प्रोजेक्ट चीता के तहत नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर 17 सितंबर को श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। उन्हें अलग-अलग क्वारंटाइन बाड़ों में रखा गया था। अब धीरे-धीरे उन्हें बड़े बाड़ों में छोड़ा जा रहा है। एक नर चीता 'ओबान' को शुक्रवार को बड़े बाड़े में छोड़ा गया। रिलीज होते ही उसने दौड़ लगा दी। अधिकारी उसकी गतिविधियों को मॉनीटर कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह दो नर चीते अब कूनो के माहौल में रच-बस गए हैं, यह चीता भी माहौल में ढल जाएगा।
मध्यप्रदेश के पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) जसवीर सिंह चौहान की मौजूदगी में तीसरे चीते को बड़े बाड़े में छोड़ा गया। इस चीते का नाम 'ओबान' है। इससे पहले पांच नवंबर को फ्रेडी और एल्टन नाम के दो सगे भाइयों को भी बड़े बाड़े में रिलीज किया गया था। दोनों ही चीते अब कूनो नेशनल पार्क के माहौल में रच-बस गए हैं। चीतल का शिकार कर रहे हैं और उछल-कूद करते देखे जा रहे हैं।
पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जसवीर सिंह चौहान गुरुवार शाम को कूनो पहुंचे। उन्होंने शुक्रवार सुबह सीसीएफ उत्तम शर्मा और डीएफओ पीके वर्मा के साथ बाड़े का निरीक्षण किया। स्थितियों का आंकलन कर संतुष्टि जाहिर की। इसके बाद एक नर चीता को बड़े बाड़े में छोड़ने का निर्णय लिया गया। इसके बाद शुक्रवार को छोटे बाड़े से निकालकर तीसरे नर चीता को बड़े बाड़े में छोड़ा गया। उसकी दिनभर मॉनिटरिंग की गई, जिसमें पाया गया कि चीते ने बड़े बाड़े में दिनभर न केवल उछलकूद की, बल्कि खूब दौड़ भी लगाई।
मध्यप्रदेश के पीसीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) जसवीर सिंह चौहान की मौजूदगी में तीसरे चीते को बड़े बाड़े में छोड़ा गया। इस चीते का नाम 'ओबान' है। इससे पहले पांच नवंबर को फ्रेडी और एल्टन नाम के दो सगे भाइयों को भी बड़े बाड़े में रिलीज किया गया था। दोनों ही चीते अब कूनो नेशनल पार्क के माहौल में रच-बस गए हैं। चीतल का शिकार कर रहे हैं और उछल-कूद करते देखे जा रहे हैं।
पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जसवीर सिंह चौहान गुरुवार शाम को कूनो पहुंचे। उन्होंने शुक्रवार सुबह सीसीएफ उत्तम शर्मा और डीएफओ पीके वर्मा के साथ बाड़े का निरीक्षण किया। स्थितियों का आंकलन कर संतुष्टि जाहिर की। इसके बाद एक नर चीता को बड़े बाड़े में छोड़ने का निर्णय लिया गया। इसके बाद शुक्रवार को छोटे बाड़े से निकालकर तीसरे नर चीता को बड़े बाड़े में छोड़ा गया। उसकी दिनभर मॉनिटरिंग की गई, जिसमें पाया गया कि चीते ने बड़े बाड़े में दिनभर न केवल उछलकूद की, बल्कि खूब दौड़ भी लगाई।