14 मई, गुरुवार को गुरु वक्री हो जाएंगे यानी गुरु की उल्टी चाल शुरू हो जाएगी। 30 जून 2020 को गुरु वक्री रहते हुए ही धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे। गुरु 13 सितंबर 2020 को वक्री से मार्गी हो जाएंगे। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गुरु अध्यात्म का कारक ग्रह है। गुरु के वक्री हो जाने से सभी राशियों पर इसका शुभ- अशुभ प्रभाव पड़ेगा। आइए आज जानते हैं, गुरु के वक्री होने से कैसा रहेगा सभी राशियों का हाल....
मेष राशि
- मेष राशि के जातकों के लिए गुरु का वक्री होना शुभ नहीं कहा जा सकता है।
- इस समय आध्यात्म से दूरी बन सकती है। मानसिक तनाव होने की संभावना भी है। वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
- विघार्थीयों को अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है।
वृष राशि
- वृष राशि के जातकों के लिए गुरु का वक्री रहना मिलेजुले परिणाम लेकर आएगा।
- इस समय लापरवाही न करें, नहीं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है।
- आध्यात्मिक पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- पारिवारिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
- विघार्थीयों को पढ़ाई पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
मिथुन राशि
- मिथुन राशि के जातकों को गुरु के वक्री होने से थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता है।
- अपने कार्य में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
- स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए सेहत का ध्यान रखने की आवश्यकता है।
- आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
- प्रेम जीवन में परेशानियों आ सकती हैं। इस समय प्रेमी से बेवजह न उलझें।
कर्क राशि
- कर्क राशि के जातकों के लिए गुरु का वक्री होना शुभ रहने वाला है।
- इस समय में किसी नए कार्य की शुरुआत की जा सकती है।
- व्यापार के क्षेत्र में लाभ मिलने के संकेत भी मिल रहे हैं।
- ये समय आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है।