वर्ष 1976 में रिलीज हुई फिल्म ‘मृगतृष्णा’ के लाभांश के करोड़ों रुपये हड़पने के आरोप में फिल्म निर्माता जगदीश चंद्र नहेटा के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने तथा तलब किए जाने के निचली अदालत के आदेश को अपर सत्र न्यायाधीश पीएन श्रीवास्तव ने खारिज कर दिया है।
नहेटा ने कोर्ट में निगरानी याचिका दायर कर निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी।
फिल्म केनिर्देशक व प्ले रीडर राजेंद्र नाथ शुक्ला ने निचली अदालत में आरोप लगाया था कि 6 अक्टूबर 1973 को दोनों में ‘मृगतृष्णा’ फिल्म बनाने का करार हुआ।
इसके अनुसार फिल्म वितरण का 20 प्रतिशत लाभांश राजेंद्र नाथ को मिलना था। नहेटा ने उन्हें पूर्वी क्षेत्र में फिल्म वितरण व प्रदर्शन का अधिकार देते हुए 31 जुलाई 1979 को अनुबंध किया।
फिल्म यूपी व दिल्ली में प्रदर्शित हुई जिससे नहेटा को करोड़ों रुपये का लाभ हुआ परंतु नहेटा ने वादी राजेंद्र शुक्ला का लाभांश हड़प लिया।
वादी राजेंद्र नाथ शुक्ला की अर्जी पर निचली अदालत ने निर्माता जगदीश चंद्र नहेटा को मुकदमा विचारण के लिए तलब किया था। निगरानी याचिका की सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ने निचली अदालत के आदेश को दूषित मानते हुए निरस्त कर दिया।
वर्ष 1976 में रिलीज हुई फिल्म ‘मृगतृष्णा’ के लाभांश के करोड़ों रुपये हड़पने के आरोप में फिल्म निर्माता जगदीश चंद्र नहेटा के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने तथा तलब किए जाने के निचली अदालत के आदेश को अपर सत्र न्यायाधीश पीएन श्रीवास्तव ने खारिज कर दिया है।
नहेटा ने कोर्ट में निगरानी याचिका दायर कर निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी।
फिल्म केनिर्देशक व प्ले रीडर राजेंद्र नाथ शुक्ला ने निचली अदालत में आरोप लगाया था कि 6 अक्टूबर 1973 को दोनों में ‘मृगतृष्णा’ फिल्म बनाने का करार हुआ।
इसके अनुसार फिल्म वितरण का 20 प्रतिशत लाभांश राजेंद्र नाथ को मिलना था। नहेटा ने उन्हें पूर्वी क्षेत्र में फिल्म वितरण व प्रदर्शन का अधिकार देते हुए 31 जुलाई 1979 को अनुबंध किया।
फिल्म यूपी व दिल्ली में प्रदर्शित हुई जिससे नहेटा को करोड़ों रुपये का लाभ हुआ परंतु नहेटा ने वादी राजेंद्र शुक्ला का लाभांश हड़प लिया।
वादी राजेंद्र नाथ शुक्ला की अर्जी पर निचली अदालत ने निर्माता जगदीश चंद्र नहेटा को मुकदमा विचारण के लिए तलब किया था। निगरानी याचिका की सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ने निचली अदालत के आदेश को दूषित मानते हुए निरस्त कर दिया।