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जुर्म की दुनिया में अक्सर मकसद और मतलब देखकर वारदातों को अंजाम तक पहुंचाया जाता है, मगर क्या हो अगर
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Apradh Lok : बेटी नहीं, बल्कि बेटा पैदा होने पर बन गया हत्यारा

8 February 2023

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जुर्म की दुनिया में अक्सर मकसद और मतलब देखकर वारदातों को अंजाम तक पहुंचाया जाता है, मगर क्या हो अगर किसी क़त्ल को किस्मत के भरोसे छोड़ दिया जाए. आज की कहानी की ज़मीन है मध्यप्रदेश का आगर-मालवा जिला...

Apradh Lok : बेटी नहीं, बल्कि बेटा पैदा होने पर बन गया हत्यारा

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सन 2018. आंध्र प्रदेश के तीन जिलों में हत्याओं का सिलसिला शुरू होता है। इनमें से सिर्फ़ चार मौतों को ही संदिग्ध माना गया और बाकी को सामान्य मौत मानकर पुलिस ने केस बंद कर दिया. लेकिन पुलिस मामले को जितना आसान समझ रही थी असल में वो बेहद पेंचीदा था.जुर्म की दुनिया में आज बात होगी एक ऐसे कातिल की जो चावल को अपनी ओर आकर्षित करने वाले भाग्यशाली सिक्के बेचने का लालच देकर लोगों को किसी सुनसान जगह पर बुलाता और इसके बाद वह प्रसाद में सायनाइड मिलाकर खिला देता था. प्रसाद खाने वाले की मौके पर मौत हो जाती और ये कातिल उन्हें लूटकर फरार हो जाता....इस कातिल का नाम है सिमहाद्री उर्फ़ शिवा. ये जरायम की दुनिया में सायनाइड शिवा के नाम से भी कुख्यात है...

4 मार्च 1980...जगह अमेरिका का लॉस एंजिलिस शहर...एक 16 साल का किशोर स्टीवन जॉन वुड स्कूल जा रहा था. रास्ते में उसे करीब 32 साल का एक शख्स मिलता है। वुड इस शख्स को पहले से ही जानता था क्योंकि उसके बड़े भाई ने उससे मिलवाया था...ये शख्स वुड से कहता है कि वो अपनी वैन से उसे स्कूल छोड़ देगा. वुड बिना कुछ सोचे वैन में बैठ जाता है। इसके बाद उसका कोई पता नहीं चलता। अगले दिन पुलिस को वुड की नग्न लाश पैसिफिक कोस्ट हाईवे के बीच किनारे मिलती है। वुड की गलाकर घोंटकर हत्या करने से पहले उसके साथ कुकर्म किया गया था...उसके शरीर पर कई जगह चोटों के निशान भी मिले....जुर्म की दुनिया में आज बात होगी अमेरिका के सीरियल किलर विलियम जॉर्ज बोनिन की जिसे फ्रीवे किलर के नाम से भी जाना जाता है। मई 1979 से जून 1980 तक दक्षिणी कैलिफोर्निया में इस दरिंदे ने कम से कम इक्कीस युवकों की कुकर्म के बाद हत्या की थी।

बेशुमार संपत्ति के साथ निकोलायेवना साल्तिकोवा उस समय मॉस्को की सबसे अमीर विधवा बन गई थी। पति की मौत से पहले वह काफी धार्मिक और दयालु किस्म की महिला मानी जाती थी, लेकिन उसके बाद उसके अंदर एक ऐसा बदलाव आया, जिसने बर्बरता की सारी हदें पार कर दीं...

जुर्म की दुनिया में आज बात एक ऐसे क़त्ल की जिसे करने का मकसद और उसका अंजाम दिल दहला देने वाला था, आज की कहानी की जमीन है मायानगरी मुंबई..
सुनिए अपराध लोक

जुर्म की दुनिया में आज बात होगी एक ऐसे कातिल की जिसने पूरे अमेरिका को भूकंप से बचाने के लिए कई मासूमों को मौत के घाट उतार दिया, उसने करीब 5 से 6 महीनों में करीब 13 लोगों को अपनी दरिंदगी का शिकार बनाया...

6 मार्च 2002.जगह जापान का छठा सबसे बड़ा शहर फुकुओका.आधी रात इलाके की पुलिस चौकी पर एक कमउम्र लड़की पहुंचती है. हाथ-पैर में बंधी बेड़ियां, बिखरे बाल, फटे कपड़े और शरीर पर जगह-जगह चोटों के गहरे निशान... लड़की को इतनी रात इस हालत में देख पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसकर्मी हैरत में पड़ जाते हैं... लड़की का यह सूरतेहाल किसी बड़ी आफत की तरफ इशारा कर रहा था, लेकिन यह मुसीबत आखिर थी क्या?..बस इसी एक सवाल ने खुलासा किया जपान की अबतक की सबसे खौफनाक और दर्दनाक वारदातों के सिलसिले का, जिसमें एक आदमी की सनक नामालूम कितनी मौतों की वजह बनी...

8 जुलाई 1962 को बोस्टन हेराल्ड अखबार के रविवार संस्करण में एक चौंकाने वाली खबर छपी "मैड स्ट्रैंगलर ने की बोस्टन में चार महिलाओं की हत्या। अखबार ने चेतावनी भी दी कि "बोस्टन शहर में एक पागल अजनबी खुला घूम रहा है" जिसने "पिछले महीने के दौरान चार महिलाओं को मार डाला है।जुर्म की दुनिया में आज बात होगी अमेरिकी सीरियल किलर एल्बर्ट डी साल्वो की जिसने बोस्टन शहर की महिलाओं में खौफ पैदा कर दिया था.

उसने 19 साल से लेकर 85 साल तक की महिलाओं को अपनी हैवानियत का शिकार बनाया. इस सिरफिरे ने महज दो साल में 13 महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया. लोग उसे "फैंटम फ़िएंड" और "फैंटम स्ट्रैंगलर" पुकारने लगे थे.14 जून, 1962 और 4 जनवरी 1964 के बीच, अमेरिका के बोस्टन शहर में 19 से 85 साल की उम्र की 13 महिलाओं की हत्या कर दी जाती है। ज्यादातर महिलाओं की उनके अपार्टमेंट में बलात्कार करने के बाद कपड़े से गला घोंटकर हत्या की गई थी।

सबसे बुजुर्ग पीड़ित का दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई थी। दो अन्य महिलाओं की चाकू मारकर हत्या कर दी गई, जिनमें से एक को बुरी तरह पीटा गया था। सभी की लाशें उनके बेड पर नग्न अवस्था में पड़ी मिली थीं. पुलिस को उनके घर में जबरन घुसने का कोई सबूत नहीं मिलता है और वो ये जान चुकी थी कि महिलाएं या तो अपने हत्यारे को जानती थीं या मर्जी से उसे अपने घरों में आने की अनुमति दी गई थी। सभी महिलाएं घर में अकेली रहती थीं. वो या तो छात्रा थीं या विधवा या फिर तलाकशुदा...कातिल ने सभी का शिकार दिन में किया था. शुरुआती जांच में पुलिस समझ चुकी थी कि ये काम किसी एक शख्स का है.  हो सकता है कि कातिल ने मरम्मत करने वाले या डिलीवरी करने वाले व्यक्ति के रूप में कपड़े पहन रखे हों...
 

जगह देश की मायानगरी मुंबई का पॉश इलाका जुहू. मशहूर और बेहद खूबसूरत अदाकारा प्रिया राजवंश का घर पूरी तरह से सुनसान पड़ा था, सुबह के 7 बजने को थे, लेकिन प्रिया राजवंश अबतक अपने कमरे में थी, यह बेहद हैरतअंगेज़ इसलिए भी था, क्योंकि वो अक्सर तड़के सुबह ही पूरे घर में टहला करती थीं...
 

जुर्म की दुनिया में वारदातों के तमाम मकसद होते हैं, कभी नफरत, कभी दौलत तो कभी औरत. मगर आज की कहानी कुछ अलग है, क्योंकि आज की कहानी में सिर्फ एक बच्चे का क़त्ल ही नहीं हुआ, बल्कि एक रिश्ते का क़त्ल भी हुआ...
 

8 अगस्त 2016...तमिलनाडु के सेलम से चेन्नई जाने वाली 11064 सेलम-चेन्नई इग्मोर एक्सप्रेस ट्रेन रात के अंधेरे में धड़धड़ाती चली जा रही थी. इस ट्रेन में भारतीय रिजर्व बैंक के 342 करोड़ रुपये ले जाए जा रहे थे. इन पैसों की हिफाजत के लिहाज से ट्रेन में हथियारबंद सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे. लेकिन जब ट्रेन अपने गंतव्य तक पहुंचती है तो आरबीआई के अधिकारियों को बोगी की छत में एक बड़ा छेद दिखता है और चारों तरफ पैसे बिखरे पड़े थे. अधिकारियों को समझते देर नहीं लगती की ट्रेन में पड़ चुकी है डकैती...जुर्म की दुनिया में आज बात होगी आजाद भारत के इतिहास की सबसे बड़ी ट्रेन डकैती की जिसमें चलती ट्रेन से करोड़ों रुपये उड़ा लिए गए और सुरक्षाकर्मियों को भनक तक नहीं लगी.  पूरे 730 दिन लगे. 2 हजार लोगों से पूछताछ की गई. लाखों कॉल डिटेल खंगाली गई. और आखिर में नासा से मदद ली गई. तब जाकर पता चला कि हिंदुस्तान की अब तक की सबसे बड़ी ट्रेन रॉबरी किसने की थी? 

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