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Apradh Lok

अपराध लोक

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अपराध लोक में हम आपको सुनाते हैं देश-दुनिया में घटित होने वालीं अपराध जगत की घटनाएं. इस शो में होगी जुर्म की हर बात... होगा ऐसी घटनाओं का जिक्र जो सालों बाद बन गया इतिहास...

Apradh Lok : आखिर एक बेटी ने क्यों दी अपनी मां को दर्दनाक मौत

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सभी 172 एपिसोड

जुर्म की दुनिया में आज बात एक ऐसे क़त्ल की जिसे करने का मकसद और उसका अंजाम दिल दहला देने वाला था, आज की कहानी की जमीन है मायानगरी मुंबई..
सुनिए अपराध लोक

जुर्म की दुनिया में आज बात होगी एक ऐसे कातिल की जिसने पूरे अमेरिका को भूकंप से बचाने के लिए कई मासूमों को मौत के घाट उतार दिया, उसने करीब 5 से 6 महीनों में करीब 13 लोगों को अपनी दरिंदगी का शिकार बनाया...

6 मार्च 2002.जगह जापान का छठा सबसे बड़ा शहर फुकुओका.आधी रात इलाके की पुलिस चौकी पर एक कमउम्र लड़की पहुंचती है. हाथ-पैर में बंधी बेड़ियां, बिखरे बाल, फटे कपड़े और शरीर पर जगह-जगह चोटों के गहरे निशान... लड़की को इतनी रात इस हालत में देख पुलिस चौकी पर तैनात पुलिसकर्मी हैरत में पड़ जाते हैं... लड़की का यह सूरतेहाल किसी बड़ी आफत की तरफ इशारा कर रहा था, लेकिन यह मुसीबत आखिर थी क्या?..बस इसी एक सवाल ने खुलासा किया जपान की अबतक की सबसे खौफनाक और दर्दनाक वारदातों के सिलसिले का, जिसमें एक आदमी की सनक नामालूम कितनी मौतों की वजह बनी...

8 जुलाई 1962 को बोस्टन हेराल्ड अखबार के रविवार संस्करण में एक चौंकाने वाली खबर छपी "मैड स्ट्रैंगलर ने की बोस्टन में चार महिलाओं की हत्या। अखबार ने चेतावनी भी दी कि "बोस्टन शहर में एक पागल अजनबी खुला घूम रहा है" जिसने "पिछले महीने के दौरान चार महिलाओं को मार डाला है।जुर्म की दुनिया में आज बात होगी अमेरिकी सीरियल किलर एल्बर्ट डी साल्वो की जिसने बोस्टन शहर की महिलाओं में खौफ पैदा कर दिया था.

उसने 19 साल से लेकर 85 साल तक की महिलाओं को अपनी हैवानियत का शिकार बनाया. इस सिरफिरे ने महज दो साल में 13 महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया. लोग उसे "फैंटम फ़िएंड" और "फैंटम स्ट्रैंगलर" पुकारने लगे थे.14 जून, 1962 और 4 जनवरी 1964 के बीच, अमेरिका के बोस्टन शहर में 19 से 85 साल की उम्र की 13 महिलाओं की हत्या कर दी जाती है। ज्यादातर महिलाओं की उनके अपार्टमेंट में बलात्कार करने के बाद कपड़े से गला घोंटकर हत्या की गई थी।

सबसे बुजुर्ग पीड़ित का दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई थी। दो अन्य महिलाओं की चाकू मारकर हत्या कर दी गई, जिनमें से एक को बुरी तरह पीटा गया था। सभी की लाशें उनके बेड पर नग्न अवस्था में पड़ी मिली थीं. पुलिस को उनके घर में जबरन घुसने का कोई सबूत नहीं मिलता है और वो ये जान चुकी थी कि महिलाएं या तो अपने हत्यारे को जानती थीं या मर्जी से उसे अपने घरों में आने की अनुमति दी गई थी। सभी महिलाएं घर में अकेली रहती थीं. वो या तो छात्रा थीं या विधवा या फिर तलाकशुदा...कातिल ने सभी का शिकार दिन में किया था. शुरुआती जांच में पुलिस समझ चुकी थी कि ये काम किसी एक शख्स का है.  हो सकता है कि कातिल ने मरम्मत करने वाले या डिलीवरी करने वाले व्यक्ति के रूप में कपड़े पहन रखे हों...
 

जगह देश की मायानगरी मुंबई का पॉश इलाका जुहू. मशहूर और बेहद खूबसूरत अदाकारा प्रिया राजवंश का घर पूरी तरह से सुनसान पड़ा था, सुबह के 7 बजने को थे, लेकिन प्रिया राजवंश अबतक अपने कमरे में थी, यह बेहद हैरतअंगेज़ इसलिए भी था, क्योंकि वो अक्सर तड़के सुबह ही पूरे घर में टहला करती थीं...
 

जुर्म की दुनिया में वारदातों के तमाम मकसद होते हैं, कभी नफरत, कभी दौलत तो कभी औरत. मगर आज की कहानी कुछ अलग है, क्योंकि आज की कहानी में सिर्फ एक बच्चे का क़त्ल ही नहीं हुआ, बल्कि एक रिश्ते का क़त्ल भी हुआ...
 

8 अगस्त 2016...तमिलनाडु के सेलम से चेन्नई जाने वाली 11064 सेलम-चेन्नई इग्मोर एक्सप्रेस ट्रेन रात के अंधेरे में धड़धड़ाती चली जा रही थी. इस ट्रेन में भारतीय रिजर्व बैंक के 342 करोड़ रुपये ले जाए जा रहे थे. इन पैसों की हिफाजत के लिहाज से ट्रेन में हथियारबंद सुरक्षाकर्मी भी मौजूद थे. लेकिन जब ट्रेन अपने गंतव्य तक पहुंचती है तो आरबीआई के अधिकारियों को बोगी की छत में एक बड़ा छेद दिखता है और चारों तरफ पैसे बिखरे पड़े थे. अधिकारियों को समझते देर नहीं लगती की ट्रेन में पड़ चुकी है डकैती...जुर्म की दुनिया में आज बात होगी आजाद भारत के इतिहास की सबसे बड़ी ट्रेन डकैती की जिसमें चलती ट्रेन से करोड़ों रुपये उड़ा लिए गए और सुरक्षाकर्मियों को भनक तक नहीं लगी.  पूरे 730 दिन लगे. 2 हजार लोगों से पूछताछ की गई. लाखों कॉल डिटेल खंगाली गई. और आखिर में नासा से मदद ली गई. तब जाकर पता चला कि हिंदुस्तान की अब तक की सबसे बड़ी ट्रेन रॉबरी किसने की थी? 

8 अगस्त 1969 की रात...अमेरिका के लॉस एंजिलिस में अपने फ्लैट में हॉलीवुड अभिनेत्री शेरोन टेट अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रही होती हैं...8.5 महीने की प्रेग्नेंट शेरोन को इस बात का जरा भी इल्म नहीं था ये उनके जीवन की आखिरी पार्टी है...उस रात सभी ने एक साथ डिनर किया और डिनर करने के बाद सबको अपने-अपने घर लौट जाना था, लेकिन इस रात की तो कोई सुबह नहीं थी...फ्लैट की डोरबेल बजती है...शेरोन का एक दोस्त जैसे ही दरवाजा खोलता है...चार पांच लोग धड़धड़ाते हुए फ्लैट में दाखिल होते हैं और गोलियां बरसा देते हैं....

जुर्म की दुनिया में आज बात होगी एक ऐसे कातिल की, जिसने क़त्ल की वारदात को अंजाम देने से पहले गूगल से सलाह ली, अपने सारे संशय अलग-अलग सोशल मीडिया पर दूर किए और अंतिम में एक खौफनाक और सिलसिलेवार क़त्ल की वारदात को बेदर्दी से अंजाम दिया, मगर उसका खुद का हश्र भी वो हुआ, जिसे किसी ने सोचा भी नहीं था...

7 अगस्त 1977.... अमेरिका के विस्कॉन्सिन का ईस्ट टाउन मॉल...यहां के पार्किंग स्थल में एक युवा अंतरजातीय जोड़ा हंसी मजाक कर रहा होता है.. लड़के का नाम अल्फोंस मैनिंग जूनियर और लड़की का नाम टोनी श्वेन होता है...दोनों के इस बात का इल्म नहीं होता है कि उनके साथ क्या होने वाला है...अचानक गोली की आवाज सुनाई देती है और ये अंतरजातीय जोड़ा खून से लथपथ जमीन पर पड़ा होता है. नमस्कार मैं हूं आसिफ और आप सुन रहे हैं अपराध लोक...दोस्तों आज मैं आपको ऐसे सीरियल सिरफिरे कातिल की की खौफनाक दास्तां सुनाने जा रहा हूं जो नस्लवाद से प्रेरित होकर अश्वेतों और यहूदियों की हत्या करता था...उसके गुनाहों के लिए उसे छह बार आजीवन कारावास के साथ ही मौत की सजा सुनाई गई...
 

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