एचएनबी गढ़वाल (केंद्रीय) विश्वविद्यालय के चौरास, श्रीनगर और टिहरी परिसर जल्द सौर ऊर्जा से चमकने लगेगा। यहां सोलर रूफटॉप प्लांट को विवि की विद्युत लाइन से जोड़ने का काम शुरू हो गया है। प्लांट से विवि की प्रति यूनिट लगभग दो रुपये की बचत होगी।
केंद्र सरकार की योजना के तहत सरकारी संस्थानों में ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता खत्म करने के लिए सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाने हैं। इसी के तहत केंद्र सरकार का एक कंपनी के साथ करार हुआ। करार के अनुसार, 25 साल तक परियोजना का खर्च व मेंटेनेंस कंपनी उठाएगी। बदले में विवि 1.90 रुपये की दर से प्रति यूनिट बिजली खरीदेगा। विवि के चौरास परिसर में 480 किलोवाट, श्रीनगर में 250 किलोवाट और टिहरी में 50 किलोवाट क्षमता के सोलर रुफटॉप प्लांट लगाए गए हैं। विवि के सहायक अभियंता (विद्युत) नरेश चंद्र खंडूड़ी ने बताया कि भवनों की छतों पर सोलर पैनल लगा दिए गए हैं। सोमवार को विवि के प्रशासनिक भवन के पैनल को ग्रिड से जोड़ दिया गया। मंगलवार को चौरास के पैनल भी जोड़े जाएंगे। अब ऊर्जा निगम विवि के सब स्टेशन में मीटर लगाएगा। इन मीटरों में बिजली उत्पादन एवं खपत दर्ज होगी। विवि जितनी बिजली खर्च करेगा, विवि उतना भुगतान करेगा।
एचएनबी गढ़वाल (केंद्रीय) विश्वविद्यालय के चौरास, श्रीनगर और टिहरी परिसर जल्द सौर ऊर्जा से चमकने लगेगा। यहां सोलर रूफटॉप प्लांट को विवि की विद्युत लाइन से जोड़ने का काम शुरू हो गया है। प्लांट से विवि की प्रति यूनिट लगभग दो रुपये की बचत होगी।
केंद्र सरकार की योजना के तहत सरकारी संस्थानों में ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता खत्म करने के लिए सौर ऊर्जा प्लांट लगाए जाने हैं। इसी के तहत केंद्र सरकार का एक कंपनी के साथ करार हुआ। करार के अनुसार, 25 साल तक परियोजना का खर्च व मेंटेनेंस कंपनी उठाएगी। बदले में विवि 1.90 रुपये की दर से प्रति यूनिट बिजली खरीदेगा। विवि के चौरास परिसर में 480 किलोवाट, श्रीनगर में 250 किलोवाट और टिहरी में 50 किलोवाट क्षमता के सोलर रुफटॉप प्लांट लगाए गए हैं। विवि के सहायक अभियंता (विद्युत) नरेश चंद्र खंडूड़ी ने बताया कि भवनों की छतों पर सोलर पैनल लगा दिए गए हैं। सोमवार को विवि के प्रशासनिक भवन के पैनल को ग्रिड से जोड़ दिया गया। मंगलवार को चौरास के पैनल भी जोड़े जाएंगे। अब ऊर्जा निगम विवि के सब स्टेशन में मीटर लगाएगा। इन मीटरों में बिजली उत्पादन एवं खपत दर्ज होगी। विवि जितनी बिजली खर्च करेगा, विवि उतना भुगतान करेगा।