: बुध ग्रह शुभ और फल देने वाले अच्छे ग्रह माने गए हैं। जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह अच्छे घर में होते हैं उन्हे जीवन में सफलता, बुद्धि, विवेक और व्यापार में अच्छा मुनाफा मिलता है।
- फोटो : अमर उजाला
वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण सूत्र है और वो है फलित विचार, दरअसल भविष्य में होने वाली किसी भी घटना के बारे में विचार करने को फलित विचार कहते हैं। फलित सूत्र में नॉर्मली 9 ग्रह, 12 भाव और 27 नक्षत्रों से विचार किया जाता है। फलित में 9 ग्रह है सूर्य ,चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, ये 7 मूल ग्रह माने गए हैं वही 2 ग्रह राहु केतु छाया ग्रह माने गए हैं। राहु केतु सदैव एक दूसरे से सप्तम होते हैं और विपरीत यानी वक्री गति से ही चलते हैं तो आइए जानते हैं बुध ग्रह के बारे में और साथ ही यह भी जानेंगे कि ज्योतिष में इनकी क्या उपयोगिता है।
वैदिक ज्योतिष में बुध को राजकुमार कहा गया है और ये बेहद सौम्य ग्रह है। दरअसल बुध बेहद बलवान होने के बाद ही अपना पूर्ण फल प्रकट करते हैं। अगर बुध अस्त हैं या अपनी नीच राशि में हैं तो वो पूर्ण फल प्रकट नहीं कर पाते हैं। बुध का कन्या और मिथुन राशि पर अधिकार होता है। मिथुन को इनकी सामान्य राशि कहा गया है वहीं कन्या राशि में ये उच्च हो जाते हैं। गुरु के स्वामित्व वाली मीन राशि में बुध महाराज नीच के माने जाते हैं यानी कि इस राशि में ये अपने फल पूर्ण रूप से प्रकट नहीं कर पाते हैं।
बुध को ज्योतिष में हास्य विनोद और व्यंग्य का कारक माना जाता है। बुध की कृपा के बिना जातक को वाकसिद्धि प्राप्त नहीं होती। दूसरी ओर बुध को लेखन, मीडिया का कारक भी माना जाता है। चूंकि बुध कन्या राशि में उच्च होते हैं इसलिए बुध एक खिलाडी भी है। बड़े लेखक, व्यापारी, बैंकिंग प्रमुख, मीडियाकर्मी, खिलाड़ी की कुंडली में बुध बलवान अवस्था में होते हैं। बुध शुक्र के साथ मिलकर सफल अभिनेता के साथ साथ स्क्रिप्ट राइटर भी बना देते हैं।
अगर नक्षत्र की बात की जाए तो बुध के 3 नक्षत्र अश्लेषा, ज्येष्ठ, और रेवती है। बुध की धातु पीतल है वही रत्न पन्ना है। बुध ग्रह जब किसी की कुंडली में शुभ होता है तो व्यक्ति की वाणी प्रभावी होती है और वह सबका प्रिय होता है। बुध का गणित पर भी अधिकार होने के कारण यह जातक को अच्छा ज्योतिषी भी बनाते हैं। बुध अशुभ प्रभाव में हो तो जातक को त्वचा रोग होता है और वह बार बार मौसमी बीमारी का शिकार होता है। अगर बुध नकारात्मक प्रभाव दे रहा है तो आपको माता दुर्गा और किन्नरों की सेवा करनी चाहिए।
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