ल्मोड़ा में हुई जिला कौशल विकास समिति की बैठक लेते जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया।
- फोटो : ALMORA
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अल्मोड़ा। जिला कौशल विकास समिति की कलक्ट्रेट में हुई बैठक में जिले में स्किल गैप चिह्नित कर कौशल विकास को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई।
डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने कहा कि जिले में संचालित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिकतम युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया जाए। कौशल प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने के लिए जिले के युवाओं को प्रेरित किया जाए।
उन्होंने कहा कि जिले में स्थापित निजी, सार्वजनिक उपक्रमों में कौशल विकास के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने को कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने जिले और जिले के बाहर स्थापित औद्योगिक इकाईयों की वर्तमान, भविष्य की मांग का आकलन कर कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार के क्षेत्र में जिले की संभावनाओं का आकलन कर ऐसे व्यवसायों की पहचान की जाए, जिसमें स्वरोजगार की अधिक संभावनाएं हो। इसके लिए सेवायोजन विभाग कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रस्तावित करें। जिले में संचालित आईटीआई और पॉलीटेक्निक प्रशिक्षण केंद्रों में वर्तमान आवश्यकतानुसार विशेष व्यवसाय और ट्रेड संचालित करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागीय अधिकारियों को आपसी समन्वय से कौशल विकास कार्यक्रम को बढ़ावा देना होगा। जिले में परंपरागत कला संस्कृति के स्थानीय कलाकारों और शिल्पकारों की दक्षता और उसे बढ़ाने का आकलन कर कौशल विकास के प्रशिक्षण कार्यक्रम तय किए जाए। बैठक में क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी वाईएस रावत ने समिति के कार्यों और अन्य क्रियाकलापों की जानकारी दी। बैठक में डीडीओ केके पंत, महाप्रबंधक उद्योग डॉ. दीपक मुरारी, सहायक श्रम आयुक्त उमेश राय, अर्थ और संख्याधिकारी जीएस कालाकोटी, चेतना पवार आदि थे।
अल्मोड़ा। जिला कौशल विकास समिति की कलक्ट्रेट में हुई बैठक में जिले में स्किल गैप चिह्नित कर कौशल विकास को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई।
डीएम नितिन सिंह भदौरिया ने कहा कि जिले में संचालित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिकतम युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया जाए। कौशल प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने के लिए जिले के युवाओं को प्रेरित किया जाए।
उन्होंने कहा कि जिले में स्थापित निजी, सार्वजनिक उपक्रमों में कौशल विकास के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने को कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने जिले और जिले के बाहर स्थापित औद्योगिक इकाईयों की वर्तमान, भविष्य की मांग का आकलन कर कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार के क्षेत्र में जिले की संभावनाओं का आकलन कर ऐसे व्यवसायों की पहचान की जाए, जिसमें स्वरोजगार की अधिक संभावनाएं हो। इसके लिए सेवायोजन विभाग कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रस्तावित करें। जिले में संचालित आईटीआई और पॉलीटेक्निक प्रशिक्षण केंद्रों में वर्तमान आवश्यकतानुसार विशेष व्यवसाय और ट्रेड संचालित करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागीय अधिकारियों को आपसी समन्वय से कौशल विकास कार्यक्रम को बढ़ावा देना होगा। जिले में परंपरागत कला संस्कृति के स्थानीय कलाकारों और शिल्पकारों की दक्षता और उसे बढ़ाने का आकलन कर कौशल विकास के प्रशिक्षण कार्यक्रम तय किए जाए। बैठक में क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी वाईएस रावत ने समिति के कार्यों और अन्य क्रियाकलापों की जानकारी दी। बैठक में डीडीओ केके पंत, महाप्रबंधक उद्योग डॉ. दीपक मुरारी, सहायक श्रम आयुक्त उमेश राय, अर्थ और संख्याधिकारी जीएस कालाकोटी, चेतना पवार आदि थे।