आचार्य चाणक्य एक श्रेष्ठ विद्वान तो थे ही साथ ही वे एक अच्छे शिक्षक भी थे। इन्होंने विश्वप्रसिद्ध तक्षशिला विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की और वहीं पर आचार्य के पद पर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन भी किया। ये एक कुशल कूटनीतिज्ञ, रणनीतिकार और अर्थशास्त्री भी थे। आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन में विषम से विषम परिस्थितियों का सामना किया था परंतु कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। इनके द्वारा लिखे गए नीतिशास्त्र में सफलता पाने के लिए कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं यदि मनुष्य इन बातों का अपने जीवन में अनुसरण करें तो एक न एक दिन अवश्य ही सफलता प्राप्त होती है। तो चलिए जानते हैं कि सफलता प्राप्ति के विषय में क्या कहती है चाणक्य नीति।
कार्य और उसकी योजना को रखें गुप्त
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी कार्य के बारे में या उसकी योजना के बारे में किसी से चर्चा नहीं करनी चाहिए अपितु कार्य को पूरी लग्न से पूर्ण करके सबको उसके बारे में बताना चाहिए। कार्य से संबंधित योजनाओं की सूचना अन्य किसी व्यक्ति से करने पर आपको कार्य में सफलता मिलने की संभावना कम हो जाती है।
भय पर करें आक्रमण
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि भय आपके पास आए तो उस पर आक्रमण कर दो यानि यदि किसी भी कार्य को करते समय यदि समस्याएं आने पर आपको भय लगने लगे तो साहस के साथ उसका सामना करना चाहिए और मन के भय को दूर करके पूरी लगन के साथ कार्य में लग जाना चाहिए।
वर्तमान में करें कर्म
नीति शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति को अपने भूतकाल के बारे में सोचकर पछतावा नहीं करना चाहिए और भविष्य के परिणामों के बारे में सोचकर चिंतित नहीं होना चाहिए। चाणक्य के अनुसार बुद्धिमान व्यक्ति वही होता है जो अपने वर्तमान में ध्यान लगाता है और उसे बेहतर बनाने का प्रयास करता है। जो व्यक्ति वर्तमान समय में परिश्रम करता है उसे भविष्य में सफलता अवश्य प्राप्त होती है।