पिछले लोकसभा चुनाव में अपना सबसे बुरा प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस का दक्षिण के इस राज्य में किस्मत कनेक्शन रहा है। कांग्रेस को फिरसे राजनीति में स्थापित करने में कर्नाटक हमेशा मददगार बना है। गांधी परिवार को बुरे जमाने में राजनीतिक जमीन वापस पाने में इस राज्य ने हमेशा मदद की है। 1977 के चुनाव में इंदिरा गांधी रायबरेली से चुनाव हार गई थीं। आपातकाल के बाद बनी जनता पार्टी सरकार में घमासान शुरू हो गया था। 1978 में कर्नाटक की चिकमंगलूर सीट पर उपचुनाव हुआ तो इंदिरा वहां से चुनाव लड़ने के लिए राजी हो गईं। राजनीतिक परिदृश्य से ओझल हुईं इंदिरा ने उपचुनाव प्रचंड बहुमत से जीता और उनकी वापसी का रास्ता खुला। वहीं, अब राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि, क्या कर्नाटक से ही राहुल गांधी भी दोहराएंगे दादी का इतिहास?
Next Article