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गुप्त नवरात्रि 25 जनवरी 2020 , शनिवार से शुरू होने जा रहे हैं। गुप्त नवरात्रि सालभर में दो बार मनाए जाते हैं। पहला माघ महीने में और दूसरा आषाढ़ के महीने में। गुप्त नवरात्रि आम नवरात्रि से अलग तरह से मनाया जाता है। इसमें मनोकामना और सिद्धियों के लिए गुप्त रूप से साधना की जाती है इसलिए इस गुप्त नवरात्रि कहते हैं। गुप्त नवरात्रि 25 जनवरी से 3 फरवरी तक रहेगी। साल में कुल चार बार नवरात्र होते हैं जिसमें दो चैत्र एवं शारदीय नवरात्र और दो गुप्त नवरात्र।
9 की बजाय 10 देवियों की पूजा
आम तौर पर जहां नवरात्र में जहां नौ देवियों की विशेष पूजा का प्रावधान है, वहीं गुप्त नवरात्र में 10 महाविद्या की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्र में पूजी जाने वाली 10 महाविद्याओं में मां काली, मां तारा देवी, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नमस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला देवी हैं। इस नवरात्र में में तंत्र और मंत्र दोनों के माध्यम से भगवती की पूजा की जाती है।
पूजा में इस बात का रखें ख्याल
नाम के अनुसार इस गुप्त नवरात्र में की जाने वाली शक्ति की साधना के बारे में जहां कम लोगों को ही जानकारी होती है, वहीं इससे जुड़ी साधना-आराधना को भी लोगों से गुप्त रखा जाता है। मान्यता है कि साधक जितनी गुप्त रूप से देवी की साधना करता है, उस पर भगवती की उतनी ही कृपा बरसती है।
क्यों गुप्त रूप से होती है देवी की पूजा
तांत्रिकों के लिए गुप्त नवरात्रि का महत्व बहुत अधिक होता है। इसमें गुप्त रूप से देवी मां की पूजा की जाती है। आषाढ़ मास के नवरात्रि में देवी की पूजा तंत्र-मंत्र के लिए की जाती है। देवी मां के हवन, पूजन आदि कर्म गुप्त रूप से रात के समय होती है इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं।
गुप्त नवरात्रि 25 जनवरी 2020 , शनिवार से शुरू होने जा रहे हैं। गुप्त नवरात्रि सालभर में दो बार मनाए जाते हैं। पहला माघ महीने में और दूसरा आषाढ़ के महीने में। गुप्त नवरात्रि आम नवरात्रि से अलग तरह से मनाया जाता है। इसमें मनोकामना और सिद्धियों के लिए गुप्त रूप से साधना की जाती है इसलिए इस गुप्त नवरात्रि कहते हैं। गुप्त नवरात्रि 25 जनवरी से 3 फरवरी तक रहेगी। साल में कुल चार बार नवरात्र होते हैं जिसमें दो चैत्र एवं शारदीय नवरात्र और दो गुप्त नवरात्र।
9 की बजाय 10 देवियों की पूजा
आम तौर पर जहां नवरात्र में जहां नौ देवियों की विशेष पूजा का प्रावधान है, वहीं गुप्त नवरात्र में 10 महाविद्या की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्र में पूजी जाने वाली 10 महाविद्याओं में मां काली, मां तारा देवी, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नमस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला देवी हैं। इस नवरात्र में में तंत्र और मंत्र दोनों के माध्यम से भगवती की पूजा की जाती है।
पूजा में इस बात का रखें ख्याल
नाम के अनुसार इस गुप्त नवरात्र में की जाने वाली शक्ति की साधना के बारे में जहां कम लोगों को ही जानकारी होती है, वहीं इससे जुड़ी साधना-आराधना को भी लोगों से गुप्त रखा जाता है। मान्यता है कि साधक जितनी गुप्त रूप से देवी की साधना करता है, उस पर भगवती की उतनी ही कृपा बरसती है।
क्यों गुप्त रूप से होती है देवी की पूजा
तांत्रिकों के लिए गुप्त नवरात्रि का महत्व बहुत अधिक होता है। इसमें गुप्त रूप से देवी मां की पूजा की जाती है। आषाढ़ मास के नवरात्रि में देवी की पूजा तंत्र-मंत्र के लिए की जाती है। देवी मां के हवन, पूजन आदि कर्म गुप्त रूप से रात के समय होती है इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं।