कैमरों के रौशनी से नहाते सितारों की असल जिंदगी अधेरे में कभी-कभी नासूर की तरह हो जाती है। पर्दे पर मुस्कुराते चेहरे के दर्द की आह किसी के कानों तक नहीं पहुंच पाती। कभी तो इस दर्द का पता तब चलता जब जिंदगी मौत के अधेरा में बेजान हो जाती है और शरीर साथ छोड़ चुका होता है। यूं ही कोई पर्दे का सुपर स्टार नहीं बन जाता। इसके लिए हर रोज एक किश्त चुकानी पड़ती है। आज कहानी ऐसी ही एक स्टार कि जिसने उम्र की उस चौखट पर मौत चूम ली जब जवानी में जी लेने की तिलमिलाहट होती है।