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कोटद्वार। दुगड्डा ब्लाक के ग्राम पंचायत सकन्यूल में पिछले दो सप्ताह से पेयजल आपूर्ति ठप है। लोग जलसंस्थान के अधिकारियों को लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। ग्रामीण दो किमी. चढ़ाई चढ़कर दूसरे गांव और नदी से पानी ढोने को मजबूर हैं।
दुगड्डा ब्लाक की दूरस्थ ग्रामपंचायत सकन्यूल को सिमलना पंपिंग पेयजल योजना से जोड़ा गया था लेकिन लाइन में खराबी के चलते पिछले एक महीने से पेयजल आपूर्ति ठप है। भीषण गर्मी के चलते गांव के 30 परिवारों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। खच्चरों से पानी ढोना बेहद मंहगा हैं, खच्चर एक चक्कर के 50 रुपया वसूल रहा है।
ग्रामीण देवेश्वरी देवी, कौशल्या देवी, राजेंद्र सिंह, शिवानी, अमित कुमार, सुनिता देवी ने जलसंस्थान पर उन्हें पानी उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया। इनका कहना है कि लगातार विभाग के अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी उन्हें पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
उधर, जलसंस्थान के सहायक अभियंता बीआर चौधरी ने बताया कि उन्हें गांव में पेयजल आपूर्ति ठप होने की जानकारी नहीं है, जेई को भेजकर ग्रामीणों की समस्या का समाधान किया जाएगा।
कोटद्वार। दुगड्डा ब्लाक के ग्राम पंचायत सकन्यूल में पिछले दो सप्ताह से पेयजल आपूर्ति ठप है। लोग जलसंस्थान के अधिकारियों को लगातार शिकायत कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। ग्रामीण दो किमी. चढ़ाई चढ़कर दूसरे गांव और नदी से पानी ढोने को मजबूर हैं।
दुगड्डा ब्लाक की दूरस्थ ग्रामपंचायत सकन्यूल को सिमलना पंपिंग पेयजल योजना से जोड़ा गया था लेकिन लाइन में खराबी के चलते पिछले एक महीने से पेयजल आपूर्ति ठप है। भीषण गर्मी के चलते गांव के 30 परिवारों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। खच्चरों से पानी ढोना बेहद मंहगा हैं, खच्चर एक चक्कर के 50 रुपया वसूल रहा है।
ग्रामीण देवेश्वरी देवी, कौशल्या देवी, राजेंद्र सिंह, शिवानी, अमित कुमार, सुनिता देवी ने जलसंस्थान पर उन्हें पानी उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया। इनका कहना है कि लगातार विभाग के अधिकारियों को शिकायत करने के बाद भी उन्हें पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
उधर, जलसंस्थान के सहायक अभियंता बीआर चौधरी ने बताया कि उन्हें गांव में पेयजल आपूर्ति ठप होने की जानकारी नहीं है, जेई को भेजकर ग्रामीणों की समस्या का समाधान किया जाएगा।