ऑस्ट्रेलिया के 54 बरस के पूर्व खिलाड़ी और उस्ताद ग्राहम रीड भारत की सीनियर पुरुष हॉकी टीम के नए चीफ कोच होंगे। रीड को भारत का चीफ कोच नियुक्त करने में हॉकी इंडिया के हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर डेविड जॉन की ही चली। हरेन्द्र सिंह को भुवनेश्वर में हॉकी विश्व कप क्वॉर्टर फाइनल में हार के बाद भारत के चीफ हॉकी कोच पद से हटाने के बाद यह पद खाली हो गया था। तभी से डेविड जॉन पूरी कोशिश में थे कि रीड यह पद संभाल लें।
रीड ने शुरू में इसके लिए मना कर दिया। पिछले महीने नीदरलैंड के एम्सर्टडम क्लब की करारी हार के बाद क्लब के कोच पद से हटाए जाने के बाद रीड इस पद को संभाले के लिए तैयार हुए। अब भारतीय हॉकी को ऑस्ट्रेलियाई - ग्राहम रीड (चीफ हॉकी कोच), क्रिस सिरिलो (एनालिटिकल कोच) और डेविड जॉन (हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर) की ही त्रिमूर्ति संभालेगी।
जॉन रीड को भारत का चीफ हॉकी कोच नियुक्ति करने की घोषणा हॉकी इंडिया ने सोमवार को की। रीड भुवनेश्वर में जून में एफआईएच सीरीज फाइनल्स के लिए बेंगलुरू में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) सोमवार से शुरू हुए सीनियर राष्ट्रीय शिविर से जल्द जुड़ तैयारियों का जिम्मा संभाल लेंगे। रीड की सालाना तनख्वाह 90 लाख रुपये से ज्यादा होगी और उनके साल में करीब पांच बार स्वदेश आने जाने के लिए करीब दस लाख रुपये को जोड़ दिया जाए तो भारत उन पर सालाना एक करोड़ रुपये खर्च करेगा।
खुद रीड ने बताया कि उनकी पत्नी अगस्त में भारत आ जाएंगी और वे बेंगलुरू में ही अपना आशियाना बनाएंगे। रीड ऑस्ट्रेलिया के सहायक और मुख्य कोच रहने के साथ साथ नीदरलैंड की 2018 में ओडिशा हॉकी विश्व कप में उपविजेता रही टीम के भी कोच रहे।
रीड ने कहा, 'भारत की सीनियर पुरुष हॉकी टीम का चीफ हॉकी कोच नियुक्त किया जाना मेरे लिए फख्र की बात है। भारत के शानदार हॉकी इतिहास की दुनिया में किसी ओर टीम से तुलना नहीं की जा सकती है। मैंने बतौर प्रतिद्वंद्वी कोच भारतीय टीम के खेल का खूब लुत्फ उठाया। मैंने भारत को दुनिया की सबसे रोमांचित और खतरनाक हॉकी टीम के रूप में उभरते देखा। भारत की तेज और आक्रामक हॉकी का मुरीद हूं क्योंकि यह ऑस्ट्रेलियाई शैली से बहुत मिलती जुलती है। 2020 के टोक्यो ओलंपिक के लिए सकारात्मक रूप से भारतीय टीम को तैयार करने के लिए हॉकी इंडिया,साई, खेल मंत्रालय और सपोर्ट स्टाफ और खलाड़ियों के साथ काम करने को बेताब हूं।'
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष मुश्ताक अहमद ने कहा, 'हम रीड बतौर खिलाड़ी और कोच खासे कामयाब रहे हैं। वह ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड की टीम के कोच रह चुके हैं। हमें उम्मीद है कि बतौर कोच उनका अनुभव और महारथ भारत को टोक्यो ओलंपिक में वांछित नतीजे दिलाने में सफल रहेगा।'
ऑस्ट्रेलिया के 54 बरस के पूर्व खिलाड़ी और उस्ताद ग्राहम रीड भारत की सीनियर पुरुष हॉकी टीम के नए चीफ कोच होंगे। रीड को भारत का चीफ कोच नियुक्त करने में हॉकी इंडिया के हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर डेविड जॉन की ही चली। हरेन्द्र सिंह को भुवनेश्वर में हॉकी विश्व कप क्वॉर्टर फाइनल में हार के बाद भारत के चीफ हॉकी कोच पद से हटाने के बाद यह पद खाली हो गया था। तभी से डेविड जॉन पूरी कोशिश में थे कि रीड यह पद संभाल लें।
रीड ने शुरू में इसके लिए मना कर दिया। पिछले महीने नीदरलैंड के एम्सर्टडम क्लब की करारी हार के बाद क्लब के कोच पद से हटाए जाने के बाद रीड इस पद को संभाले के लिए तैयार हुए। अब भारतीय हॉकी को ऑस्ट्रेलियाई - ग्राहम रीड (चीफ हॉकी कोच), क्रिस सिरिलो (एनालिटिकल कोच) और डेविड जॉन (हाई परफॉर्मेंस डायरेक्टर) की ही त्रिमूर्ति संभालेगी।
जॉन रीड को भारत का चीफ हॉकी कोच नियुक्ति करने की घोषणा हॉकी इंडिया ने सोमवार को की। रीड भुवनेश्वर में जून में एफआईएच सीरीज फाइनल्स के लिए बेंगलुरू में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) सोमवार से शुरू हुए सीनियर राष्ट्रीय शिविर से जल्द जुड़ तैयारियों का जिम्मा संभाल लेंगे। रीड की सालाना तनख्वाह 90 लाख रुपये से ज्यादा होगी और उनके साल में करीब पांच बार स्वदेश आने जाने के लिए करीब दस लाख रुपये को जोड़ दिया जाए तो भारत उन पर सालाना एक करोड़ रुपये खर्च करेगा।