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Shani in Dhanishtha Nakshatra: मकर,कुंभ, धनिष्ठा नक्षत्र वाले रहें सावधान! शनि ग्रह करेंगे इस नक्षत्र में गोचर

शैली प्रकाश, नई दिल्ली Published by: श्वेता सिंह Updated Fri, 27 Jan 2023 11:23 AM IST
सार

27 नक्षत्रों में से 23 वां नक्षत्र धनिष्ठा का अर्थ होता है 'सबसे धनवान'। इस नक्षत्र का स्वामी मंगल और देवता वसु हैं, लेकिन राशि स्वामी शनि है। 

Shani Grah in Dhanishtha Nakshatra Capricorn Aquarius Horoscope for a person born in Dhanishta
मकर,कुंभ और धनिष्ठा नक्षत्र वाले रहें सावधान!

विस्तार

Horoscope for a person born in Dhanishta Nakshatra: पुष्य, अनुराधा, उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी शनि 15 मार्च 2023 तक धनिष्ठा नक्षत्र में रहेंगे। इसके बाद शतभिषा नक्षत्र में गोचर करेंगे। धनिष्ठा नक्षत्र मंगल का नक्षत्र है और शतभिषा नक्षत्र पर राहु का प्रभाव रहता है। यदि आपका जन्म धनिष्ठा या शतभिषा नक्षत्र में हुआ है तो जानिए कि आपका कैसा रहेगा भविष्य।



धनिष्ठा नक्षत्र : 27 नक्षत्रों में से 23 वां नक्षत्र धनिष्ठा का अर्थ होता है 'सबसे धनवान'। इस नक्षत्र का स्वामी मंगल और देवता वसु हैं, लेकिन राशि स्वामी शनि है। 


धनिष्ठा नक्षत्र की राशियां : यदि आपका जन्म धनिष्ठा नक्षत्र में हुआ है तो आपकी राशि मकर या कुंभ रहेगी। धनिष्ठा नक्षत्र के पहले 2 चरणों में उत्पन्न जातक की जन्म राशि मकर, राशि स्वामी शनि, अंतिम 2 चरणों में जन्म होने जन्मे जातक की राशि कुंभ तथा राशि स्वामी शनि है। 

दो ग्रहों का प्रभाव : धनिष्ठा में जन्मे जातक पर जीवनभर मंगल और शनि का प्रभाव रहता है। नक्षत्र स्त्रैण है, लेकिन मंगल ग्रह की ऊर्जा इस नक्षत्र में अपने चरमोत्कर्ष को प्राप्त करती है इसीलिए यह उच्च का मंगल भी कहा जाता है। वर्ण शूद्र, वश्य जलचर और नर यानी सिंह, महावैर योनि गज, गण राक्षस तथा नाड़ी मध्य रहती है। नाम  अक्षर गू, गे, ज आता है।

व्यक्तित्व : इस नक्षत्र में जन्मे जातक अधिकतर दुबले शरीर वाले होते हैं, लेकिन वे बहुमुखी प्रतिभा और बुद्धि के धनी होते हैं। ये कई-कई क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल कर लेते हैं और लोगों के बीच लोकप्रिय भी रहते हैं। ये अच्छे सामरिक योजनाकार, अच्छे शिक्षाविद और अच्छे व्यवस्थापक भी होते हैं। इनमें जमा करने और संसाधनों को इकट्ठा करने की शक्ति निहित होती है। लेकिन इसका नकारात्मक पक्ष यह है कि जातक का मंगल यदि खराब है तो अधिकतर जातक अभिमानी, अड़ियल तथा जिद्दी स्वभाव के हो जाते हैं। इसी स्वभाव के कारण अनेक तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं और ये जीवन में असफल हो जाते हैं।

शनि के नक्षत्र भ्रमण का इन राशियों पर रहेगा शुभ प्रभाव : मेष, वृश्चिक, मकर और कुंभ राशि पर शनि की विशेष कृपा रहेगी। इसी के साथ ही मिथुन और सिंह राशि के लिए भी समय अच्छा रहेगा, लेकिन शर्त यह है इन राशियों के लोग शनि के मंदे कार्य न करते हों और उनका मंगल शुभ हो। फिर भी निम्नलिखित उपाय करने से लाभ मिलेगा।
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क्या करें उपाय : जातक को शनि के गोचर के दौरान शमी के वृक्ष में कम-से-कम शनिवार को जल अर्पण करना चाहिए। इसी के साथ संध्याकाल में छाया दान करना चाहिए। झूठ बोलने से बचना चाहिए और शनि के मंदे कार्य नहीं करना चाहिए। इसी के साथ जातक पर मंगल का प्रभाव होने के कारण उसे आंखों में सुरमा लगाना चाहिए और मंगलवार के दिन गुड़, रेवड़ी, मिश्री और मसूर की दाल का दान करना चाहिए। अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए।

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