भारत के सबसे अनुभवी और तेज तर्रार स्ट्राइकर एसवी सुनील मौजूदा भारतीय पुरुष हॉकी टीम के उन आठ खिलाडिय़ों में से एक हैं, जो लगातार दूसरी बार एशियाई खेलों में देश की नुमाइंदगी करेंगे। 29 बरस के एसवी सुनील (243) पूर्व कप्तान सरदार सिंह (307) के बाद भारत के लिए सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच खेलने में दूसरे नंबर पर हैं।
भारत की पुरुष हॉकी टीम जकार्ता एशियाई खेलों में दक्षिण कोरिया, जापान, श्रीलंका और हांगकांग चाइना के साथ पूल 'ए' में है। भारत अपने अभियान का आगाज 22 अगस्त को हांगकांग चाइना के खिलाफ मैच से करेगा।
लगातार दो बार चैंपियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीतने वाली टीम के सदस्य रहे एसवी सुनील ने 'अमर उजाला' से कहा, 'हमारी टीम अब हर टूर्नामेंट में नंबर 1 रहने के मकसद से उतरती है। हम मौजूदा चैंपियन और इस बार जकार्ता एशियाई खेलों में भारतीय टीम का मकसद सिर्फ और सिर्फ अपना स्वर्ण पदक बरकरार रख सीधे टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई करना है। हम ब्रेडा में चैंपियंस ट्रॉफी में बहुत छोटी -छोटी गलतियों के चलते बेहद करीबी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गए थे।'
'हमने इसके बाद बेंगलुरू में इन छोटी-छोटी गलतियों खासतौर पर हमारे स्ट्राइकरों ने 'डी' के भीतर अपनी सटीक निशानेबाजी के बूते मैदानी गोल करने और पेनल्टी पर गोल करने के कौशल को बेहतर करने पर खासी मेहनत की। हम किसी भी टीम को हल्के लेने की गलती से बचकर अपने बेहतर खेल के बूते हर मैच जीतने पर फोकस हैं। स्ट्राइकर आकाशदीप और ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर के फिट होकर लौटने से टीम का संयोजन बेहतर हुआ । यह न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में एकदम सटीक लगा।'
वह कहते हैं, 'एशियाई खेलों में हमारी टीम की ताकत आकाशदीप, मनदीप और दिलप्रीत सरीखे स्ट्राइकर और पेनल्टी कॉर्नर पर रंग में चल रहे हमारे ड्रैग फ्लिकरों की जुगलबंदी हैं। मुझ सहित टीम के हर स्ट्राइकर की कोशिश मैदानी गोल करने के हर मौके भुनाने के साथ ज्यादा से ज्यादा पेनल्टी कॉर्नर दिलाने की रहेगी। हमारे पास रूपिंदर, हरमनप्रीत, वरुण और अमित रोहिदास के रूप में पेनल्टी कॉर्नर पर 'ड्रैग फ्लिकर' की एक ऐसी मजबूत बैटरी है, जो किसी भी टीम के किले को ध्वस्त कर गोल करने का दम रखती है।'
'सबसे अच्छी बात यह है कि हमारे कोच हरेन्द्र खासे सख्त हैं और शायद उनकी सख्ती ही टीम से बेहतर प्रदर्शन कराने के लिए जरूरी है। हरेन्द्र सर की सख्ती और डर के चलते ही हमारी टीम ब्रेडा चैंपियंस ट्रॉफी में दमदार प्रदर्शन कर रजत पदक जीत पाई है।'
सुनील कहते हैं, 'हम पाकिस्तान के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी में भी खेले और उसके खिलाफ दमदार जीत हासिल करने में सफल रहे। जहां तक भारतीय टीम के पूर्व हॉकी के पूर्व हॉकी उस्ताद रोलैंट ओल्टमैंस के पाकिस्तान के चीफ कोच होने पर हमारे खिलाडिय़ों की रणनीति से वाकिफ होने की बात है तो हम भी उनकी कोचिंग की शैली से वाकिफ हैं। हम यह भी जानते हैं कि वह खिलाड़ियों को किस शैली और कैसे खिलाते हैं।'
'यूं भी पाकिस्तान की टीम हमारे पूल में नहीं है तो हम उसकी बाबत सोच कर यूं ही क्यों दुबले हों। हमारे कोच हरेन्द्र सर का टीम के लिए मंत्र यही है प्रतिद्वंद्वी के नाम की बाबत नहीं सोचे फिर चाहे वह पाकिस्तान या अन्य कोई। प्रतिद्वंद्वी कोई भी हो उसके खिलाफ जीत और जीत के मानस से उतरो और भारतीय टीम की सोच यही है। हमारी टीम इस सोच से इन एशियाई खेलों में उतरेंगे और अपने मकसद को पाने में कामयाब होंगे।'
भारत के सबसे अनुभवी और तेज तर्रार स्ट्राइकर एसवी सुनील मौजूदा भारतीय पुरुष हॉकी टीम के उन आठ खिलाडिय़ों में से एक हैं, जो लगातार दूसरी बार एशियाई खेलों में देश की नुमाइंदगी करेंगे। 29 बरस के एसवी सुनील (243) पूर्व कप्तान सरदार सिंह (307) के बाद भारत के लिए सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय हॉकी मैच खेलने में दूसरे नंबर पर हैं।
भारत की पुरुष हॉकी टीम जकार्ता एशियाई खेलों में दक्षिण कोरिया, जापान, श्रीलंका और हांगकांग चाइना के साथ पूल 'ए' में है। भारत अपने अभियान का आगाज 22 अगस्त को हांगकांग चाइना के खिलाफ मैच से करेगा।
लगातार दो बार चैंपियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीतने वाली टीम के सदस्य रहे एसवी सुनील ने 'अमर उजाला' से कहा, 'हमारी टीम अब हर टूर्नामेंट में नंबर 1 रहने के मकसद से उतरती है। हम मौजूदा चैंपियन और इस बार जकार्ता एशियाई खेलों में भारतीय टीम का मकसद सिर्फ और सिर्फ अपना स्वर्ण पदक बरकरार रख सीधे टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई करना है। हम ब्रेडा में चैंपियंस ट्रॉफी में बहुत छोटी -छोटी गलतियों के चलते बेहद करीबी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गए थे।'